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उपराष्ट्रपति ने सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम चलाने के लिए ईएसआईसी की प्रशंसा की

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि लचीलेपन, अनुसंधान और पुनर्निमाण’ से भारत को कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने में सहायता मिली है। उन्होंने महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों का तकनीकी समाधान खोजने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के अथक प्रयास और उनकी प्रतिभा की सराहना भी की।

नई दिल्ली में विज्ञान भवन में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज (फरीदाबाद) के पहले स्नातक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने वायरस के प्रसार की रोकथाम का श्रेय देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं द्वारा किए गए समयबद्ध और निर्णायक उपायों को दिया। उन्होंने कहा, मैं डॉक्टरों से लेकर नर्सों, पैरा मेडिकल कर्मचारियों और स्वच्छता कर्मचारियों, तकनीशियनों और गांवों में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं तक पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र का अभिवादन करता हूं, जिन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक टीम इंडिया के रूप में एकजुट होकर काम किया।

श्री नायडू ने पीपीई किट्स, सर्जिकल दस्तानों, फेस मास्क, वेंटिलेटर और वैक्सीन जैसे आवश्यक सामानों का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में ईएसआईसी द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल और पैरा मेडिकल संस्थानों की भूमिका की भी सराहना की। विद्यार्थियों के जीवन में स्नातक समारोह को एक यादगार दिन बताते हुए श्री नायडू ने उनसे सेवा की नई प्रतिबद्धता के साथ अपने जीवन के अगले दौर में प्रवेश करने के लिए कहा। उन्होंने उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों से कहा, मेरा हमेशा से ही ये मानना रहा है कि यदि आप निःस्वार्थ समर्पण भाव से मानवता की सेवा करते हैं, तो आपको असीम संतोष मिलेगा।

चिकित्सा के पेशे को गरिमापूर्ण पेशे के रूप में बताते उपराष्ट्रपति ने सहानुभूति की आवश्यकता और इसमें नैतिकता व मूल्यों के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इन मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। समारोह के दौरान, उप राष्ट्रपति यह देखकर काफी खुश हुए कि सभी पदक विजेता लड़कियां थीं। उन्होंने उनको बधाई दी और हर क्षेत्र में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि वे एक ऐसी दुनिया में कदम रख रहे हैं, जहां मौजूदा महामारी के चलते उनके पूर्ववर्तियों की तुलना में ज्यादा जटिल चुनौतियां हैं। वह चाहते हैं कि वे इस कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाएं।

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