Varanasi

तमिलनाडु से आये दूसरे जत्थे ने गंगा स्नान कर चक्रलिंगेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन किया

वाराणसी । एक माह तक चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ में भाग लेने आये तमिलनाडु के दूसरे जत्थे ने बुधवार को हनुमान घाट पर गंगा स्नान कर दानपुण्य के बाद घाटों पर और हनुमान घाट की गलियों में भ्रमण किया।

जत्थे ने हनुमान घाट स्थित तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती के घर को भी देखा। यहां पर महाकवि के परिजनों से मिलकर तमिल साहित्य के इतिहास के बारे में जानकारियां ली। इसके बाद यहां पर मौजूद चक्रलिंगेश्वर मंदिर और काम कोटिश्वर पीठ और द्रविड़ शैली में बने काम कोटिश्वर मंदिर में भी विधिवत दर्शन-पूजन किया। दर्शन पूजन के बाद दल शाम को भी शहर में भ्रमण पर निकलेगा।

अतिथियों का दूसरा दल गुरूवार को प्रयागराज और अयोध्या के दौरे पर भी जाएगा। एक माह तक चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ में तमिलनाडु से कलाकारों, छात्रों, साहित्यकारों, कामगारों के कई ग्रुप वाराणसी भ्रमण करने आएंगे।

उल्लेखनीय है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन किया था। उसके बाद अलग-अलग समूहों में तमिलनाडु से लोग वाराणसी भ्रमण पर आ रहे हैं। एक माह तक होने वाले इस आयोजन में तमिलनाडु के अलावा काशी के लोग भी बड़े उत्साह से आयोजन में भागीदारी कर रहे हैं।

शहर में मिनी तमिलनाडु का नजारा

शहर के हरिश्चंद्र घाट पर ‘काशी कामकोटिश्वर पंचायतन मंदिर’, केदार घाट पर केदारेश्वर मंदिर, हनुमान घाट पर 200 वर्ष पुराना कुमारस्वामी मठ व मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, तमिल मूल के वैदिक विद्वान राजेश्वर शास्त्री द्वारा स्थापित सांगवेद महाविद्यालय, तमिल महाकवि सुब्रह्मण्य भारती का आवास, पं. रामशास्त्री द्वारा स्थापित भजन मठ, कर्नाटक संगीत त्रयी के महान संगीतकार मुत्तुस्वामी दीक्षितर् का आवास व उनके द्वारा स्थापित चक्रेश्वर महादेव मंदिर, शंकराचार्य मंदिर, कर्नाटक राज्य का अतिथिगृह व कर्नाटक घाट का इलाका तमिल श्रद्धालुओं में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। तमिलनाडु के अतिथियों के आने-जाने से क्षेत्र में जहां रौनक दिख रही है। वहीं, पूरे इलाके में मिनी तमिलनाडु का नजारा दिख रहा है।(हि.स.)

 

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