मुंबई : केयरएज रेटिंग्स का अनुमान है कि सरकार वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कल्याणकारी योजनाओं और कृषि के लिए अधिक आवंटन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में उपभोग-मांग बढ़ाने पर ध्यान देगी और इसके चलते राजस्व खर्च में पहले के अनुमान से अच्छी खासी बृद्धि हो सकती है लेकिन इसका राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं होगा।रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी 23 जुलाई को पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय पर बल जारी रहेगा लेकिन कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान देने के लिए राजस्व खर्च में वृद्धि भी हो सकती है।
केयरएज के अनुसार रिजर्व बैंक से प्राप्त अनुमान से लगभग दो गुना (2.1 लाख करोड़ रुपये) लाभांश और कर राजस्व में वृद्धि को देखते हुए राजधोषीय घाटा घाटा अनुमानित पांच प्रतिशत तक रह सकता है जो फरवरी में प्रस्तुत अंतरिम बजट के अनुमान से भी है। अंतरिम बजट में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।रेटिंग एजेंसी के अर्थशास्त्रियों और शेषज्ञों ने मंगलवार को एक मीडिया वेबीनार में उम्मीद जतायी कि सरकार द्वारा वित्त वर्ष 20204- 25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 लाख करोड़ रुपये पर बनाए रखेगी। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर 15.1 प्रतिशत की की वृद्धि हुई।केयरएज के विश्लेषकों का कहना था कि कि सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 50 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति के के लक्ष्य पर बनी रहेगी लेकिन यह बड़े पैमाने पर विनिवेश से ही हासिल किया जा सकेगा।
एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में सकल कर राजस्व में 11 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो प्रत्यक्ष कर संग्रह में मजबूत वृद्धि के कारण बजट में निर्धारित 10.6 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है।एजेंसी के विश्लेषकों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में कुल राजस्व संगह अंतरिम बजट के अनुमानों से 1.4 लाख करोड़ रुपये अधिक रहेगा। इसमें 1.25 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि गैर कर राजस्व तथा 15 हजार करोड़ की वृद्धि राजस्व संग्रह में अनुमानित वृद्धि से होगी।केयरएज रेटिंग्स के सीआरओ और कार्यकारी निदेशक सचिन गुप्ता के अनुसार, “इस केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन प्राथमिकता होगी, जिसमें श्रम गहन क्षेत्रों के लिए मनरेगा और पीएलआई के लिए अधिक आवंटन होगा। चालू वित्त वर्ष में प्रमुख उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन ( पीएलआई) योजनाओं के तहत आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
”श्री गुप्ता ने कहा कि अंतरिम बजट में पीएलआई योजना के तहत आवंटन में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट और फार्मा का दबदबा रहा है। सरकार रोजगार सृजन में सहायता के लिए आवंटन बढ़ाने या कपड़ा, चमड़ा और जूते और खिलौने जैसे अधिक श्रम-गहन क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार कर सकती है।उन्होंने कहा,“हमें उम्मीद है कि इस बजट में कल्याणकारी योजनाओं को अधिक आवंटन मिलेगा, जबकि पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित रहेगा।’’केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा,“पिछले कुछ वर्षों में, कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा महामारी से पहले के औसत के करीब 88 प्रतिशत के स्तर से कम हो गया है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024- 25 में राजस्व व्यय में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो कि बजट में निर्धारित 4.6 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है।
”उन्होंने कहा कि इससे राजस्व व्यय में अंतरिम बजट के अनुमान की तुलना में आवंटन करीब 750 अरब रुपये अधिक रह सकता है। यह अतिरिक्त राशि मनरेगा, पीएम आवास योजना, पीएम ग्राम सड़क योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और श्रम गहन एमएसएमई क्षेत्रों से संबंधित योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने पर जा सकती हैं।सुश्री सिन्हा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजस्व में अनुमान से अधिक वृद्धि से राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 5 प्रतिशत (अंतरिम बजट के लक्ष्य 5.1 प्रतिशत से) तक कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।केयरएज रेटिंग्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में वर्तमान कीमतों पर जीडीपी वृद्धि का अनुमान 10.5 प्रतिशत के अंतरिम बजट अनुमान के मुकाबले 10.7 प्रतिशत रेगा।
ऐजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में चालू वित्त वर्ष 2025 में सरकार बाजार से लिया जाने वाला शुद्ध उधार 11.2-11.4 लाख करोड़ रुपये और सकल उधार 13.6-13.8 लाख करोड़ रुपये रहेगा। अंतरिम बजट में शुरू उधारी 11.8 लाख करोड़ रुपये और सकल उधारी 14.1 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।(वार्ता)
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