National

आत्मनिर्भर भारत : पेपर बना रोजगार का जरिया

कोरोना ने जहां कई रास्ते बंद किये, तो कई नये रास्ते खुल कर भी सामने आये। ऐसे में वे लोग भी पीछे नहीं रहे जो अब तक दूसरे पर निर्भर थे। दरअसल वे भी अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं और जब कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आती। बस जरूरत होती है, उसे हौसला और हिम्मत देने की। ऐसा ही हौसला और हिम्मत अहमदाबाद की रहने वाली भावना बेन को तब मिला, जब देश में प्लास्टिक बंद करने की मुहिम चल रही थी, इस बीच कोरोना काल में पीएम मोदी ने युवाओं से देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देने को कहा। बस जहां चाह वहां राह… भावना ने घर बैठे ही पेपर बैग बनाने का काम किया शुरू कर दिया।

घर पर ही शुरू किया पेपर बैग बनाने का काम
भले ही भावना दिव्यांग हैं, लेकिन उनके चेहरे की खुशी इस बात की तस्दीक करती है कि वो अपने काम से काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि देश में प्लास्टिक पहले ही बंद की जा चुकी है, ऐसे में पेपर बैग की मांग बढ़ने लगी है। लॉकडाउन में घर में खाली बैठती थी, लेकिन पीएम मोदी के आह्वान के बाद उन्होंने पेपर बैग बनाने का काम घर से ही शुरू कर दिया।। उन्होंने बताया कि शुरू में ज्यादा डिमांड नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे लोगों को पता चलने लगा ऑर्डर बढ़ने लगे। अब कई लोग पेपर बैग के लिये ऑर्डर देते हैं। भावना कहती हैं कि घर में मां का सहयोग करने के बाद वो पेपर बैग बनाती है, सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि दिव्यांग लड़की होते हुये भी अब वो खुद कमा रही हैं और घर के छोटे मोटे सामान खुद भी मांगा लेती है और आत्मनिर्भर बन रही हैं।

मां को है बेटी पर गर्व
वहीं भावना की मां को जहां बेटी के इस हुनर पर गर्व है, वहीं बेटी की मेहनत और लगन को देख कर उनका गला रूंध जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज है और उसकी तरह और भी कोई बेटी हुई तो वो उसे भी अपना कर आत्मनिर्भर बनाना सिखायेंगी।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button