पटना : बिहार में चुनाव संपन्न हो चुका है। एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। एग्जिट पोल के नतीजों से महागठबंधन में खुशी की लहर दिखाई दे रही है तो एनडीए गठबंधन में मायूसी है। हालांकि ये असल नतीजे नहीं है। 10 नवंबर को स्थिति साफ हो जाएगी कि प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है। मतगणना को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी पुख्ता इंतजाम किए हैं। पोल पैनल के मुताबिक सभी 38 जिलों में कुल 55 काउंटिंग सेंटर्स, 414 हाउसिंग हॉल्स तैयार किए गए हैं।
चार जिलों में तीन काउंटिंग सेंटर्स बनाए गए हैं- पश्चिमी चंपारण (12 विधानसभा सीटें), गया (10 विधानसभा सीटें), सिवान (आठ विधानसभा सीटें) और बेगूसराय (सात विधानसभा सीटें), अन्य जिलों में एक या दो काउंटिंग सेंटर्स बनाए जा रहे हैं।
वहीं अगर राजधानी पटना की बात करें तो सभी 14 विधानसभा सीटों के लिए अनुग्रह नारायण (एएन) कॉलेज में काउंटिंग सेंटर बनाया गया है। बता दें, बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया तीन चरणों में (28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर) संपन्न हो गई है।
कांग्रेस को सता रहा टूटने का डर
एग्जिट पोल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनने के संकेत मिल रहे हैं। एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को अब अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है। कांग्रेस अब एक्टिव मोड में आ गई है। कांग्रेस ने मतगणना के बाद विधायकों को एकजुट रखने के लिए दो वरिष्ठ नेताओं को पटना भेजा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सिंह सुरजेवाला को पटना भेजा है। इन दोनों नेताओं को चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद के हालात में प्रबंधन की जिम्मेदारी देकर भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक एग्जिट पोल में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच करीबी लड़ाई का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में विरोधी खेमे की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास किए जा सकते हैं। इसे देखते हुए दोनों नेताओं को पटना भेजा गया है। ये दोनों नेता बिहार में रहेंगे और गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय बनाए रखेंगे।