आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षित शिक्षक लौटे, वाराणसी के परिषदीय स्कूलों में शुरू होगी हाईटेक शिक्षा
योगी सरकार परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को हाईटेक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। वाराणसी के 10 शिक्षक आईआईटी कानपुर में एआई, कोडिंग और साइबर सिक्योरिटी का प्रशिक्षण लेकर लौटे हैं, जो अब कक्षा 6–8 के बच्चों को आधुनिक तकनीक आधारित शिक्षा देंगे। यह प्रशिक्षण शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को डिजिटल इंडिया के अनुरूप नए अवसर प्रदान करेगा। इस पहल से अभिभावकों का भरोसा भी मजबूत होगा।
- आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षित शिक्षक, एआई कोडिंग, साइबर सिक्योरिटी में परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को करेंगे दक्ष
वाराणसी : योगी आदित्यनाथ सरकार परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीक और वैश्विक स्तर की शिक्षा से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अब आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षित होकर बच्चों को एआई, कोडिंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटलाइजेशन समेत कंप्यूटर की अन्य विद्या में निपुण करेंगे । वाराणसी के 10 शिक्षक/ शिक्षिकाएं इस विषय पर आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर हाल ही में लौटे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा ये प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के पाठ्यक्रम में एआई कोडिंग व साइबर सिक्योरिटी समेत कंप्यूटर की अन्य विद्या को शामिल किया जा रहा है। पाठ्यक्रम को व्यावहारिक रूप से उतारने के लिए कवायद तेज करते हुए वाराणसी के शिक्षक आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षण लेकर मंगलवार को लौट आये है ,जो अब जिले के परिषदीय स्कूलों के बच्चो को पढ़ाएंगे।आईआईटी कानपुर का यह विशेष प्रशिक्षण न केवल शिक्षकों की दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के लिए नए अवसर भी प्रदान करेगा। डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को साकार करने में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया की आईआईटी कानपुर के प्रशिक्षण में कम्प्यूटर आधारित बुनियादी ज्ञान तथा एमएस पेंट, एमएस एक्सेल, एमएस वर्ल्ड , एचटीएमएल , गूगल फार्म, कोडिंग लैंग्वेज जैसे- ब्लाक कोडिंग (स्क्रैच ) एवं टेक्स्ट कोडिंग (पैथों ) के बारे में शिक्षकों को इस उद्देश्य से स्किल्ड किया जा रहा है, कि वे इन सभी टूल्स का प्रयोग करके बच्चों के कक्षा 6, 7 एवं 8 के पाठ्यक्रम आधारित ज्ञान को भलीभांति उन्हें पढ़ा सकें। इसके अलावा बच्चों को विभिन्न एआई टूल्स (जेमिनी ,कोपायलट, चैट जीपीटी ) के माध्यम से प्रभावी तरीके से आईसीटी (इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी ) आधारित लर्निंग में दक्ष किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इस डिजिटल साक्षरता के पाठ्यक्रम को विज्ञान की पुस्तक में जोड़ा गया है, इसलिए विज्ञान के शिक्षकों को और उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को कंप्यूटर में निपुण बनाने हेतु उनको डिजिटल जानकारी प्रदान करना जरूरी है ताकि वह इन सभी कोडिंग कार्यक्रम को बच्चों तक अच्छे से पहुंचाए | इसी उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए आईआईटी कानपुर में उनको ट्रेनिंग दी गई हैं। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण 5 दिन ऑफलाइन एवं सात हफ्ते ऑनलाइन चलाया गया है। इसके बाद शिक्षकों ने आईआईटी कानपुर में दो दिनों का प्रेजेंटेशन दिया है । प्रशिक्षण पाने में तूबा आसिम, दीप्ति मिश्रा, सुप्रिया, आकांक्षा, प्रज्ञा, वरुण ,वर्षा, वीर, वी.के यादव थे।
योगी सरकार महंगे कान्वेंट स्कूल को टक्कर देने के लिए सरकारी स्कूलों को हाईटेक और अत्याधुनिक तरीके से तैयार कर रही है। इस प्रशिक्षण के साथ ही स्कूलों में बड़े पैमाने पर हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। जिसमे मिनी टेक्नोलॉजी लैब, एआई क्लासेस, हाई टेक लर्निंग टूल, और मशीन लर्निंग वर्कशॉप स्थापित की जा रही है।
प्रशिक्षण पा रही गंगापुर, आराजी लाइन वाराणसी की तूबा आसिम ने बताया कि आज के समय में कंप्यूटर की जानकारी के बिना वैश्विक स्तर पर कम्पटीट करना मुश्किल है, योगी सरकार की ये अच्छी पहल है। इससे अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में अपने बच्चो को पढ़ाने का रुझान बढ़ेगा।
उच्च प्राथमिक विद्यालय,कमौली के विज्ञान के सहायक अध्यापक वरुण कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार के इस प्रयास से बड़ी संख्या में कंप्यूटर के बेसिक ज्ञान से छात्र लाभान्वित होंगे ,जो आगे चलकर उनको शिक्षा में सहायक होगा। आईआईटी कानपुर का यह विशेष प्रशिक्षण न केवल शिक्षकों की दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के भविष्य के लिए नए अवसर भी प्रदान करेगा। डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को साकार करने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा।
छात्र दिव्यांश के अभिभावक रिंकू का कहना है मुझे पढ़ने का बहुत शौक था पर आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, पर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह कंप्यूटर चलाते देख अच्छा लगेगा।
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