
बारिश का कहर : पहाड़ टूटने से रुका नदी का बहाव, आसपास के गावों में मंडराया खतरा…
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। गुरुवार को किन्नौर में नेशनल हाईवे-5 पर निगुलसेरी के समीप भूस्खलन हो गया था, जिसमें अभी तक राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। इसी दौरान लाहौल में पहाड़ टूटने की खबर से हड़कंप मच गया है। लाहौल में पहाड़ टूटने के कारण नाले का पानी रुक गया है, इस कारण आसपास के गांव को खतरा पैदा हो गया है। लाहौल के जसरथ, ताडंग, हालिंग गांव को खतरा ज्यादा है। माना जा रहा है कि अगर यह बहाव अचानक टूट गया तो करीब एक दर्जन गांव सहित कई पुल बह सकते है।
पुलिस अधीक्षक लाहौल-स्पीति मानव वर्मा ने घाटी के सभी प्रधानों से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। बता दें कि लाहौल के जुंडा नाले के सामने नालड़ा पहाड़ के धंसने से चंद्रभाग नदी का बहाव रूक गया है। जिसके कारण गांव को खतरा बढ़ गया है। पूरी नदी बांध का रूप ले चुकी है।
वहीं दूसरी ओर किन्नौर जिले में निगुलसरी के पास पहाड़ टूटने से हुए भयावह भूस्खलन के दूसरे दिन गुरूवार को रेस्क्यू टीमों ने मलबे से चार और लोगों के शवों को निकाला है। मरने वालों की संख्या 14 पहुंच गई है। हादसे के करीब 20 घंटों बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बस के कुछ टुकड़े और टायरों को भी खोज निकाला गया है। हालांकि, बस में सवार यात्रियों में से 16 अब भी लापता हैं।
हादसे के दिन 40 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका थी। बताया जा रहा है कि भूस्खलन की चपेट में आए टिपर, कारों, सूमो और अन्य वाहनों में सवार घायलों और मृतकों को निकाल लिया गया है। अब बस यात्री ही लापता हैं। वहीं, समय बीतने के साथ-साथ लापता लोगों के परिजनों की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। घटनास्थल पर परिजनों की चीख-पुकार है। शवों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि पहचान कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है।
मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख, घायलों को 50-50 हजार रुपये देगी सरकार
किन्नौर के निगुलसरी हादसे के मृतकों के आश्रितों को प्रदेश सरकार पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देगी। घायलों का उपचार निशुल्क किया जाएगा। वीरवार शाम को निगुलसरी से लौटकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा सदन में यह जानकारी दी।