
वैशाली महोत्सव में जनतंत्र पर होगी सारगर्भित चर्चा: सहस्त्रबुद्धे
नयी दिल्ली : भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद और नालंदा विश्वविद्यालय बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में 15 सितम्बर से अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला ‘वैशाली फेस्टिवल आफ डेमोक्रेसी’ ( वैशाली जनतंत्र-महोत्सव) आयोजित करेगा। इसका उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे।परिषद के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि अंतरराष्ट्रीय जनतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित यह महोत्सव जनतंत्र के विचार को मूर्तरूप देने में भारत के योगदान को रेखांकित करेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के वैशाली के दुनिया का प्रथम गणतंत्र होने के सम्मान स्वरूप यह आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्राचीन वैशाली राज्य की समानता, स्वतंत्रता और स्व-शासन की विरासत को व्यापक रूप से दुनिया के सामने उभारने प्रयास होगा।डॉ सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि इस महोत्सव में दो प्रमुख चर्चा सत्र होंगे , जिसमें कई विद्वान शामिल होंगे। इनमें एक का विषय होगा- जनतंत्र की संस्कृति और दूसरे सत्र का विषय होगा- जनतंत्र का क्रियान्वयन।उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पुस्तक ‘मैनस्प्रिंग ऑफ डेमोक्रेटिक ट्रेडिशंस ’ का विमोचन भी किया जायेगा। इस पुस्तक का संपादन डॉ प्रियदर्शी दत्ता ने किया है। इस पुस्तक में जनतांत्रिक मूल्याें , उनके ऐतिहासिक तथ्यों आदि का वर्णन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के फेस्टिवल का यह पहला वर्ष है , आने वाले वर्षों में यह और आगे बढ़ेगा।डाॅ सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि वैशाली जनतंत्र-महोत्सव के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद होंगे। इसमें चिली, मिस्र और नेपाल के राजदूत तथा श्रीलंका के उच्चायुक्त भी शामिल होंगे।उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि परिषद विदेशों में हिंदी समेत भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है और जिन देशों से हिंदी की पुस्तकों आदि की मांग आती है तो उन्हें पुस्तकें उपलब्ध करायी जाती हैं। (वार्ता)