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रिपोर्ट-दिल्ली में मृत 97 कोविड रोगियों में से 70 का नहीं हुआ टीकाकरण,देश में कोरौना का कहर जारी

ओमिक्रॉन-डेल्टा वैरिएंट को निष्क्रिय कर देती है इस वैक्सीन की बूस्टर खुराक

राजधानी दिल्ली में नौ से 12 जनवरी के बीच 97 कोविड मरीजों की मौत हुई। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 70 मृतकों का टीकाकरण नहीं हुआ था।मृतकों के नवीनतम विश्लेषण से यह बात सामने आई है। विवरण में मृतक मरीजों की आयु, स्वास्थ्य स्थिति और टीकाकरण शामिल हैं।‘यूनीवार्ता’ के हाथ लगे इस विश्लेषण से पता चला है कि अधिकांश मृतक रोगियों का टीकाकरण नहीं हुआ था और वे एक या एक से अधिक रोगों से पीड़ित थे।दिल्ली सरकार की कोविड डेथ कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट के मुताबिक 9-12 जनवरी के बीच करीब 97 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 70 का टीकाकरण नहीं हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार इनमें से केवल आठ रोगियों का ही पूर्ण टीकाकरण हुआ था जबकि 19 को वैक्सीन की पहली खुराक ही मिल सकी थी।

मृतकों के आयु-वार विवरण से पता चला है कि अधिकांश मौतें 41 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की हुईं, जबकि सात रोगी 18 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें तीन नवजात भी शामिल हैं।रिपोर्ट के अनुसार 18 रोगी 19-40 उम्र के, 37 मरीज 41-60 आयु वर्ग, 27 रोगी 61 से 80 आयु वर्ग के थे, जबकि आठ रोगी 80 वर्ष से अधिक के थे।इसी तरह का विश्लेषण पांच से नौ जनवरी के बीच मरने वाले 46 कोविड रोगियों के बारे में सरकार द्वारा दिल्ली के एलजी अनिल बैजल के साथ होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में पेश करने के लिए तैयार किया गया था।

यह बैठक इस सप्ताह के शुरू में बुलाई गई थी।पिछले विश्लेषण में पाया गया था कि 46 रोगियों में से 35 को टीका नहीं लगाया गया था और लगभग 34 सहरुग्ण से पीड़ित थे। मरने वालों में 23 लोग 60 साल से अधिक की उम्र के थे।वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार वर्तमान लहर में दर्ज किए गए अधिकांश मौत के मामले वे हैं, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि आईसीयू और वेंटिलेटर पर अधिकांश गंभीर स्थिति वाले मरीज हैं।अधिकारी ने कहा,“आईसीयू और वेंटिलेटर में अधिकांश मरीज वह हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के लिए सर्जरी या अन्य उपचार के लिए आए थे। अस्पतालों में उनका परीक्षण किया गया, जो कि प्रोटोकॉल के अनुसार बीमार रोगियों का इलाज शुरू करने के लिए अनिवार्य है।”बुधवार को सरकार ने सभी अस्पतालों को अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की तारीख, सकारात्मक परीक्षण की तारीख, टीकाकरण की स्थिति, सह-रुग्णता की रिपोर्ट और मृतक को दिए गए उपचार सहित कोविड की मौतों के बारे में विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

देश में पिछले 24 घंटे में दर्ज दो लाख से अधिक मामले

देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दस्तक देने के बाद से स्थिति विस्फोटक बनी हुई है। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के दो लाख 47 हजार 417 नये मामले मामले सामने आए हैं और इसी के साथ कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 11 लाख 17 हजार 531 तक पहंच गयी है।इस बीच बुधवार को 76 लाख 32 हजार 024 कोविड टीके लगाये गये हैं और गुरुवार सुबह सात बजे तक के प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक एक अरब 54 करोड़ 61 लाख 39 हजार 465 लोगों को टीके दिये जा चुके हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में इस वक्त संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर तीन करोड़ 63 लाख 17 हजार 927 हो गयी है।इसी अवधि में महामारी से 380 और मरीजों की मौत होने के साथ मृतकों का कुल आंकड़ा बढ़कर 4,85,035 तक पहुंच गया है।पिछले 24 घंटों के दौरान 84825 मरीज स्वस्थ होने से इस महामारी से निजात पाने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन करोड़ 47 लाख 15 हजार 361 हो चुके हैं। इसी अवधि में 18 लाख 86 हजार 935 कोविड परीक्षण किए गये हैं।

