‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र को अपनाते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देगा: सिंह
डोनर मंत्रालय ने अपने मजबूत ई-आफिस नेटवर्क के जरिये महामारी के दौरान 100 प्रतिशत कार्य उत्पादन अर्जित किया
नई दिल्ली । केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि बांस सेक्टर पूर्वोत्तर क्षेत्र में आत्म-निर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देगा और यह न केवल भारत के लिए बल्कि समस्त उपमहाद्वीप के लिए व्यापार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनने जा रहा है। डॉ. सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये एक समीक्षा बैठक के बाद यह बात कही, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्रालय एवं उत्तर पूर्व परिषद (एनईसी), शिलौंग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री ने कहा कि बांस न केवल कोविड के बाद की भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है, बल्कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल‘ आह्वान के लिए एक नई गति की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि जिस संवेदनशीलता के साथ मोदी सरकार बांस के संवर्धन के महत्व को देखती है, इस इस तथ्य से सप्ष्ट है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी गृह मंत्रालय ने 16 अप्रैल को विभिन्न क्षेत्रों में सीमित गतिविधियों को अनुमति देते समय बांस संबंधित गतिविधियों जैसे कि रोपण, प्रसंस्करण आदि के संचालन की अनुमति दी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस तथ्य पर अपार संतोष जताया कि डोनर मंत्रालय ने अपने मजबूत ई-ऑफिस नेटवर्क के जरिये कोरोना संकट के दौरान भी 100 प्रतिशत कार्य उत्पादन अर्जित किया क्योंकि शायद यह पहला मंत्रालय था जिसने महामारी के देश में पांव पसारने से बहुत पहले ही शत प्रतिशत ई-ऑफिस कार्यप्रणाली को कार्यान्वित कर लिया था। उन्होंने डोनर मंत्रालय की टीम को 2019-20 के दौरान 100 प्रतिशत व्यय अर्जित करने पर बधाई दी और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए अवसंरचना विकसित करने में पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की सहायता करने एवं विभिन्न मुद्दों पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों तथा विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभाग के बीच समन्वयकारी भूमिका निभाने, जिसके लिए केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा अंतःक्षेपों की आवश्यकता पड़ती, के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। क्षेत्र के समग्र विकास के लिए खासकर वर्तमान संकट के समय जब अधिकांश गतिविधियां लाइन मोड पर संचालित की जा रही हैं अबाधित नेट सुविधा के महत्व पर जोर देते हुए मंत्री ने पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में इसके व्यापक सामाजिक आर्थिक विकास हेतु अबाधित हाई-स्पीड नेट सुविधा के संवर्धन के लिए अधिकारियों से दूरसंचार विभाग के साथ समन्वय करने की अपील की।
मंत्री को स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देने के जरिये बहुत नवोन्मेषी तरीके से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने में नौर्थ ईस्टर्न डेवेलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईडीएफआई) द्वारा निभाई जा रही भूमिका के बारे में भी जानकारी दी गई। इसने प्रत्याशित उद्यमियों, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्रों को वेंचर फंड उपलब्ध कराने तथा क्षेत्र में मित्र देशों द्वारा घरेलू एवं विदेशी निवेश को सुगम बनाने के जरिये स्थानीय उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहित किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट हरपाल सिंह तथा सीमा सड़क संगठन, बीआरओ के अन्य अधिकारियों के साथ भी परस्पर बातचीत की और पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित उनकी चिंताओं का समाधान किया। डोनर मंत्रालय के सचिव, डॉ. इंद्रजीत सिंह, विशेष सचिव इंदीवर पांडेय, एनईसी के सचिव मोसेज के. चलाई एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक में भाग लिया।