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सुखविंदर सुक्खू बने हिमाचल के नये मुख्यमंत्री, मुकेश अग्निहोत्री उप मुख्यमंत्री

शिमला । हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 58 वर्षीय सुक्खू हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित समारोह में हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सुक्खू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुकेश अग्निहोत्री ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सुक्खू ने दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर हिंदी में शपथ ली। उनके बाद अग्निहोत्री ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने भी हिंदी में शपथ ली। हालांकि अभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को शपथ नहीं दिलाई गई है।

खुशगवार मौसम के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह के इस खास मौके पर उनकी मां संसारी देवी (85) भी साक्षी बनीं, जिन्हें राहुल गांधी ने अपने साथ मंच पर बिठाया। समारोह में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पहुंचे। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस समारोह में पहुंचे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनन्द शर्मा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मंच पर मौजूद कांग्रेस नेताओं ने पहले दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी। समारोह स्थल पर अपार भीड़ उमड़ी। रिज मैदान लोगों से खचाखच भरा रहा।

सुक्खू के पास संगठन का लंबा अनुभव

26 मार्च 1964 को हमीरपुर जिले के नादौन उपमण्डल के सेरी गांव में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। वह वर्ष 2013 से 2019 तक छह वर्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले वह 10 वर्ष तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। छात्र राजनीति में वह एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुक्खू ने पहली बार 2003 में नादौन से विधानसभा चुनाव लड़ा था। नादौन से वह चौथी बार कांग्रेस विधायक चुन कर आए हैं। सुक्खू हमीरपुर जिले से मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर से मुख्यमंत्री बने थे। सुक्खू हिमाचल में मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने वाले सातवें व्यक्ति हैं। पूर्व में डॉक्टर यशवंत सिंह परमार, ठाकुर रामलाल, शांता कुमार, वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।(हि.स.)

पत्रकार से उप मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे अग्निहोत्री

हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने मुकेश अग्निहोत्री पत्रकारिता से राजनीति का सफर तय करते हुये इस पद तक पहुंचे हैं।पंजाब की सीमा से लगते ऊना जिले की हरोली तहसील के गाेंदपुर जयचंद गांव के निवासी श्री अग्निहोत्री पांचवीं बार विधायक बने हैं। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने के बाद पंचायत प्रधान, पंच और जिला परिषद का कोई चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि सीधे विधायक के रूप में विधानसभा में कदम रखा था। राज्य के राजनीतिक इतिहास में वह पहले उपमुख्यमंत्री बने हैं।श्री अग्निहोत्री का जन्म 09 अक्तूबर 1962 में पंजाब के संगरूर में जिला जनसम्पर्क अधिकारी रहे ओंकार चंद शर्मा के घर में हुआ था।

श्री शर्मा ने संतोखगढ़ से कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये थे। उनके बाद कांग्रेस ने अग्निहोत्री को संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऊना जिले में ही हुई। उनके बड़े भाई डॉ. राकेश अग्निहोत्री चिकित्सक हैं। उनकी तीन बहनें हैं। विदेश में पढ़ाई कर चुकी उनकी पुत्री आस्था अग्निहोत्री पीएचडी कर रही हैं। उनकी पत्नी सिम्मी अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में प्रोफेसर हैं। अग्निहोत्री का ससुराल मंडी शहर में है।गणित विषय में एमएससी की डिग्री हासिल करने के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने जनसम्पर्क विषय में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया और पत्रकार बन गए। वह शिमला और दिल्ली में पत्रकार के रूप में करीब दो दशक अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

दिल्ली में पत्रकारिता के दौरान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नजदीकियां बढ़ीं। बाद में वह पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सम्पर्क आये और उनके करीबियों में शुमार रहे। यहीं से उन्होंने पत्रकारिता से राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1993 में वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने पर उनके पिता को हिमाचल प्रदेश एग्रो पैकजिंग निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में श्री शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने संतोषगढ़ क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी पंडित जयकिशन शर्मा से हार का सामना करना पड़ा।इसके बाद साल 2003 के विधानसभा चुनाव में श्री शर्मा के बजाए मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी बनाया और वह पहली बार में ही चुनाव जीत गये और मुख्य संसदीय सचिव रहे। वर्ष 2007 में वह उन्होंने संतोषगढ़ से विधानसभा चुनाव जीते।

वर्ष 2012 में परिसीमन होने पर संतोषगढ़ ऊना विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हो गया तथा हरोली विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। अग्निहोत्री तीसरी बाद हरोली से विधानसभा में पहुंचे और वीरभद्र सरकार में उद्योग मंत्री रहे।वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की, लेकिन कांग्रेस चुनाव हार गई और राज्य में भाजपा की सरकार बनी। वर्ष 2018 में वह सदन में कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष के नेता बनाये गये। उन्होंने चार साल में जम कर जयराम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी आलाकमान ने स्टार प्रचारक बनाया। प्रदेशभर में उन्होंने प्रत्याशियों के लिए दर्जनों रैलियां कीं। लगातार पांच बार जीतने के बाद वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से नवाजा।(वार्ता)

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