![](https://i0.wp.com/cmgtimes.com/wp-content/uploads/2021/01/Coronavirus-Graphic-7.jpg?fit=794%2C412&ssl=1)
कोरोना की काली साया से मुक्ति की ओर यूपी
कोरोना कर्फ्यू से छूट पाने वाले जिलों की संख्या बढ़कर 64 हुई । छूट वाले जिलों में तेजी से पटरी पर लौटने लगी जिंदगी । पीक से सक्रिय केसेज की संख्या में करीब 92 फीसद कमी।
गिरीश पांडेय
उत्तरप्रदेश कोरोना की काली साया से तेजी से पूरी तरह मुक्ति की ओर अग्रसर है। ऐसे में 600 से कम मानक वाले जिन जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट मिल रही है,वहां के लोगों की ज़िंदगी तेजी से पटरी पर लौट रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस इनोवेटिव मॉडल के नाते स्थानीय जिला प्रशासन में खुद को छूट वाले मानक में लाने के लिए स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा मची है। लोग भी कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन कर इसमें भरपूर सहयोग कर रहे हैं। नतीजतन रोज कोई न कोई जिला छूट वाले मानक में शामिल हो रहा है। इस क्रम में आज झांसी भी आज कोरोना कर्फ्यू में शामिल हो गया। इस तरह अब ऐसे जिलों की संख्या 64 हो गई।
कोरोना के बाकी मोर्चो से भी लगातार अच्छी खबरें हैं।
97 फीसद से ऊपर पहुंचा रिकवरी रेट
रिकवरी रेट सुधरकर 97.4 फीसद तक पहुंच गई। कल यह 97.1 फीसद थी। सक्रिय केसेज की संख्या में पीक से 91.8 फीसद कमी आ चुकी है। 30 अप्रैल को सक्रिय केसेज की संख्या रिकॉर्ड 3 लाख 10 हजार के करीब थे। आज यह घटकर 25546 तक सिमट गई। इसी तरह 24 घंटे में आने वाले संक्रमण के नए केस की संख्या घटकर 1268 पर आ गए। 24 अप्रैल को यह संख्या सर्वाधिक 38055 थी। इस तरह पीक से इसमें भी करीब 90 फीसद की कमी आ चुकी है। पिछले कई दिनों की तरह नए संक्रमण की तुलना में स्वस्थ्य होने वालों की संख्या अधिक 4260 रही।
प्रभावी नियंत्रण के बावजूद
सरकार सतर्क : टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट को मूलमंत्र मानकर कम समय और कम संसाधनों में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण पाने के बावजूद सरकार सतर्क है। सीएम योगी का साफ निर्देश है कि स्थानीय प्रशासन कोरोना कर्फ्यू के नियमों का कड़ाई से पालन कराए। रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने। छूट के तय समय में बाहर निकलने वालों से अनिवार्य रूप से कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। लोगों को इस बाबत जागरूक करने के लिए पुलिस प्रशासन सक्रिय और संवेदनशील बने। बढ़ाने की जरूरत है। फुट पेट्रोलिंग, चेंकिंग और जहां जरूरत हो कार्रवाई भी करें।