सांस्कृतिक होने के साथ ‘‘क्लाइमेटिकली स्मार्ट‘‘ होगी राम की अयोध्या

गिरीश पांडेय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की अयोध्या को हर लिहाज से श्रेष्ठतम बने। इसी क्रम में इसे क्लाइमेट स्मार्ट सिटी को रूप में विकसित की सरकार तैयारी कर रही है। सौर ऊर्जा से जगमग, अधुनातन और पुरातन का संगम दिखने वाली अयोध्या में पर्यावरण के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा। क्लाइमेट चेंज के प्रभाव से बचने के अयोध्या को जलवायु स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश में लगी सरकार इसमें वन एवं पर्यावरण ऊर्जा समेत अनेक विभागों की मदद से इसे अच्छे से विकसित करेगी।

मौजूदा समय में वहां सरकार के करीब तीन दर्जन विभाग काम पर लगे हैं। इन परियोजनाओं की लागत 25000 करोड़ रुपए से अधिक है। काम तय समय पर हों इसके लिए वहां के कार्यों की निगरानी के लिए अलग से अयोध्या प्रोजेक्ट्स बनाया गया है। इस डैशबोर्ड के जरिए संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी नियमित करीब 200 प्रमुख योजनाओं की निगरानी करते हैं। सौर ऊर्जा से जगमग, अधुनातन और पुरातन का संगम दिखने वाली अयोध्या इकोफ्रेंडली भी हो। इसलिए हाल ही में मुख्यमंत्री ने इसे क्लाइमेट स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का भी निर्देश दिया था।
अयोध्या को एक ऐसा शहर बनाने की मंशा है जहां पर साफ-सुथरी चौड़ी-चौड़ी चमचमाती सड़कों के किनारे पक्के फुटपाथ हों। इनके दोनों किनारों पर भरपूर हरियाली हो। सुनियोजित एवं नियंत्रित यातायात। बिना शोर मचाए सड़कों पर फर्राटा भरते इको फ्रेंडली वाहन, सोलर लाइट का अधिकतम प्रयोग, साफ पानी से भरे जलाशय, हर सरकारी कार्यालय और निजी घरों पर वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्य व्यवस्था हो। शहर जिसमें वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण न्यूनतम हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों नगर विकास से संबंधित चार विभागों की बैठक में इस बाबत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
श्रेष्ठतम अयोध्या की परिकल्पनाहाल को और विस्तार देते हुए हाल ही ही में मुख्यमंत्री के समक्ष जिस विजन डॉक्यूमेंट्- 2047 का प्रस्तुतिकरण किया गया उसमें ऐसी अयोध्या की परिकल्पना की गई है जो खुद में सक्षम, सुगम्य, भावनात्मक, स्वच्छ, सांस्कृतिक और आयुष्मान हो। इस रूप अयोध्या को विकसित करना समय की जरूरत है। दरअसल देश और दुनियां में राम की जो स्वीकार्यता है उसके मद्देनजर आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या में भारी बृद्धि होगी। एक अनुमान के अनुसार 2031 तक यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 7 करोड़ हो जाएगी। यह मौजूदा संख्या से करीब तीन गुना होगी। भव्य राम मंदिर बनने के बाद श्रद्धालुओं की होने वाली भारी भीड़ के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाने के साथ ही यहां प्रदूषण न हो इसके इंतजाम किए जा रहे हैं।
अयोध्या में होने वाले विकास कार्य
अयोध्या को बेमिसाल बनाने के लिए यहां आने वाली रेलवे लाइन का दोहरीकरण के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुसार रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण और विस्तारीकरण होना है। अयोध्या से सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 330 से एयरपोर्ट तक चार लेन की सड़क का नवनिर्माण होना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयोध्या धाम से बाईपास के लिए सोहावल से विक्रमजोत तक का प्रस्ताव बना रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से रायबरेली से अयोध्या तक चार लेन की सड़क के चौड़ीकरण का कार्य भी होना है। सरयू की अविरलता और निर्मलता बरकरार रखने के लिए वहां आधुनिकतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। आने वाले समय में घाट से लेकर सड़क और रेलवे स्टेशन तक का स्वरूप बदल जाएगा। एयरपोर्ट के साथ इसे जोड़ने वाली फोर लेन की सड़कें अलग से होंगी।
अयोध्या में भजन संध्या स्थल, क्वीन हो मेमोरियल पार्क, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण,रामकथा गैलरी,आधुनिक बस स्टैंड,मल्टी लेवल पार्किंग राम की पैड़ी का सुंदरीकरण, सड़क और फुटपाथों का नवीनीकरण, हनुमानगढ़ी-कनक भवन मार्ग का नवीनीकरण, लक्ष्मण किला घाट का विकास, गुफ्तार घाट का सुंदरीकरण, राम की पैड़ी पर पंप हाउस,पार्ट बी का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय रामलीला केंद्र, सांस्कृतिक आडीटोरियम, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र और रैनबसेरा, ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर छाजन, दिगंबर अखाड़ा में मल्टीपरपज हाल का निर्माण होना है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सीवरेज और पेयजल के लिए होने वाले काम अलग से हैं।
अयोध्या को वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से माैजूदगी दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू दीपोत्सव की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। सीएम की मंशा अयोध्या के साथ इसके 84 कोसी परिक्रमा के दायरे में आने वाले सभी धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार भी शामिल है। इसके तहत 84, 14 और पंचकोसी परिक्रमा में आने वाले सभी ऐसे स्थलों का सुंदरीकरण, परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह छाजन के साथ अन्य बुनयादी सुविधाओं की व्यवस्था, पैदल परिक्रमा करने वालों के लिए कच्चा मार्ग आदि होंगे। यही नहीं मखौड़ा जैसे प्रमुख स्थलों के विकास के लिए तो अलग से भी कार्ययोजना तैयार की गयी है।
मालूम हो कि बस्ती के हर्रैया तहसील स्थित मखौडा़ धाम में राजा दशरश ने अपने गुरु वशिष्ठ और श्रृंगी ऋषि के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया था। अलग-अलग परिक्रमा मार्गो पर ऐसे और भी कई पौराणिक स्थान हैं जिनका भगवान श्रीराम से संबंध है। ऐसे सभी स्थानों का विकास योगी सरकार के एजेंडे में है। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में समवेत प्रयास से भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक सम्पन्नता को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित हो रही है। फिजी, थाईलैंड, जापान, नेपाल को अयोध्या से जोड़कर अयोध्या को वैश्विक पटल पर लाने की कोशिश हो रही। अब यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। वन गमन पथ पर तब श्री राम को कष्ट सहना पड़ा था, पर उत्तर प्रदेश सरकार ‘राम वन गमन पथ’ को संवारने का काम करा रही है, आने वाले समय में अयोध्या से चित्रकूट तक साढ़े तीन घण्टे में ही पहुंचा जा सकेगा। संतगणों के निर्देशन में अयोध्या को विश्व स्तर पर ब्रान्डिंग हो रही है।