मुंबई : वैश्विक बाजार की तेजी के बावजूद देश में कोरोना की आहट से सहमे निवेशकों की चौतरफा बिकवाली के दबाव में शेयर बाजार आज लगातार तीसरे दिन भी सहमा रहा।देश में ओमीक्रॉन के वेरिएंट बीएफ7 के मामले मिलने से निवेशकों की निवेश धाराणा पर असर पड़ा है। इससे बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 241.02 अंक यानी 0.39 प्रतिशत लुढ़ककर डेढ़ माह के निचले स्तर 61 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 60826.22 अंक पर रहा। इससे पूर्व यह 10 नवंबर को 60613.70 अंक पर रहा था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 71.75 अंक अर्थात 0.39 प्रतिशत गिरकर 18127.35 अंक पर आ गया।दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई का मिडकैप 0.77 प्रतिशत उतरकर 25,285.23 अंक और स्मॉलकैप 1.83 प्रतिशत टूटकर 28,421.52 अंक पर रहा। इस दौरान बीएसई में कुल 3652 कंपनियों के शेयरों में काराेबार हुआ, जिनमें से 2790 में बिकवाली जबकि 767 में लिवाली हुई वहीं 95 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 41 कंपनियों में गिरावट जबकि शेष नौ में तेजी रही।
बीएसई के 18 समूह बिकवाली के दबाव में रहे। इस दौरान कमोडिटीज 0.90, सीडी 1.10, ऊर्जा 0.76, एफएमसीजी 0.70, वित्तीय सेवाएं 0.59, इंडस्ट्रियल्स 1.78, दूरसंचार 0.98, यूटिलिटीज 1.60, ऑटो 1.05, कैपिटल गुड्स 1.57, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 0.78, धातु 1.15, तेल एवं गैस 0.86, पावर 1.49 और रियल्टी समूह के शेयर 1.33 प्रतिशत गिर गए।चीन के शंघाई कंपोजिट की 0.46 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.46, जर्मनी का डैक्स 0.05, जापान का निक्केई 0.46 और हांगकांग का हैंगसेंग 2.71 प्रतिशत की उछाल पर रहा।
कोविड से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है सरकार: मंडाविया
सरकार ने आज कहा कि दुनिया के कुछ देशों में कोविड संक्रमण के बढते मामले तथा बड़ी संख्या में हो रही मौतों के कारण उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और देश सभी एहतियाती कदम उठाते हुए स्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बारे में संसद के दोनों सदनों में स्वत: वक्तव्य देते हुए कहा कि देश में स्वास्थ्य ढांचे की स्थिति अच्छी है तथा जरूरी दवाओं और आक्सीजन तथा अन्य उपकरणों का पर्याप्त भंडार है।
सदस्यों के स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देश इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और वह स्वयं विश्व स्वास्थय संगठन के संपर्क में हैं। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत की जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर इसे अनिवार्य भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के सभी बड़े अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और उन पर नजर रखी जा रही है।उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में देश में कोविड संक्रमण की दर में कमी आयी है प्रति दिन औसतन 153 नये मामले सामने आ रहे हैं जबकि दुनिया में यह संख्या 5 लाख 87 हजार है।
जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका , फ्रांस , ग्रीस और इटली जैसे देशों में कोविड के मामलों तथा मृत्यु के आंकड़े बढ रहे हैं। चीन में भी कोविड के मामले तथा इसके कारण होने वाली मृत्यु के बारे में खबरें छप रही हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने स्थिति को देखते हुए राज्यों को परामर्श जारी कर एहतियाती कदम उठाने तथा सामुदायिक निगरानी बढाने के साथ साथ लोगों को जागरूक करने को कहा है। राज्यों से पॉजिटिव मामलों की जीनोम स्किवेंसिग करने के लिए कहा गया है जिससे समय रहते नये वेरियंट का पता लगाया जा सके। नये वर्ष के समारोह तथा त्यौहारों को देखते हुए भी राज्यों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करने को कहा गया है।
श्री मांडविया ने कहा कि राज्यों से लोगों को कोविड वैक्सीन की एहतियाती खुराक पर भी जोर देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि वह सभी सांसदों से भी अपील करते हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को इस बारे में जागरूक करें तथा कोविड पोटोकाल का पालन कराने में सहयोग करें।उन्होंने कहा कि देश में अब तक 220 से भी अधिक लोगों को वैक्सीन के टीके लगाये जा चुके हैं। देश की 90 प्रतिशत आबादी को दोनों टीके लग चुके हैं और 22 करोड से अधिक लोगों को एहतियाती डोज दी गयी है।श्री मांडविया ने कहा कि कोविड के मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के तीन सांसदों द्वारा चिंता व्यक्त किये जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनकी भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकाल का पालन किये जाने की मांग की है और इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।(वार्ता)