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गणतंत्र दिवस परेड भारत की महान सामाजिक, सांस्कृतिक विरासत और सामरिक शक्ति के प्रति सम्मान
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि गणतंत्र दिवस की परेड भारत की महान सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत और सामरिक शक्ति के प्रति सम्मान है और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को जीवंत करने वाले संविधान के लिए आदर का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने आए राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेट तथा झांकियों के कलाकारों से अपने आवास पर बातचीत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जब वे राजपथ पर जोश के साथ परेड करते हैं, तो प्रत्येक देशवासी का हृदय उत्साह और ऊर्जा से भर जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश की आजादी की लड़ाई में बलिदान का अवसर नहीं मिला, लेकिन देश ने हमें अपना सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का निश्चित रूप से मौका दिया है। उन्होंने कहा कि हमें देश को मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश करते रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सामूहिक शक्ति का तात्पर्य आम आदमी का रक्त, मेहनत, आकांक्षा और अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर बन रही वस्तुओं का सम्मान करना और उन्हें प्रोत्साहन देना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों के उत्सवों और परम्पराओं के संबंध में और ज्यादा जागरूक होना चाहिए। विशेष तौर पर जनजातियों की समृद्ध परम्पराओं, कलाओं और शिल्प से राष्ट्र बहुत कुछ सीख सकता है। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में कौशल के महत्व को देखते हुए अलग से कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया गया और अभी तक करीब साढ़े पांच करोड़ युवाओं को विभिन्न कलाओं और कौशल में प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल पर ध्यान केन्द्रित किया गया है और व्यावहारिक ज्ञान पर जोर दिया गया है।
मोदी ने युवाओं से कोविड-19 के टीकाकरण में मदद करने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें गरीबों और आम जनता को सही सूचना उपलब्ध करानी है और इस संबंध में गलत सूचनाओं और अफवाहों की प्रक्रिया को खत्म करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इसके साथ ही देश गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी मना रहा है। इसी वर्ष नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती भी है, जिसे पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं हमें राष्ट्र के प्रति अपने आपको समर्पित करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता भी मौजूद थीं।