गौरतलब है कि देश में सक्रिय मामलों की दर 3.08 फीसदी और रिकवरी दर 95.59 फीसदी है जबकि मृत्यु दर 1.34 फीसदी है।दूसरी तरफ कोविड के ओमिक्राॅन वैरिएंट से 27 राज्यों में अब कर 5488 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं, जिनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1367, राजस्थान में 792, दिल्ली में 549 और केरल में 486 मामले हैं। ओमिक्राॅन के संक्रमण से 2612 व्यक्ति उबर चुके हैं।वर्तमान में देश में सबसे ज्यादा सक्रिय मामले महाराष्ट्र में हैं, जहां पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 18650 बढ़ने से इनकी कुल संख्या बढ़कर 243849 हो गयी है और इस अवधि में 32 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 141701 तक पहुंच गया है। राज्य में 28041 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 6649111 हो गयी है।महाराष्ट्र के बाद कुल सक्रिय मामलों में पश्चिम बंगाल दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल में उक्त अवधि में कोरोना के सक्रिय मामले 14015 बढ़कर 116251 हो गए हैं।

राज्य में इस महामारी से 23 और लोगों की मौत होने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 19959 हो गया है, जबकि राज्य में अभी तक 1681375 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।दक्षिण भारत के कर्नाटक में 19839 सक्रिय मामले बढ़ने से इनकी कुल संख्या बढ़कर 93128 हो गयी है तथा दस और मरीज की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 38389 हो गया है। राज्य में अभी तक 2968002 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना सक्रिय मामले 12564 बढ़कर 87445 हो गए हैं, जबकि 14957 मरीजों के स्वस्थ्य होने के बाद इस महामारी से मुक्त होने वालों की कुल संख्या बढ़कर 1505031 हो गयी है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 40 लोगों की मौत से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 25240 हो गया है।

आईटीआई हैदराबाद में हुआ कोरोना विस्फोट

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद (आईआईटीएच) में पिछले एक सप्ताह के दौरान 120 से अधिक छात्रों और कर्मचारी का कोरोना चेकउप हुआ जिसमे वे सभी पॉजिटिव पाए गए। आईआईटीएच के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले सप्ताह से चल रही ऑनलाइन कक्षाओं को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। कुछ छात्र, जो संगारेड्डी जिले के कंडी स्थित परिसर में इस महीने की शुरूआत में सेमेस्टर-एंड ब्रेक के बाद लौटे थे, उनमें कथित तौर पर कोविड -19 के लक्षण दिखाई दिए थे। पिछले एक सप्ताह में कुल 120 मामलों का पता चला है। 107 छात्र पॉजिटिव पाए गए, जबकि शेष संकाय या अन्य स्टाफ सदस्य थे। पॉजिटिव पाए गए लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। इस बीच, पिछले कुछ दिनों के दौरान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय में 130 कोविड मामले सामने आए। हैदराबाद पुलिस आयुक्त के कार्यालय में भी 40 से अधिक मामलों का पता चला।स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि राज्य में इस महीने के अंत में एक बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है, और लोगों से कोविड -19 सावधानियों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।

ओमिक्रॉन-डेल्टा वैरिएंट को निष्क्रिय कर देती है इस वैक्सीन की बूस्टर खुराक

भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन को लेकर एक बड़ा एलान हुआ है। इस टीके को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया है कि कोवाक्सिन का बूस्टर डोज कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट को निष्क्रिय कर देता है। कंपनी ने बूस्टर पर जारी शोध के शुरुआती नतीजे आने के बाद यह दावा किया है। इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवाक्सिन बूस्टर डोज के उसके परीक्षणों में बिना किसी गंभीर प्रतिकूल घटना के लंबी अवधि के लिए सुरक्षित दिखाया। कोवाक्सिन निर्माता कंपनी ने कहा कि डोज लेने वालों से 90 फीसदी में कोरोना के खिलाफ (दूसरी खुराक के 6 महीने बाद) मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखी गई।

15-18 साल के किशोरों के टीकाकरण में भी कोवाक्सिन का इस्तेमाल

भारत बायोटेक की कोवाक्सिन से ही 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण किया जा रहा है। हाल ही में भारत बायोटेक ने कहा था कि दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में उसकी कोवाक्सिन दो से 18 वर्ष आयुवर्ग में सुरक्षित, अच्छी तरह सहन करने योग्य और इम्युनिटी बढ़ाने वाली पाई गई है। भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा इल्ला की मानें तो बच्चों और किशोरों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के डाटा बेहद उत्साहजनक हैं।

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