
HMPV : मेटान्यूमो वायरस के तीन मामलों की पुष्टि
भारत में वायरस की एंट्री: बेंगलुरु में मिला पहला केस
नयी दिल्ली : देश में मानव मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के तीन मामले सामने आये हैं जिनमें दो कर्नाटक से और एक गुजरात से है।एचएमपीवी के तमिलनाडु में दो मामले आने की भी खबरें है हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हुई है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा है कि एचएमपीवी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है। भारत में यह सबसे पहले वर्ष 2001 में पाया गया था। इसके संबंध में देश में ही विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में छह अध्ययन किए गए हैं। यह वायरस मुख्य रूप से सर्दी के मौसम के अंत और बसंत ऋतु की शुरुआत में दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि देश में श्वसन संबंधी बीमारियों में कोई वृद्धि नहीं है। विभिन्न चिकित्सा संस्थान स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी चीन की अद्यतन जानकारी देने का अनुरोध किया गया है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की नियमित जांच से कर्नाटक में मानव मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों का पता चला हैं। दोनों मामलों की पहचान देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों के अंतर्गत सामने आये हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि यह वायरस पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में मौजूद है और इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में मिले हैं। इसके अलावा आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।मंत्रालय ने कहा है कि तीन महीने की एक कन्या को ब्रोन्कोन्यूमोनिया रोग के साथ बेंगलुरु के बैप्टिस्ट अस्पताल भर्ती कराया गया था। इसकी जांच एचएमपीवी का पता चला। नियमित उपचार के बाद उसे अब छुट्टी दे दी गई है।
इसके अलावा तीन जनवरी को आठ महीने का एक बालक भी ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे भी एचएमपीवी से पीडित पाया गया। यह शिशु अब ठीक हो रहा है। दोनों पीड़ितों ने या इनके संपर्क में किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।इस बीच एचएमपीवी से तमिलनाडु में दो और गुजरात में एक मामला सामने आने की खबरें मिली है। हालांकि उनकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। गुजरात के अहमदाबाद के अस्पताल में एक बच्चा भी एचएमपीवी से पीड़ित है और उसका इलाज चल रहा है। यह बच्चा लगभग 15 दिन पहले राजस्थान से अस्पताल में लाया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी की जा रही है। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण की निगरानी जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी दे रहा है ताकि चल रहे उपायों के बारे में और जानकारी दी जा सके। भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तैनात की जा सकती है। (वार्ता)
क्या है HMPV वायरस?
HMPV यानी ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस एक आरएनए वायरस है। यह श्वसन तंत्र पर हमला करता है और जुकाम, खांसी, और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं पैदा करता है। यह वायरस मुख्य रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत में सक्रिय रहता है। चीन में इस वायरस ने लाखों लोगों को संक्रमित कर दिया है। अब भारत में इसकी एंट्री चिंता का कारण बन रही है। खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह वायरस गंभीर खतरा हो सकता है।
कैसे फैलता है HMPV वायरस?
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है। दूषित सतहों को छूने और संक्रमित लोगों के करीब रहने से भी इसका प्रसार होता है। चीन में इस वायरस के कारण मास्क की वापसी हो गई है। भारत में भी स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। अस्पतालों को संक्रमण से निपटने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
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