HealthUP Live

प्रदेश में घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज

हर जिले की 20 प्रतिशत शहरी, ग्रामीण बस्ती और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की योजना .स्क्रीनिंग के बाद संभावित मरीजों की होंगी सभी जरूरी जांच, पॉजिटिव पाए जाने पर जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा इलाज .

  • 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक प्रदेश में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाएगी योगी सरकार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के सीएम योगी आदित्यनाथ के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत योगी सरकार प्रदेश में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक विशेष अभियान चलाकर घर-घर टीबी मरीजों की खोज की करवाएगी। हर जिले की 20 प्रतिशत शहरी, ग्रामीण बस्ती और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की योजना है। स्क्रीनिंग के बाद संभावित मरीजों के बलगम की व अन्य जरूरी जांच की जाएगी। पॉजिटिव पाए जाने पर तुरंत इलाज शुरू किया जाएगा।

स्कूलों से लेकर बाजारों तक होगी जांच

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं। अभियान में अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, चिन्हित स्थलों जैसे- सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भठ्ठे, स्टोन क्रेशर, खदानों, साप्ताहिक बाजार आदि को भी शामिल किया गया है। टीबी को खत्म करने के लिए जांच का दायरा बढ़ाना और शीघ्र इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है। टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की भी जांच करायी जाएगी और उनका विवरण निक्षय पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान सही पोषण के लिए हर माह 500 रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा निक्षय मित्र से भी संबद्ध किया जाता है, ताकि इलाज के दौरान उन्हें पोषण पोटली मिलने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी मिल सके।

टीबी की पुष्टि हो तो घबराएं नहीं

संयुक्त निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि अगर दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, बुखार बना रहता है, वजन घट रहा है, भूख नहीं लगती तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। इसकी जांच सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की जाती है। जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका पूर्ण इलाज संभव है। चिकित्सक के बताए अनुसार दवा का नियमित रूप से सेवन करें। इसकी दवा टीबी अस्पताल, डॉट सेंटर या स्थानीय आशा कार्यकर्ता के पास से मुफ्त प्राप्त की जा सकती है। यह जरूर ख्याल रखें कि दवा को बीच में छोड़ना नहीं है, नहीं तो टीबी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसी स्थिति में इलाज लंबा चल सकता है। डॉ. भटनागर का कहना है कि इस बार चलने वाले सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) में पंचायत प्रतिनिधियों का भी पूरी तरह से सहयोग लिया जाएगा। टीबी मुक्त पंचायत की दिशा में ग्राम प्रधान पहले से ही सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार किये गए हैं।

VARANASI TRAVEL VARANASI YATRAA
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: