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कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं : धनखड़

मेरठ : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बगैर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं।चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित आयुर्वेद महासम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे ज्यादा कार्यात्मक प्रजातंत्र है। इसके बाद भी कुछ लोग नैरेटिव सेट करने के लिए आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है। इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता। आज राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन मुझे कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता। हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वो आपातकाल का समय था।

उन्होने कहा “ संसद और विधान सभाओं में आचारण अनुकरणीय होना चाहिए। वहां व्यवधान नहीं होना चाहिए। पर ये कैसे होगा, इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा। उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं। मैने अपनी दो विदेश यात्राओं के दौरान देखा है कि जब मैं खुद का परिचय देता हूं तो लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, ये है आज के भारत की ताकत। फिर भी कुछ लोग भारत को विदेश में बदनाम कर रहे हैं। हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है, हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे लोग महान हैं।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश की सोच में बदलाव आ गया है, धारा में भी बदलाव आ गया है। आज के दिन भारत कहां है, जो कभी सोचा नहीं था जिसकी कल्पना नहीं थी वो सब आज भारत में हो रहा है। आज के विकास को देखो, आज भारत बदल गया है। जैसे भारत ने कोविड से निबटा है उसकी सम्पूर्ण विश्व मे प्रशंसा हुई है। भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई यह भी कुछ लोगों के गले नहीं उतरा। आज हमने 220 करोड़ वैक्सीन की खुराकें दीं हैं, और उनकी डिजिटल मैपिंग की गई। दुनिया ने योग की ताकत को देखा, पूरी दुनिया ने उसका समर्थन किया। कोविड के दौरान आयुर्वेद ने अपनी क्षमता सिद्ध की। हमारी संस्कृति का साफ संदेश है कि पहला सुख निरोगी काया।

श्री धनखड़ ने कहा “कि काफी समय से पहले मेरी रामदेव जी से मुलाकात हुई थी, मैंने उनसे कहा कि कोई ऐसा उपाय बताओ कि कोर्ट में दोनों पक्ष के वकील शांत मन से आयें। आज आचार्य बालकृष्ण जी यहाँ उपस्थित हैं, प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य मौजूद हैं। राज्य सभा का सभापति होने के नाते मैं कुछ कहना चाहता हूं कि आप कोई ऐसी औषधि बनाएं ताकि संसद ही गरिमा ठीक रहे। हमारी संविधान सभा ने तीन वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया लेकिन तीन वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई वेल में नहीं आया, कोई प्लेकार्ड नहीं दिखाये गए। ”

उन्होने कहा “ हमारा आचरण आज उसके विपरीत है। हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते। हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं। देश हमेशा सबसे पहले है, और होना चाहिए। मुझे याद है जब मैं मंत्री था, हर सांसद को अधिकार था की वो साल में किसी को भी 50 गैस कनेक्शन 50 फोन कनेक्शन दे सकता है। आज स्थित देखिए। आज देश की सरकार बड़ा सोचती है और उससे भी बड़ा करती है।”

श्री धनखड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने क्या कभी सोचा था कि कानून व्यवस्था ठीक हो पाएगी लेकिन आज आप देख सकते हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री के बारे में कहा था कि देखते हैं इनकी कानून व्यवस्था कब तक टिकेगी, लेकिन ये टिक गयी है, इस पौधे की जड़ नीचे की ओर जा रही हैं। हमारे आगे जो युवा शक्ति है वो तय करेगी कि भविष्य में हमारे देश की तस्वीर क्या होगी।उन्होने कहा कि आज लाइफस्टाइल डिसीज़ की बात होती है। इसमें आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां बहुत प्रभावी हैं। (वार्ता)

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