महामारी में लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार के साथ आगे आईं राज्य सरकारें
पूरा देश इस समय कोरोना महामारी से लड़ रहा है। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें या देश का आम नागरिक, सभी अपनी क्षमता अनुरूप कोरोना को हराने में लगे हुए हैं। लड़ाई इतनी बड़ी है कि कोई एक व्यक्ति, संस्था या सरकार अकेले नहीं जीत सकती है। यदि हम ‘‘एक राष्ट्र’’ के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा और इस लड़ाई को हम जीत सकेंगे।
केंद्र सरकार कर रही है लड़ाई का नेतृत्व
केंद्र सरकार इस महामारी में आगे आकर नेतृत्व कर रही है। अब धीरे-धीरे राज्य सरकारें भी इस महामारी से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए आगे आ रही हैं। जैसे-जैसे हम इस महामारी को हरा देंगे, महामारी में अपनों को खोने वालों के साथ हमें खड़ा रहना होगा। केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारों ने कोरोना से अपने प्रियजनों को खोने वालों के लिए आर्थिक घोषणाएं की हैं, जिससे पीड़ितों का जीवन यापन थोड़ा आसान हो सके। केंद्र सरकार किस प्रकार इस लड़ाई का नेतृत्व कर रही है, निम्न बिंदुओं के रूप में हम समझ सकते हैं :
> अब तक देश भर में कुल 32 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं
https://twitter.com/PBNS_India/status/1394920775648378883?s=20
> रेलवे के अस्पतालों के लिए 86 ऑक्सीजन संयंत्रों की व्यवस्था की जाएगी
> अब तक ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ के माध्यम से कुल 13 राज्यों को 11,030 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सहायता पहुंचाई गई
>प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत शुरू किए गए नए एम्स राज्यों में उन्नत कोविड स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं
>विदेशों से अभी तक 11,000 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर, लगभग 16,000 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, 8,000 से अधिक वेंटिलेटर/बीआई पीएपी, 6.1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन केंद्र सरकार को प्राप्त हुए हैं, जिन्हें राज्यों को वितरित किया गया है
>देशभर में अब तक कुल 18.58 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है
https://twitter.com/PBNS_India/status/1394931785818021889?s=20
> राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 20.78 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक प्रदान की गई हैं। 1.94 करोड़ से अधिक खुराक अभी भी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अगले दो महीनों के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है। गरीबों को यह अनाज मई और जून महीने के लिए दिया जाएगा। केंद्र सरकार की इस पहल से 80 करोड़ लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि पिछले साल भी इसी तरह लॉकडाउन के समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों को अनाज बांटा गया था। केंद्र सरकार इस योजना पर कुल 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने पिछले साल ही घोषणा की थी कि इस लड़ाई में मेडिकल कम्यूनिटी के किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे 50 लाख रुपए दिए जाएंगे।
दिल्ली सरकार की घोषणाएं
दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली में, जिन परिवारों में कोरोना से किसी की भी मौत हुई है, उनके नजदीकी परिजन को सरकार 50-50 हजार रुपये आर्थिक मदद देगी। इसके अलावा उनके परिवार को ढाई हजार रुपए की पेंशन भी मिलेगी। जिन बच्चों के माता-पिता का कोरोना से निधन हो गया है, उन्हें 25 वर्ष तक ढाई हजार रुपये की मदद मिलेगी। ऐसे बच्चों की शिक्षा का भार सरकार उठाएगी।
इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कहा कि इस माह हर राशन कार्ड धारक काे 10 किलो राशन मुफ्त मिलेगा। पांच किलो दिल्ली सरकार और पांच किलो केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा। आपको बता दें, जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी यह राशन मिलेगा।
मध्य प्रदेश सरकार की घोषणाएं
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी में अपने अभिभावक या गार्जियन को खोने वाले बच्चों को 5 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च भी मध्य प्रदेश सरकार उठाएगी। अनाथ हुए बच्चों को हर महीने राशन भी दिया जाएगा।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकट काल के दौरान दिवंगत हुए राज्य के कर्मचारियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति के साथ ही प्रत्येक ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में पांच-पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है।
हरियाणा सरकार के कदम
हरियाणा सरकार ने राज्य में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को 5,000 रुपये प्रदान करने की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान ऐसे परिवारों की आजीविका अत्यधिक प्रभावित हुई है।
राजस्थान सरकार के कदम
राजस्थान सरकार ने बीते शनिवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित 33 लाख परिवारों को 500 रुपये की किस्त जारी की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट में लिखा है कि इस साल के बजट में इन परिवारों को दो किस्तों में एक हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में पहली किस्त जारी कर दी गई है।
इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने सारे प्रदेश में मुफ्त कोरोना किट बांटने की घोषणा की है। ज्ञात हो, राज्य में कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवा भी बिल्कुल निशुल्क है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई मदद
मध्य प्रदेश और दिल्ली के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी घोषणा की है कि वह उन बच्चों की शिक्षा के लिए भुगतान करेगी, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड -19 के कारण खो दिया है।
साथ ही, राज्य सरकार उन बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखेगी, जिनके परिवार के कमाने वाले सदस्य की कोविड से मृत्यु हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई मदद
उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते शनिवार को एक आदेश पारित किया, जिसके अनुसार वह उन सभी व्यक्तियों का अंतिम संस्कार का खर्च वहन करेगी, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण चल बसे।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी, निगमों और अन्य विभाग के कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया है, जिनकी वायरस की रोकथाम और उपचार के लिए काम करते हुए COVID-19 के कारण मृत्यु हो गई है।
महाराष्ट्र सरकार की घोषणाएं
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए जब राज्य में कड़े प्रतिबंध लगाए थे, तभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देने के लिए 5,476 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी।
सरकार के अनुसार कमजोर वर्ग की श्रेणी में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार, वरिष्ठ नागरिक, विधवा, दिव्यांग, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, ऑटो रिक्शा चालक, 12 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिक और 25 लाख घरेलू सहायिका शामिल हैं। इन सभी को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा कोविड अस्पताल में आग लगने से मरने वालों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए की घोषणा की गई है।
कर्नाटक सरकार की घोषणाएं
कर्नाटक सरकार ने COVID-19 के कारण लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए आज 1,250 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।
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