सिद्दारमैया के पुरजोर समर्थन में उतरे शिवकुमार , इस्तीफे की संभावना से किया इनकार
सिद्दारमैया के खिलाफ राज्यपाल के मुकदमा चलाने के फैसले पर कांग्रेस-भाजपा में टकराव
बेंगलुरु : कर्नाटक के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले में उनके (श्री सिद्दारमैया) इस्तीफे की किसी भी संभावना को शनिवार को खारिज कर दिया।श्री शिवकुमार ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान श्री सिद्दारमैया के लिए पार्टी के दृढ़ समर्थन पर जोर दिया और उनके खिलाफ आरोपों को राजनीति से प्रेरित और निराधार बताया। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।श्री सिद्दारमैया हमारे मुख्यमंत्री हैं और वह इस पद पर बने रहेंगे। हम इन निराधार आरोपों के खिलाफ उनका बचाव करने में एकजुट हैं।
” उन्होंने आरोप लगाया कि राजभवन के जरिए सरकार को अस्थिर करने का जानबूझकर प्रयास किया गया है और यह मामला राजनीतिक रूप से सुनियोजित चाल है।उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करने के उद्देश्य से बनाया गया मामला है। कांग्रेस पार्टी ने कानूनी और राजनीतिक चुनौतियों के जवाब में मजबूत बचाव करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा , “हम अपने संविधान में निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री सिद्दारमैया के खिलाफ नोटिस और कार्रवाई संवैधानिक मानदंडों और कानूनी मानकों का उल्लंघन है। हमें विश्वास है कि न्याय होगा।
” उन्होंने जोर दिया कि इंडिया समूह के सहयोगी दलों ने भी एकजुटता व्यक्त करते हुए मामले को भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित एजेंडे के रूप में पेश करने के प्रयासों को खारिज किया है।उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा ध्यान प्रभावी शासन और कर्नाटक के लोगों की सेवा पर है। श्री सिद्दारमैया मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे और हम साथ मिलकर अपने मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करेंगे।”
सिद्दारमैया के खिलाफ राज्यपाल के मुकदमा चलाने के फैसले पर कांग्रेस-भाजपा में टकराव
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाला मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत के मुकदमा चलाने के विवादास्पद फैसले से राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तीखी बहस छिड़ गयी है।कांग्रेस की ओर से प्रमुख नेता प्रियांक खड़गे ने केंद्र सरकार पर राज्य की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की बड़ी साजिश में राजभवन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। श्री खड़गे ने कहा, “हमारी सरकार को कमजोर करने के लिए भाजपा राजभवन का दुरुपयोग कर रही है। राज्य के संवैधानिक प्रमुख अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए संकट पैदा कर रहे हैं , लेकिन हम संविधान के साथ मजबूती से खड़े हैं।
”कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी राज्यपाल के फैसले की आलोचना की और कहा कि यह राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा , “भाजपा के सत्ता में आने से संवैधानिक पदों का राजनीतिकरण बढ़ गया है। राज्यपाल की ओर से की गयी हर कार्रवाई अब जांच और संदेह के दायरे में आती है। मेरा मानना है कि यहां कुछ भी ठोस नहीं है। तुच्छ मामलों का राजनीतिकरण करना अनुचित है।”कांग्रेस विधायक अजय धरम सिंह ने भी श्री सिद्दारमैया के प्रति अटूट समर्थन जताया और कहा “हमें पता था कि ऐसा होने वाला है। केंद्र सरकार हमारे मुख्यमंत्री की लोकप्रियता को पचा नहीं पा रही है , लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। हम अदालत जा रहे हैं और अपने मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े हैं।भाजपा ने राज्यपाल के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को रेखांकित करते हुए इसे ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ बताया।
उन्होंने कहा, “आरोप गंभीर हैं। जब उनके नियंत्रण में एजेंसियां उनकी जांच कर रही हैं, तो ऐसी स्थिति में श्री सिद्दारमैया के लिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहना अशोभनीय है। हमें उम्मीद है कि वह नैतिक जिम्मेदारी लेंगे और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इस्तीफा देंगे।”केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने श्री सिद्दारमैया पर भ्रष्टाचार के कई मामलों में मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा , “राज्यपाल ने कानूनी तौर पर अभियोजन की अनुमति दी है। श्री सिद्दारमैया दो मामलों में दोषी हैं।वाल्मीकि विकास निगम में उन्होंने खुद विधानसभा में स्वीकार किया कि यह भ्रष्टाचार 187 करोड़ रुपये नहीं बल्कि 89 करोड़ रुपये का है। यह पैसा कांग्रेस पार्टी के चुनाव खर्च के लिए तेलंगाना गया। दूसरा मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाला है जिसमें उनकी पत्नी ने अवैध रूप से 14 सेटों पर कब्जा कर लिया। उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए और मामले का सामना करना चाहिए।”
सिद्दारमैया ने कांग्रेस हाईकमान के समर्थन का दावा किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शनिवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि घोटाला मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत की ओर से अपने खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिये जाने के कुछ ही घंटों बाद दावा किया कि उन्हें कांग्रेस हाईकमान का समर्थन प्राप्त है।श्री सिद्दारमैया ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि उनका यह दावा राज्यपाल और केंद्र सरकार के लिए स्पष्ट संदेश है कि कथित एमयूडीए घोटाला मामले में मुकदमे को लेकर वह विचलित नहीं होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा , “हम इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं। हमारा पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, विधायक, एमएलसी तथा लोकसभा एवं राज्यसभा में हमारे सांसद मेरे साथ खड़े हैं। हम राज्यपाल के फैसले को हमारी वैधता को कमजोर करने की अनुमति नहीं देंगे।
”उन्होंने राज्यपाल पर ‘केंद्र सरकार की कठपुतली’ के तौर पर काम करने का आरोप लगाया और कहा कि मुकदमे की अनुमति उनके प्रशासन के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।इस बीच कांग्रेस पार्टी ने स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपनी अगली रणनीति बनाने के लिए आपातकालीन बैठक बुलायी है।(वार्ता)
राज्यपाल गहलोत ने सिद्दारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी