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शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में बड़ा कदम: संदीप सिंह

बाल्यावस्था शिक्षा, साक्षरता एवं गणना, डिजिटल शिक्षा, स्कूल नेतृत्व व वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों को किया गया प्रशिक्षित.शिक्षकों को तकनीकी, शैक्षिक और नेतृत्व संबंधी दक्षताओं से लैस करना है लक्ष्य.

  • शिक्षकों के प्रशिक्षण से साकार हो रहा योगी सरकार का विजन
  • राज्य स्तरीय प्रशिक्षणों से शिक्षा व्यवस्था में आ रहा गुणवत्ता और नवाचार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और प्राथमिक शिक्षकों को नवाचार से जोड़ने के उद्देश्य से अप्रैल माह में राज्य स्तर पर कई प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लक्ष्य शिक्षकों को तकनीकी, शैक्षिक और नेतृत्व संबंधी दक्षताओं से लैस करना है, ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके।

राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (एसआईआरडी) जैसे प्रमुख संस्थानों के माध्यम से अप्रैल माह में आयोजित इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बाल्यावस्था शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता एवं गणना (एफएलएन), डिजिटल शिक्षा, स्कूल नेतृत्व, और वित्तीय प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया।

इन तिथियों में इनका हुआ प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में बाल्यावस्था शिक्षा (ईसीसीई) के लिए मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण दो चरणों में 7 से 12 अप्रैल और 21 से 26 अप्रैल तक राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (एसआईआरडी) में आयोजित किया गया, जिसमें खेल-आधिगम, भाषा विकास और समग्र शिक्षण पद्धतियों पर विशेष ध्यान दिया गया। इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षकों एवं शिक्षा सहायकों को मूल साक्षरता, गणना तथा प्रभावी शिक्षण रणनीतियों पर केंद्रित चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जो राज्य स्तरीय प्रथम कैस्केड प्रशिक्षण था।

इसके अतिरिक्त, 3 मई तक सीमैट में कक्षा 1 से 5 के लिए मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। 10 से 30 अप्रैल तक प्रधानाध्यापकों के लिए स्कूल नेतृत्व, आईसीटी एकीकरण तथा वित्तीय प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो सीमैट प्रयागराज एवं लखनऊ में आयोजित हो रहा है। वहीं 15 से 30 अप्रैल के बीच नोडल शिक्षकों को डिजिटल टूल्स, स्मार्ट क्लासरूम संचालन एवं ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री विकास के लिए डायट स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन सभी प्रयासों ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को तकनीकी और नवाचार के साथ मजबूती से जोड़ने का कार्य किया है।

“प्रशिक्षित शिक्षक ही बेहतर शिक्षा की नींव होते हैं। इसी सोच के साथ प्रदेश में शिक्षकों के सतत प्रशिक्षण की एक सशक्त श्रृंखला चलाई जा रही है। इन प्रयासों का असर अब कक्षा-कक्षों में भी दिखने लगा है, जहां शिक्षण अधिक प्रभावी, संवादात्मक और छात्र-केंद्रित बनता जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की यह पहल योगी सरकार के उस संकल्प को और मजबूत करती है, जिसमें ‘सशक्त शिक्षक, सशक्त उत्तर प्रदेश’ की भावना निहित है।”
– संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश

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