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मजहबी कट्टरता की विभीषिका को प्रकट करती है ‘द कश्मीर फाइल्स’: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कश्मीरी पंडितों के अपनी जन्मभूमि से पलायन की विभीषिका पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तारीफ करते हुए कहा है कि यह फिल्म जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता की अमानवीय विभीषिका को निर्भीकता से उजागर करती है।फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहाेत्री और अभिनेता अनुपम खेर तथा अभिनेत्री पल्लवी जाेशी सहित इस फिल्म की टीम के अन्य सदस्यों से रविवार को यहां मुलाकात के दौरान योगी ने कहा कि यह फिल्म बेशक देश और समाज काे जागरुक करने का भी काम करेगी। योगी ने इस फिल्म के निर्माण से जुड़ी टीम के सदस्यों से मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए कहा, “फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ मजहबी कट्टरता व आतंकवाद की अमानवीय विभीषिका को निर्भीकता से प्रकट करती है। निःसंदेह यह चलचित्र समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगा।ऐसी विचारोत्तेजक फिल्म निर्माण के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।”

अग्निहोत्री ने बाद में सोशल मीडिया के माध्यम से योगी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “आपने इतनी व्यस्तता के बावजूद हमारे लिए इतना लम्बा समय निकाला उसके लिए योगी जी, आपका बहुत धन्यवाद। अखंड भारत का जो आपका सपना है ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने उस दिशा में सारे विश्व में समस्त भारतीयों को जोड़ने का अभूतपूर्व काम किया है। भारतीय सभ्यता के लिए यह एक स्वर्ण काल है।”उल्लेखनीय है कि अग्निहोत्री और खेर सहित इस फिल्म की टीम के सदस्यों ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी के अलावा प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भी मुलाकात की। इस फिल्म को सिनेमाघर में जाकर देखने और इसकी प्रशंसा करने के लिये उन्होंने अपनी टीम की ओर से राज्यपाल का भी आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सिनेमा कारोबार को लाभान्वित करने वाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों से भारतीय फिल्म उद्योग उन्नति के शिखर पर पहुंचेगा।

अग्निहोत्री ने देर शाम यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस फिल्म पर विवाद उत्पन्न करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिये कश्मीर एक दुकान है, जिसे चलाये रखने के लिये ऐसे लोग इस फिल्म पर विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ बनी इस फिल्म ने जाति और मजहब से इतर दुनिया भर में लोगों को एकजुट करने का काम किया है।अग्निहाेत्री ने कहा कि इस विषय पर कोई दृष्टांत दिये बिना यह फिल्म बताती है कि समाज में कब और कैसे आतंकवाद प्रवेश करता है, और जब कुछ लोग इसे विचारधारा के आधार पर संरक्षण देते हैं तब समाज में क्या क्या घटित होता है। उन्होंने कहा कि सही घटना पर आधारित इस फिल्म की कहानी को लोग देखना चाहते थे और अब इसे 32 साल बाद दिखाया जा सका है।

अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने ऐसे समय में इस फिल्म के निर्माण में सहयोग किया जबकि इस तरह के विषय को कोई छूना भी नहीं चाहता था। उन्हाेंने इसके लिये अग्रवाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि पहले इस तरह की फिल्मों को प्रतिबंधित कर देना ही सरकार की नीति थी। अग्निहोत्री ने कहा कि जो लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं, उन्हें सालों से फैलाये जा रहे झूठ का पर्दाफाश होने से परेशानी है।फिल्म में अभिनय के हुनर का जोरदार प्रदर्शन करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह फिल्म काल्पनिक पटकथा पर नहीं बल्कि पूरी तरह से सत्य घटना पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर चार साल से काम चल रहा था और इस दौरान टीम के लोगों ने दुनिया भर में बसे कश्मीर के पीड़ितों से मिल कर उनके विस्तृत साक्षात्कार भी किये। जिन्हें बाद में श्रंखलाबद्ध तरीके से बाद में जारी भी किया जायेगा।

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