तमिल को न्यायालयों की आधिकारिक भाषा बनाया जाएगा : रिजिजू
चेन्नई : केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि तमिल जल्द ही मद्रास उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ अदालतों की आधिकारिक भाषा बन जाएगी।श्री रिजिजू ने यहां तमिलनाडु डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण देते हुए यह घोषणा की। उन्होंने तमिल लोगों की भावनाओं को प्रतिध्वनित करते हुए कहा, मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल को आधिकारिक भाषा के रूप में बनाना, राजनेताओं की दलगत भावना से ऊपर उठकर लंबे समय से चली आ रही मांग रही है।
उन्होंने कहा,“तमिलनाडु में, हम सभी को यह देखकर गर्व होगा कि तमिल मद्रास उच्च न्यायालय के साथ-साथ जिला और अधीनस्थ अदालतों में केंद्रीय स्थान लेगा।”श्री रिजिजू ने कहा कि वह इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशों और विभिन्न अदालतों के अन्य मुख्य न्यायाधीशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय अदालतों और बड़े पैमाने पर कानूनी प्रणाली में क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम लोग अपनी-अपनी भाषाओं में न्याय प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा,“भारतीय न्याय व्यवस्था का भविष्य क्षेत्रीय भाषाएं होंगी।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ाने के लिए केंद्र कई पहल कर रहा है।भाषा थोपने पर श्री रिजिजू ने कहा कि वह भारत में एक भाषा थोपने के खिलाफ हैं। लोगों पर कोई भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और उन्होंने सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान किया। उन्होंने तमिल को एक ‘विशेष’ भाषा करार दिया।उन्होंने देश की अदालतों में लंबित मामलों के बारे में भी चिंता व्यक्त की।(वार्ता)