UP Live

रामोत्सव 2024:चार वेद, चार युग की प्रेरणा से बने चार मुख्य पथों ने किया अवधपुरी का कायाकल्प

योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में जन्मभूमि पथ, रामपथ, भक्तिपथ व धर्मपथ के किनारे विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाओं से हो रहे लैस.म्यूरल पेंटिंग, वॉल पेंटिंग, पेबल स्टोन स्कल्चर, आधुनिक लाइटिंग, वाई-फाई कनेक्टिविटी समेत सौर ऊर्जा के उचित प्रयोग वैश्विक प्रतिमान गढ़ रही अयोध्या.

अयोध्या । चार वेद, चार युग की प्रेरणा से योगी सरकार में बने चार पथों ने अवधपुरी के वृहद कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त किया है। योगी सरकार के नेतृत्व में पुरातन वैभव को आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप ढालकर अयोध्या में कायाकल्प करने का मार्ग सुनिश्चित किया जा रहा है। यहां के चार प्रमुख पथ भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ चार वेदों और चार युगों की अवधारणा पर विकसित किए गए हैं, जिन्हें म्यूरल पेंटिंग, वॉल पेंटिंग, पेबल स्टोन स्कल्चर, आधुनिक लाइटिंग, वाई-फाई कनेक्टिविटी समेत सौर ऊर्जा के उचित प्रयोग से वैश्विक प्रतिमान गढ़ने के अनुरूप बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि डबल इंजन की सरकार ने अयोध्या के विकास को तीव्र गति दी, वहीं 2017 के पहले नागरिक सुविधा के तौर पर उबड़-खाबड़ गड्ढेयुक्त अल्पविकसित सिंगल लेन सड़कें व संकरी गलियां ही अयोध्या की नियति बनकर प्रत्यक्ष तौर पर सकल विश्व की राजधानी की पराभव गाथा को बयां करती थी। वर्षों के पराभव के बाद अब अयोध्या जिस तेजी से विकास के नए प्रतिमान गढ़ रही है तथा वर्ष 2047 तक आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए सतत विकास की प्रक्रिया से गुजर रही है, निश्चित तौर पर डबल इंजन की सरकार व सीएम योगी आदित्यनाथ का कुशल नेतृत्व ही इसे संभव बना सकता है।

यहां हो रहे काम युग-युगांतर तक सुनिश्चित करेंगे सूर्यवंश की नगरी का यशोगान

घंटों तक बाधित विद्युत आपूर्ति, नाली-खड़ंजों में गंदगी व साफ-सफाई में अनियमितता, सड़कों पर मंडराता आवारा पशुओं का झुंड, सड़कों के नाम पर सिंगल लेन ऊबड़-खाबड़ गड्ढायुक्त मार्ग और उन पर चलता बेतरतीब ट्रैफिक अयोध्या की पहचान बन गए थे। मगर 2017 के बाद अयोध्या ने जिस तेजी से विकास की गति पकड़ी वह डबल इंजन की सरकार और विशेषतौर पर सीएम योगी के अयोध्या के प्रति आत्मिक लगाव के कारण ही संभव हो पाया।

आज यहां भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ वर्ल्ड क्लास मॉडर्न फैसिलिटीज और हेरिटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड विंटेज साज-सज्जा से संवर रही है। यहां के इन चारों प्रमुख पथों को फसाड लाइटिंग, म्यूरल पेंटिंग, विंटेज विक्टोरियन सोलर टेल लैंप, आर्टिस्टिकली डिजाइंड आर्क लैंप, प्रॉपर पेवमेंट, इनलैंड ड्रेनेज व कॉनक्रीट लेआउट कैरियज वे, ग्रीनरी इनेबल्ड डिवाइडर, अवस्थापनाओं के संरचनात्मक विकास में फाइबर ग्लास, कंक्रीट मॉडलिंग के साथ ही सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए स्मार्ट ट्रैफिक रेगुलेशन सिस्टम भी अयोध्या में इन चारों मुख्य पथों पर लागू है।

