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तनाव बढ़ा: चीन ने LAC पर तैनात किए 20 हजार से ज्यादा सैनिक, जिनजियांग में तीसरे डिविजन से भारत सतर्क

नई दिल्ली जुलाई एएनएस। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब 20 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है। हालांकि, भारत उन अन्य 10 से 12 हजार चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है जो बीजिंग ने तेज गति वाले वाहन और हथियारों के साथ जिनजियांग में महत्वपूर्ण ठिकानों पर लगा रखा है, जो भारतीय मोर्चे पर 48 घंटे के अंदर पहुंचने में सक्षम है।

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया, “चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों के दो डिविजन (करीब 20 हजार) को तैनात कर रखा है। इसके अलावा, अन्य डिविजन (10 हजार सैनिक) को उसने उत्तर-पूर्वी जिनजियांग प्रांत में मोर्चे से करीब 1 हजार किलोमीटर की दूरी पर लगा रखा है। लेकिन, चीन की तरफ समतल होने के कारण वे हमारे मोर्चे पर 48 घंटे में पहुंच सकते है।” सूत्रों ने बताया, भारतीय क्षेत्र के पास तैनात पीएलए के साथ ही हम सैनिकों की मूवमेंट पर भी करीबी नजर रख रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि एक तरफ जहां भारत और चीन कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर पिछले छह हफ्ते से बात करते आ रहे हैं तो वहीं मोर्चे पर चीन की तरफ से न ही सैनिकों की संख्या में कोई कटौती की गई है और न हथियारों में। सूत्रों ने बताया कि चीन अमूमन अपने दो डिविजन को तिब्बत क्षेत्र में लगाकर रखता है लेकिन इस समय उसने दो अतिरिक्त डिविजन को लगा दिया है।

सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी ठिकानों पर चौकसी कड़ी कर दी है और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कम से कम दो डिजविन को बढ़ा दिया है। इसमें एक रिजर्व माउंटेन डिविजन है, जो हर साल पूर्वी लद्दाख इलाके में युद्धाभ्यास (वॉरगेम) करते हैं। डीबीओ सेक्टर के करीब तैनात बख्तरबंद ब्रिगेड के अलावा वायु सेना द्वारा टैंक और बीएमपी -2 लड़ाकू वाहनों को भी वायु सेना की तरफ से ले जाया गया है।
पूर्वी लद्दाख को इस समय एलएसी पर तैनात तीन ब्रिगेड के साथ कारू के त्रिशुल इन्फ्रैंट्री डिविजन की तरफ से रक्षा की जाती है। सूत्रों ने बताया कि चीन की तरफ से अतिक्रमण और गलवान वैली से डीबीओ सेक्टर और कराकोरम पास इलाके तक सैन्य तैनाती के बाद भारत ने उस सेक्टर में अन्य डिविजन की तैनाती पर विचार कर रहा है।

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