UP Live

रामोत्सव 2024:प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगल ध्वनि से गूंजेगा नव्य भव्य राम मंदिर

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर परिसर में 2 घंटे तक विभिन्न वाद्ययंत्रों का होगा वादन

  • प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर परिसर में 2 घंटे तक विभिन्न वाद्ययंत्रों का होगा वादन
  • मंदिर प्रांगण में गूंजेगी उत्तर प्रदेश के पखावज, बांसुरी और ढोलक की स्वर लहरी
  • कर्नाटक की वीणा, महाराष्ट्र के सुंदरी, पंजाब का अलगोजा और ओडिशा के मर्दल का भी होगा प्रदर्शन

अयोध्या । भक्ति भाव से विभोर अयोध्या धाम में सोमवार को श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से होगी। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक होगी, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करने का कार्य करेगी। इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और संयोजक यतीन्द्र मिश्र हैं, जो प्रख्यात लेखक, अयोध्या संस्कृति के जानकार और कलाविद् है। इस कार्य में उनका सहयोग केंद्रीय संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली ने किया है।

मुहूर्त से ठीक पहले होगा वादन

श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत और ऐतिहासिक अवसर पर प्रातः 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए ‘मंगल ध्वनि का आयोजन किया जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है।

रामोत्सव 2024 :प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विभिन्न वाद्ययंत्रों का होगा वादन

इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह श्रीअवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहां के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहां श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के पच्चीस प्रमुख और दुर्लभ वाद्य यन्त्रों के मंगल वादन से अयोध्या में ये प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा। इसे उन वादों के दक्ष कलाकार प्रस्तुत करेंगे।

इन राज्यों के प्रमुख वाद्यों का होगा वादन

भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्यप्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्ययंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है। ये वादन ऐसे समय में चलेगा जब प्राण प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन नहीं हो रहा होगा। महत्वपूर्ण की बात ये है कि ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां स्वयं प्रेरणा से आ रहे हैं।

पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है तीन मंजिला राम मंदिर

रामोत्सव 2024:सूर्य भी जहां आकर ठहर गए, वहां वर्षों से रुकी विकास प्रक्रिया को नाथों के ‘आदित्य’ ने दी गति

मुख्यमंत्री ने लोगों से की अपील- पैदल कतई न आएं,सभी का दायित्व-अव्यवस्था की स्थिति न बने

रामोत्सव 2024 : श्रीरामलला हुए ‘विराजमान’

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button