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राम काज किन्हें बिना मोहि कहाँ विश्राम : मुख्यमंत्री

विधानपरिषद में अयोध्या और भगवान श्रीराम का भी किया जिक्र। पीढ़ियों बाद भगवान श्रीराम मन्दिर निर्माण का शुरुआत हम सबके लिए सौभाग्य।

लखनऊ  : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में तुलसीकृत रामचरितमानस के दोहे “अवधपुरी सम प्रिय नहीं कोउ, यह प्रसंग जाने कोउ कोउ” का जिक्र करते हुए धर्मनगरी अयोध्या को राष्ट्रीय गौरव की प्रतीक नगरी बताया था। गुरुवार को फिर उन्होंने अयोध्या के राममंदिर का जिक्र विधानपरिषद में किया। विधानपरिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में अयोध्या एवं भगवान श्रीराम का जिक्र किया और राम चरित मानस की ये चौपाई भी कही, ‘राम काज किन्हें बिना मोहि कहाँ विश्राम’ को दोहराया।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कई पीढ़ियों के बाद हमे अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू करने का सौभाग्य मिला। अयोध्या में दीपोत्सव से देश-दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर उसकी पहचान और मुकम्मल हुई। काशी की देव दीपावली का भी पूरी दुनियां में यही असर रहा। बुधवार को भी मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि अयोध्या हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है। यह विश्व के सबसे प्राचीनतम नगरों में से है। महाराजा मनु सृष्टि के पहले राजा थे, अयोध्या उनकी राजधानी थी। यह सूर्यवंशी राजाओं की नगरी थी।

उन्होने कहा राम पूरी दुनिया में पूजनीय हैं पर यहां कुछ लोगों को आज भी राम से विद्वेष है। तब भी राक्षस कुछ ऎसा ही करते थे। आखिर अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है? लोग अपनी आस्था से श्रीराम मंदिर निर्माण से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री पहले भी यह कह चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश की न्यायपालिका के प्रति विश्वास की जीत है। राम मंदिर निर्माण में पूरे देश से लोग सहर्ष सहयोग कर रहे हैं।

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