अयोध्या के चार प्रमुख पथों के नाम, उनकी पूर्व, वर्तमान स्थिति व दोनों में फर्क

  • रामपथ

प्रसारः सहादतगंज से लता मंगेशकर चौक (नया घाट) को जोड़ती है।
कुल लंबाईः 12.94 किलोमीटर
लागत: 844.94 करोड़ रुपए
प्रकारः फोर लेन

2017 के पहले की स्थितिः सिंगल लेन ऊबड़-खाबड़ सड़क, बेतरतीब चलते वाहनों के कारण भीड़-भाड़ व जाम की स्थिति रोजना की नियति थी।

2017 के बाद अब की स्थितिः

डबल इंजन की सरकार में तेजी से विकास हुआ। नयाघाट चौराहे का जीर्णोधार व सौंदर्यीकरण सुनिश्चित कर इसे सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को समर्पित करते हुए लता चौक के नाम पर सीएम योगी की उपस्थिति में 28 सितंबर 2022 को लोकार्पित किया गया। यहां विशाल वीणा स्थापित की गई, जो कला के साथ ही आधुनिक अयोध्या के वैभव का पहला प्रतिमान बनी। ये अयोध्या का प्रमुख सेल्फी प्वॉइंट भी है जहां खुद पीएम ने भी तस्वीरें खिंचवाई थीं। इस सड़क को सिंगल लेन के बजाए सुव्यवस्थित फोर लेन में कन्वर्ट किया गया। यहां पार्किंग के लिए भी उत्तम व्यवस्था की गई है।

  • जन्मभूमि पथ

प्रसारः सुग्रीव किला(बिड़ला धर्मशाला से होते हुए रामजन्म भूमि मंदिर तक)
कुल लम्बाईः 0.580 किलोमीटर
लागत: 41.02 करोड़ रुपए
प्रकारः दो लेन

2017 के पहले की स्थितिः

यह मार्ग अतिक्रमण के कारण बेहद संकरी गली के रूप में परिवर्तित हो गया था। यहां दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण तीर्थयात्रियों को धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ना पड़ता था।

2017 के बाद अब की स्थितिः

इस मार्ग को डबल लेन बनाने के लिए व्यापक अतिक्रमण हटाने व चौड़ीकरण की प्रक्रिया को अमल में लाया गया है। अब यहां सीसीटीवी के जरिए स्मार्ट सर्विलांस की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। ये हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस जोन भी है और यहां 5जी के साथ ही वाई-फाई की सुविधा भी उपब्ध कराने की तैयारी की जा रही है।

  • भक्ति पथ

प्रसारः श्रृंगार हाट से हनुमान गढ़ी तक
कुल लम्बाई: 0.742 किलोमीटर
लागतः 68.04 करोड़ रुपए
प्रकारः फोर लेन

2017 पहले की स्थितिः

यह सिंगल लेन सड़क थी जो अतिक्रमण और अव्यवस्थित ट्रैफिक के साथ ही अपर्याप्त साफ-सफाई के अभाव में गंदगी का पर्याय बन गई थी।

2017 से बाद की अब स्थितिः

इस मार्ग को अतिक्रमण मुक्त बनाकर व्यापक चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन रोड में परिवर्तित किया गया है। यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रकार के अवस्थापना सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

  • धर्मपथ

प्रसारः लता मंगेशकर चौक से लखनऊ गोरखपुर हाइवे तक
कुल लम्बाईः 2 किलोमीटर
लागतः 65.40 करोड़ रुपए
प्रकारः फोर लेन

2017 के पहले की स्थितिः

यह सिंगल लेन सड़क थी जहां बेतरतीब ट्रैफिक के कारण दिन के समय अक्सर जाम लगता था। यहां डीजल युक्त कमर्शियल वाहन ही चलते थे जिससे पर्यावरण में प्रदूषण भी होता था।

2017 के बाद अब की स्थितिः

इस मार्ग को चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन में कन्वर्ट किया गया है। यहां भव्य द्वार का भी निर्माण किया जा रहा है। यहां अब ज्यादातर पब्लिक कम्यूटिंग व कमर्शियल व्हीकल्स सीएनजी बेस्ड हैं तथा यहां ईवी परिवहन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसे सौंदर्यीकरण के जरिए व्यापक रूप से विकसित कर भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button