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दो मासूमों को मिली नयी जिंदगी, तीन और रेफर

जिले के तीन और बच्चे इलाज के लिए भेजे गए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज ,आरबीएसके की टीम ने चिन्हित किया था हृदय रोग पीड़ित पांचों बच्चों को .

महराजगंज । जनपद के दो मासूमों को चिकित्सकों के प्रयास से नयी जिंदगी मिल सकी है ,मगर अब स्वास्थ्य विभाग ने तीन और बच्चों को इलाज के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया है। यह सभी पांचों बच्चे दिल की बीमारी से ग्रसित थे। इनको चिन्हित किया था राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ( आरबीएसके) की टीम ने। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिन दो मासूमों को नयी जिंदगी मिली है,उनमें लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम अमहवां निवासी फैजान अहमद (7) तथा बृजमनगंज ब्लाक के ग्राम बडगो निवासी अमित (13) के नाम शामिल हैं। फैजान आंगनबाड़ी केन्द्र अमहवां तथा अमित जूनियर हाई स्कूल बड़गो पर पंजीकृत है। दोनों को आरबीएसके टीम के चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों ने वर्ष 2019 में ही चिन्हित किया था। दोनों के दिल में छेद था। दोनों को इलाज के लिए उसी समय अलीगढ़ मेडिकल कालेज रेफर किया गया था,मगर बाद में लाकडाउन की वजह से आपरेशन नहीं हो सका।

इसी माह दोनों मासूमों का अलीगढ़ कार्डियोलाजिस्ट सेंटर में चिकित्सकों के प्रयास से निःशुल्क और सफल आपरेशन हुआ।अब दोनों को नयी जिंदगी मिल गयी है।आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डाॅ.मोहम्मद कमरूज्जमा लारी तथा आरकेएसके के जिला समन्वयक शिवेन्द्र ने बताया कि उपरोक्त दोनों के अलावा अभी तीन और हृदय रोगियों को इलाज के लिए 8 और 13 मार्च के बीच अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। इनमें नौतनवा ब्लाक के ग्राम पंचायत पोखरभिंडा स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत मसीरा खातून( 3), बृजमनगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत गुलरिहा के प्राथमिक विद्यालय पर पंजीकृत सत्यम( 9) तथा कोल्हुई मदरसा में पंजीकृत आयशा( 18) के नाम हैं। हृदय रोग से ग्रसित इन पांचों रोगियों को आरबीएसके टीम के चिकित्सक डाॅ.मनीष, डाॅ.मंजय शर्मा, डाॅ.संदीप सिंह और डाॅ.विश्वजीत की टीम ने चिन्हित किया। डीईआईसी मैनेजर ने बताया कि जल्दी कुछ और बच्चे इलाज के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किए जाएंगे। उनका चिन्हांकन भी हो गया है। रेफर करने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के सहयोग से मिली मेरे नाती को नयी जिंदगी- गुलशेर

महराजगंज। फैजान के बाबा गुलशेर ने बताया कि इसी माह के प्रथम सप्ताह में फैजान का आपरेशन हुआ। अब वह ठीक होकर घर आ गया है। उनके नाती को नयी जिंदगी देने में सीएमओ कार्यालय, आरबीएसके एवं आरकेएसके के अधिकारियों की अहम भूमिका है। इलाज कराने में केवल किराया भाड़ा व खून ही देना पड़ा। आपरेशन की सारी व्यवस्था नि:शुल्क हुई।

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