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अमेरिका, रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश समेत 73 देशों के राजनयिक पहुंचे प्रयागराज, संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज में दुनिया के 73 देशों के राजनयिकों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया संवाद.महाकुम्भ नगर के पुलिस लाइन सभागार में विदेशी राजनयिकों ने साझा किए अपने अनुभव.दुनियाभर के राजनयिकों ने किये बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन.योगी सरकार व विदेश मंत्रालय द्वारा राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था पर जताई खुशी .

  • उत्तर प्रदेश में स्पिरिचुअल टूरिज्म की असीम संभावनाएं : योगी आदित्यनाथ

महाकुम्भ नगर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व के 73 देशों के सौ से अधिक राजनयिकों संग शनिवार शाम संवाद किया। महाकुम्भ नगर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने विदेशी राजनयिकों को महाकुम्भ और प्रयागराज के महात्म्य से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि भारत के अधिकांश तीर्थ गंगा तट पर ही स्थित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्पिरिचुअल टूरिज्म में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने राजनायिकों का प्रयागराज में स्वागत करते हुए कहा कि उन सभी की ये यात्रा निश्चित रूप से स्मरणीय साबित होगी। जब वो यहां से लौटेंगे तो स्वयं के साथ यादगार अनुभव लेकर जाएंगे।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया महाकुम्भ को कौतूहल की दृष्टि से देख रही है। आप सभी का यहां आना हमे प्रफुल्लित करता है। महाकुम्भ का ये पर्व हम सभी को आनंदित करता है। मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगमस्थली पर बसा प्रयागराज दुनिया की प्राचीन नगरी है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। अबतक देश और-दुनिया से करीब 35 करोड़ लोग यहां आकर संगम स्नान कर चुके हैं। 26 फरवरी तक 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इस अवसर पर विदेशी राजनयिकों ने भी अपने अनुभवों को सीएम योगी के सामने साझा किया।

त्रिवेणी संकुल में हुआ विदेशी मेहमानों का स्वागत

भारत की प्राचीन परंपरा और संस्कृति का साक्षात्कार करने 73 देशों राजनयिक प्रयागराज के महाकुम्भ में सम्मिलित हुए। आस्था और आध्यात्म के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ में राजनयिकों का सबसे पहले अरैल क्षेत्र स्थित त्रिवेणी संकुल में यूपी सरकार की ओर से स्वागत और अभिनन्दन किया गया। वहां से सभी राजनयिकों को जेटी बोट के जरिए पवित्र त्रिवेणी संगम का दर्शन करवाया गया। उन्हें देश की सनातन संस्कृति और उसमें पवित्र संगम व महाकुम्भ की महत्ता के बारे में बताया गया। कुछ देश के राजनयिकों ने संगम में पवित्र स्नान और गंगा जल का आचमन भी किया। इसे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।

अक्षयवट और बड़े हनुमान का किया दर्शन

संगम स्नान के बाद सभी राजनयिकों ने यूपी टूरिज्म की लक्जरी बसों से महाकुम्भ मेले का भ्रमण करते हुए अक्षयवट कॉरीडोर और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन किया। अक्षयवट कॉरीडोर में राजनयिकों कों सरस्वती कूप का भी दर्शन करवाया गया। भारतीय संस्कृति में नदियों, वृक्षों की पूजन परंपरा और उनके आध्यात्मिक महत्व को जान कर कई देशों के राजनयिक विशेष रूप से प्रभावित हुए। हनुमान मंदिर का दर्शन कर राजनयिकों का काफिला मेला क्षेत्र में बने पुलिस लाइन के सभागार पहुंचा। सभागार में राजनयिकों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा तथा प्रयागराज से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।

हिंदू संस्कृति को समझने के लिए प्रयागराज आकर उत्सुक दिखे विभिन्न देशों के राजदूत

महाकुम्भ नगर : महाकुम्भ-2025 में शनिवार को विभिन्न देशों के राजनयिकों व विदेशी अतिथियों का आगमन हुआ। 73 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिव्य-भव्य, नव्य महाकुम्भ को देख अभिभूत हो उठा। इन अतिथियों ने कहा कि महाकुम्भ भारतीय संस्कृति व धरोहर को दर्शाता है। प्रयागराज पहुंचकर इन लोगों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। इन अतिथियों ने योगी सरकार व विदेश मंत्रालय द्वारा राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था पर खुशी भी जताई। वहीं प्रयागराज पहुंचने पर अतिथियों का स्वागत किया गया।

बहुत ही खास आयोजन है महाकुम्भ

मुझे बहुत खुशी है कि राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था कर रहा है। महाकुंभ मेला बहुत ही खास आयोजन है, खासकर इस साल। इसलिए मैं हिंदू संस्कृति को समझने के लिए वहां जाने को उत्सुक हूं।”
केइची ओनो, भारत में जापान के राजदूत

परंपराओं का पालन कर हूं खुश

मैं इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेकर प्रसन्न हूं। यहां की परंपराओं का पालन करके बहुत खुशी भी हो रही है।
मारियानो काउचिनो, भारत में अर्जेंटीना के राजदूत

महाकुम्भ के वातावरण का लूंगी आनंद

मैं कई वर्षों से भारत से जुड़ी हुई हूं। मैं हमेशा यहां आना चाहती थी, लेकिन कभी भी किसी कुम्भ में जाने का अवसर नहीं मिला। आज यह खास और शुभ महाकुम्भ का समय है, यह सौभाग्य है कि मैं भारत में हूं। मैं यहां के वातावरण का आनंद लूंगी। यह दृश्य मेरी आँखों और आत्मा के लिए गौरवान्वित करने वाला है। मैं यहां पवित्र स्नान करूंगी। यह निश्चित रूप से भारतीय धरोहर और संस्कृति को दर्शाता है, जिस पर गर्व होना चाहिए।
डायना मिकेविकिएने, भारत में लिथुआनिया की राजदूत

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