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तीसरी बार इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन करने वाला देश का पहला राज्य बना यूपी

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के तीसरे संस्करण का सोमवार को भव्य समापन हुआ। समापन समारोह में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यूपी ने अपने कारीगरों, उद्यमियों और शिल्पकारों को वैश्विक मंच प्रदान किया है। इस बार रूस पार्टनर कंट्री रहा और 30 से अधिक रुसी प्रतिनिधियों ने निवेश में रुचि दिखाई। 2,200 से अधिक स्टॉल्स पर 80 देशों के 500 से ज्यादा खरीदारों ने खरीदारी की। आयोजन के दौरान 24,000 से अधिक मीटिंग्स और 2,400 एमओयू से 11,200 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ।“खादी फॉर नेशन – खादी फॉर फैशन” जैसे आयोजन ने खादी को नया फैशन ट्रेंड बनाया। ओडीओपी और एमएसएमई योजनाओं से हजारों कारीगरों को पहचान और ऑर्डर मिले।

ग्रेटर नोएडा । इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के तृतीय संस्करण का सोमवार को भव्य समापन हुआ। अंतिम दिन कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने उद्बोधन दिया और इसे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक अवसर बताया।

आयोजन ने प्रदेश के उद्यमियों और कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ा

राकेश सचान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने लगातार तीसरी बार अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन ने प्रदेश के उद्यमियों और कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ा और उन्हें नया आत्मविश्वास दिया।

निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए 30 से अधिक रुसी प्रतिनिधि

पिछले संस्करण में 70 हजार विजिटर्स, 1.25 हजार बी2बी और 4 लाख से अधिक बी2सी सहभागिता दर्ज हुई थी। इस बार रूस पार्टनर कंट्री रहा और निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए 30 से अधिक रुसी प्रतिनिधि पहुंचे। 2,200 से अधिक स्टॉल लगे और 80 से अधिक देशों के 500 से ज्यादा खरीदारों ने खरीदारी की।

26 शैक्षणिक संस्थानों ने किया करार

राकेश सचान ने बताया कि सीएम युवा उद्यमी अभियान से 90 हजार से अधिक युवाओं को जोड़ा गया। 26 शैक्षणिक संस्थानों ने करार किए और छात्रों ने नए बिजनेस अवसरों के बारे में जानकारी ली। ओडीओपी और एमएसएमई योजनाओं से कारीगरों को मंच और ऑर्डर मिले, वहीं श्रम सम्मान योजना ने भी उन्हें मजबूती दी। प्रधानमंत्री मोदी ने इन योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर सम्मान दिया।

वन ट्रिलियन डॉलर इकोनमी बनने की और अग्रसर यूपी

खादी को प्रोत्साहित करने के लिए खादी फॉर नेशन-खादी फॉर फैशन का आयोजन हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों को आकर्षित किया। प्रदेश का निर्यात 80 हजार करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ तक पहुंचा है और यह यूपी को वन ट्रिलियन इकॉनमी लक्ष्य की ओर ले जा रहा है।

9 अक्तूबर से सभी 75 जिलों में लगेंगे यूपीआईटीएस मेले

सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि दीपावली से पहले 9 अक्तूबर से सभी 75 जिलों में यूपीआईटीएस के तहत स्थानीय उत्पादों के मेले लगाए जाएंगे, ताकि हर उद्यमी को बड़ा बाजार मिल सके और लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित हों।

चौथे संस्करण के आगाज का भी संकेत

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन तृतीय संस्करण का समापन ही नहीं, बल्कि चौथे संस्करण के आगाज का भी संकेत है। उन्होंने इसे कारीगरी, हुनर और शिल्प का आधुनिक मेला बताया, जिसमें एक छत के नीचे 2500 एग्जिबिटर्स ने स्टॉल लगाए।

नंदी ने कहा कि पिछले चार दिनों में 24,400 से अधिक मीटिंग्स हुईं और 2400 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिनसे 11,200 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक व्यापार हुआ है। पांचवें दिन यह आंकड़ा और ऊंचाई पर पहुंचेगा।

गन्ने की खेती में AI और मशीन लर्निंग के उपयोग पर मंथन,आधुनिक तकनीक से खेती और मिलों को नई दिशा देने पर जोर

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के आखिरी दिन सोमवार को गन्ना विभाग द्वारा “सतत विकास हमारा प्रयास” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में गन्ना उत्पादन बढ़ाने, किसानों की समस्याओं के समाधान और गन्ना उद्योग को नई तकनीक से जोड़ने पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें यूपीसीएसआर के डायरेक्टर वी.के. शुक्ला, सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर अजय कुमार तिवारी, मवाना शुगर के एमडी आर.के. गंगवार और जॉइंट केन कमिश्नर आर.सी. पाठक समेत कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखे।

वी.के. शुक्ला ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार का प्रयास रहा है कि किसानों को समय पर भुगतान मिले और चीनी मिलों की क्षमता में वृद्धि हो। अबतक 38 चीनी मिलों ने अपनी क्षमता बढ़ाई है ताकि पेराई समय पर हो सके।उन्होंने कहा कि भविष्य में गन्ने की खेती में रिमोट सेंसिंग, AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे खेतों की निगरानी आसान तो होगी ही, फसलों को लगने वाली बीमारियों का समय से उपचार किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि भविष्य में चीनी मिलें केवल चीनी उत्पादन का केंद्र नहीं रहेंगी, बल्कि इससे जुड़े कई अन्य उत्पादों का हब बनेंगी।

सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर अजय कुमार तिवारी ने किसानों से अपील की कि वे खेतों में अंधाधुंध खाद का इस्तेमाल न करें। उन्होंने गन्ने की फसल को लगने वाले लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अगले पांच सालों में इस बीमारी पर नकेल कसने की पूरी कवायद होगी।वहीं, जॉइंट केन कमिश्नर आर.सी. पाठक ने कहा कि लाल सड़न रोग की वजह से गन्ने की Co-238 प्रजाति को काफी नुकसान हुआ है। कभी यह सबसे लोकप्रिय किस्म थी, लेकिन रोग और उत्पादन क्षमता घटने की वजह से किसान अब इसे लगाने से बचने लगे हैं।कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने इस बात पर सहमति जताई कि नई तकनीकों के प्रयोग से गन्ने की खेती और चीनी उद्योग दोनों को स्थायी विकास की नई दिशा मिलेगी।

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