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एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ अवधारणा पर काम करेंगे एस सी ओ देश

नयी दिल्ली : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की अवधारणा की दिशा में कार्य करने पर सहमति व्यक्त की है।एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों की शुक्रवार को कजाकिस्तान के अस्ताना में हुई बैठक में यह सहमति बनी। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।बैठक के दौरान सभी एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।

बाद में जारी संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि एससीओ देशों ने अन्य पहलों के अलावा, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्यद्व के विचार को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की जो ‘वसुधैव कुटुंबकमद्व के प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है।रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों को कतई न बर्दाश्त करने का दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन में इस संबंध में भारत के लंबित प्रस्ताव का भी उल्लेख किया। उन्होंने हिन्द प्रशांत के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (सागर) की अवधारणा पर भी चर्चा की। (वार्ता)

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