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योगी के नेतृत्व में इतिहास हो जाएगा पूर्वांचल का पिछड़ापन : डॉ सतीश द्विवेदी

पूर्वी उत्तर प्रदेश में एम्स, खाद कारखाना, शानदार एयर और रोड कनेक्टिविटी जैसी व्यवस्थाएं . ओडीओपी जैसी जमीनी रोजगारपरक योजनाओं से बदल रही पूर्वांचल की तस्वीर . पूर्वांचल के सतत विकास को लेकर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार के सामाजिक सत्र में बोले बेसिक शिक्षा मंत्री .

लखनऊ : प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश द्विवेदी ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में तेजी से पूरे प्रदेश विकास का समग्र विकास हो रहा है। तरक्की की इस तेज रफ्तार के मद्देनजर पूरे भरोसे से कहा जा सकता है कि कुछ ही वर्षों में पूर्वांचल का पिछड़ापन इतिहास बन कर रह जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार तब पूर्वांचल पूरे देश का सिरमौर बनेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री शुक्रवार शाम गोरखपुर विश्वविद्यालय और नियोजन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पूर्वांचल के सतत विकास विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार एवं संगोष्ठी के सामाजिक क्षेत्र के छठवें तकनीकी सत्र की ऑनलाइन अध्यक्षता कर रहे थे।

डॉ द्विवेदी ने कहा कि पूर्वांचल के विकास के लिए एक बार तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने प्रयास किया था लेकिन उनका कार्यकाल संक्षिप्त रहा। लिहाजा बहुत कुछ नहीं हो सका। 2017 में योगीजी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब पूर्वांचल के माथे से पिछड़ेपन का धब्बा दूर हो रहा है। अब पूर्वांचल की गिनती पिछड़े नहीं बल्कि विकासशील क्षेत्र के रूप में होती है। एम्स, खाद कारखाना, शानदार एयर और रोड कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं, ओडीओपी जैसी जमीनी एवं रोजगारपरक योजनाओं से पूर्वांचल की तस्वीर बदल रही है।

शिक्षा की बुनियाद मजबूत किए बिना सामाजिक विकास बेमानी

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सतत और स्थाई विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास में संतुलन की जरूरत होती है। विकास की नई परिभाषा में सामाजिक और ढांचागत विकास का भी समान महत्व है। सामाजिक विकास शिक्षा की बुनियाद मजबूत किए बिना अधूरी है। यह सुखद है कि पूर्वांचल और पूरा प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक समय तक पूर्वांचल में प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर के अलावा उच्च शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं थी लेकिन योगी सरकार के प्रयास से वर्तमान में हर जिले में उच्च शिक्षा का मुकम्मल इंतजाम है। सभी जिलों में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे सकारात्मक बदलाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीचर एजुकेशन प्रोग्राम यूपी में शुरू किया गया है। पूर्व की सरकारों ने स्कूलों में ढांचागत सुविधाओं की अनदेखी की थी, वर्तमान सरकार का पूरा फोकस इस क्षेत्र पर है। कोरोना के असाधारण संकट में किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि बेसिक स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई होगी, लेकिन योगी जी के मार्गदर्शन में इसे साकार कर दिखाया गया।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि तीन साल में बेसिक स्कूलों में 1.25 लाख शिक्षकों की भर्ती की गई है। 15000 मॉडल और 5000 स्मार्ट क्लास वाले स्कूल बनाए गए हैं। स्कूलों की डे टू डे मॉनिटरिंग हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री के वक्तव्य “अपने बल पर आगे बढ़ना होगा” को दोहराते हुए कहा कि इसी प्रेरणा से हम अग्रणी पूर्वांचल बनाकर दिखाएंगे। इस सत्र में महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्राइमरी शिक्षा के नए स्वरूप, निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने बेसिक शिक्षा की दृष्टि विषय पर वक्तव्य देते हुए प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में मिशन प्रेरणा और ऑपरेशन कायाकल्प से जारी बदलाव के प्रयासों की रुपरेखा प्रस्तुत की।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा शास्त्र विभाग की आचार्य सुषमा पांडेय ने बालिकाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने एक अध्ययन की रिपोर्ट पेश की तो राजनीति शास्त्र विभाग के डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने पूर्वांचल में शिक्षा की स्थिति और अवसर की संभावनाओं का विश्लेषण करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सत्र की सह अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के प्रो आरपी सिंह ने की।

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