वाराणसी। वाराणसी में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में धांधली की कोशिश में वांछित 50 हजार के इनामी डॉ. अफरोज अहमद को सारनाथ थाना पुलिस ने मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया है। लखनऊ के कैसरबाग स्थित गुडलक अपार्टमेंट में रहने वाले डॉ. अफरोज को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था। अफरोज वाराणसी पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कभी हैदराबाद तो कभी नेपाल में अपना ठिकाना बनाया था। आरोपी के पास से सारनाथ पुलिस ने नीट परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक दस्तावेज बरामद किया। अभी इस मामले में 16 लोगों की तलाश कमिश्नरेट पुलिस को है। डॉ. अफरोज को न्यायालय में पेश किया गया यहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।
सारनाथ थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया कि डॉ. अफरोज 2010-11 के सत्र में वह कानपुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। सत्र 2017-18 में वहां से पासआउट है। ठीक एक साल बाद उसका 2019 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से मेडिकल आॅफिसर के पद पर उसका चयन हुआ। वर्तमान में में मोहनलालगंज में बतौर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत था। उसकी पत्नी डॉ. शिफा खान लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में कार्यरत रही।
साल 2019 में डॉ. ओसामा की नीट परीक्षा सॉल्वर गैंग सरगना निलेश सिंह उर्फ पीके से संर्पक हुआ इसके बाद वह इस गिरोह के लिए काम करने लगा। बीते साल नीट परीक्षा में चार अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। बीते साल सितंबर में सॉल्वर गैंग का सारनाथ थानाक्षेत्र में परीक्षा के दौरान क्राइम ब्रांच ने फांडाफोड़ किया था। इस दौरान बीएचयू बीडीएस की छात्रा जूली, उसकी मां और तीन अन्य को पकड़ा गया था। जूली त्रिपुरा निवासी हिना विश्वास की जगह परीक्षा दे रही थी। गहराई से जांच में कई नाम इस गिरोह से जुड़े जिसमें डॉ.अफरोज भी शामिल रहा। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया सारनाथ थाना क्षेत्र के सिंहपुर बाइपास क्षेत्र से गिरफ्तारी हुई।
गिरफ़्तार करने वाली टीम में
सब इन्स्पेटेर सूरज कुमार तिवारी, उपनिरीक्षक राज कुमार पाण्डेय, उपनिरीक्षक अखिलेश वर्मा, उपनिरीक्षक विकास मिश्रा समेत अन्य पुलिसकर्मी थे।