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बार – बार शांति भंग करने वालों पर लगेगा गुंडा एक्ट,सम्पत्ति होगी कुर्क:जिलाधिकारी

15अक्टूबर तक मांगी गई थानावार लिस्ट, बिना इजाजत धरना प्रदर्शन पर होगा मुकदमा

वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के अनलॉक की एक के बाद एक आने वाली गाइड लाइन के अन्तर्गत आर्थिक गतिविधियों हेतु काफी हद तक सभी प्रकार के कार्य के लिए छूट मिल चुकी है, परन्तु शहर में लगभग 200-300 व्यक्ति ऐसे हैं, जिनके द्वारा इस अनलॉक की छूट का नाजायज दुरूपयोग उठाते हुए गत एक माह से रोड जाम, धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि करके पूरे शहर की शांति व्यवस्था को भंग किया गया है। लगभग प्रत्येक दिन बी0एच0यू0 लंका गेट,कलेक्ट्रेट के सामने, रविन्द्रपुरी व कई अन्य स्थानों पर ऐसे लोग प्रतिदिन आकर सड़क व ट्रैफिक बाधित करते हैं और जनसामान्य की लोक शांति भंग करते हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि शहर में वरूणा शास्त्री पुल पर मा0 उच्च न्यायालय के आदेश से धरना स्थल चिन्हित है, लोकतांत्रिक तरीके से कोई भी व्यक्ति अनुमति ले कर वहाँ धरना-प्रदर्शन आदि की कार्यवाही कर सकता है। वरूणा शास्त्री पुल धरना स्थल के अलावा जिन भी व्यक्तियों ने अन्य स्थानों पर यह कार्य किया है, वह माo उच्च न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन करने का दुस्साहस है। कुछ अभ्यस्त शांति भंग करने वाले लोगों द्वारा अलग-अलग बहाने व कारण बताते हुए धरना-प्रदर्शन व जुलुस निकाला जाता है तथा शहर में कोई भी जनप्रतिनिधि का आगमन होता है तो उनका काफिला रोक कर उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा करते हैं। जहाॅ एक ओर यह कोविड-19 की अनलॉक की गाइड लाइन का उल्लंघन हैं वहीं दूसरी ओर यह शहर को अव्यवस्था की ओर ढकेलने का कुचक्र भी है। पिछले 2-3 माह में कई लोगों को शांति भंग की आशंका में निरूद्ध किया गया है। और उनके द्वारा मुचलके पर बेलबांड भरकर अपनी रिहाई कराई गई है उनमें से कुछ लोग पुनः शांति भंग करते हुए पाए गए हैं, उनकी फोटो अखबारों व न्यूज ग्रुप में सोशल मीडिया आदि में प्रकाशित होती रहीं है।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा अपर जिलाधिकारी नगर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, नगर मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारियों सहित सभी मजिस्ट्रेट को उक्त के दृष्टिगत सख्त निर्देश दिया हैं कि अपने-अपने क्षेत्राधिकारी व प्रभारी निरीक्षक/ थानाध्यक्ष से समन्वय स्थापित करके थानावार ऐसे लोगों की सूची बनाएं जो अलग-अलग कारणों की आड़ में शहर की शांति व्यवस्था प्रतिदिन भंग करते हैं और लोक शांति छिन्न-भिन्न करते है। इनमें से जो भी व्यक्ति बेलबांड व जमानत पर रिहा हुए हैं यदि उन्होंने बेलबांड भरने के दिनांक के उपरान्त पुनः शांति भंग करने का प्रयास किया है तो उनकी बेलबांड जब्त करके उनको बेलबांड की धनराशि की वसूली की जाए और उनकी बेलबांड में उल्लिखित सम्पत्ति की कुर्की करते हुए नीलामी की कार्यवाही की जाये। जो व्यक्ति शांति भंग की आशंका की वजह से निरोधात्मक रूप से जेल में हैं, उनकी भी सूची थाने पर प्रेषित करके अगले 10 दिन में आख्या मांगी जाए कि उनका शांति भंग का क्या यह पहला प्रयास है अथवा वे पूर्व में भी ऐसे कार्य में संलिप्त रहे हैं।

जो लोग शांति भंग की पुनरावृत्ति में पाए जाते हैं उनके पूर्व की बेलबांड की धनराशि जब्त करते हुए उन पर लम्बी अवधि तक निरोधात्मक कार्यवाही की जाए तथा यदि लोक शांति भंग करना ऐसे लोगों की आदत बन गयी है तो उन पर गुण्ड एक्ट के अन्तर्गत जिला बदर करने की तथा उनके शस्त्र निरस्तीकरण की कार्यवाही भी प्रस्तावित की जाए। भविष्य में कोई व्यक्ति इस तरह की कार्यवाही करे तो जनसामान्य हेतु लोक व्यवस्था बनाए रखने हेतु लंबी समयावधि के लिए ऐसे लोगों को निरूद्ध किया जाये। उन्होंने मजिस्ट्रेटो को यह भी निर्देश दिया है कि गत दो-तीन माह की सभी घटनाओं की थाना स्तर पर समीक्षा कर कार्यवाही एक सप्ताह में पूर्ण करते हुए स्वयं व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रत्येक अपर नगर मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी स्वयं की हस्ताक्षरित रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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