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विदेश में भारत की छवि धूमिल करने का काम करते हैं राहुल गांधीः भाजपा

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गये विवादास्पद बयान की तीखी आलोचना करते हुए आज कहा कि श्री गांधी लगातार साबित कर रहे हैं कि वह एक नितांत अपरिपक्व नेता हैं जो व्यक्तिगत घृणा से पीड़ित हो कर देश को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज यहां पार्टी केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में श्री राहुल गाँधी द्वारा लन्दन में ‘भारत के खिलाफ’ दिए गए बयान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि श्री गाँधी एक अपरिपक्व, पार्ट टाइम पोलिटिशियन और नफ़रत भरे नेता है, उनके वक्तव्य से स्पष्ट है कि राहुल गाँधी देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं।

श्री भाटिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि राहुल गाँधी लन्दन में “आइडियाज फॉर इण्डिया” के बदले “आइडियाज फॉर डिस्ट्रॉइंग इण्डिया” पर भाषण दे रहे हों। श्री राहुल गाँधी और उनका पूरा कुनबा जानबूझकर देश के खिलाफ बयान देकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में लगे रहते हैं। वे लोग “आदतन अपराधी” हैं। नफरत भरे लोग जब “पार्ट टाइम” राजनीति करते हैं तो उनका असली चेहरा सबके सामने आ जाता है। उन्होंने कहा, “श्री गाँधी जैसे एक लाख नेता भी नफ़रत भरकर आयेंगे तब भी देश की 135 करोड़ जनता उनको नेस्तनाबूद कर देगी। यह सिर्फ भाजपा की आवाज नहीं है बल्कि 135 करोड़ भारतीयों की यह बुलंद आवाज आप तक लंदन में भी पहुंचेगी।”

श्री भाटिया ने कहा कि श्री गांधी का यह वक्तव्य बताता है कि कांग्रेस पार्टी 1984 से किरासन तेल लेकर चली आ रही है। 84 के सिख नरसंहार में कांग्रेस पार्टी के नेता ही किरासन तेल छिडक रहे थे। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। सिख नरसंहार पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का कहना है कि “हुआ तो हुआ।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता आज भी वैसी ही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज राजीव गांधी की तस्वीर के साथ ट्वीट किया कि एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। श्री भाटिया ने कहा कि जब धरती हिलती है तो कुछ हजार लोग मार दिए जाते हैं। ऐसी सोच वाली कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी 8 साल विपक्ष में रहने पर हाथ में किरासन तेल लेकर चिंगारी भड़काने की नीति पर चल रहे हैं।

श्री गाँधी को भाजपा से सीख लेने की नसीहत देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में दशकों रही लेकिन हमेशा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायी। विपक्ष में रहते हुए हमने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की खामियों को जरुर उजागर किया, किन्तु सत्ता पाने की लालसा नहीं रखी। सत्ता पाने के लिए देश और देश की छवि को कभी नुकसान नहीं पहुँचाया। जबकि श्री गाँधी विदेशी धरती पर भारत की सभी अच्छाइयों को छुपाकर सिर्फ और सिर्फ देश की बुराई करते हैं।श्री भाटिया ने कहा कि जिस मुल्क पाकिस्तान को अपना देश चलाने के लिए भीख का कटोरा लेकर विदेशी मुल्कों की ओर देखना पड़ रहा है, जिस देश में आजादी के बाद से अधिकांश समय तानाशाह ने हुकूमत की है उस आतंकी मुल्क पाकिस्तान से भारत की तुलना करना निरर्थक है। भारत महान था, भारत महान है और भारत महान रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज पूरे विश्व को दिशा दे रहा है, चाहे पर्यावरण का मामला हो या आतंकवाद नियंत्रण का, भारत ने 100 से ज्यादा देशों को कोरोनारोधी वैक्सीन देकर वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ किया है।उन्होने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आपातकाल लगा कर लोकतंत्र का गला घोंटा था जो देश के लोकतंत्र में काला अध्याय है। कांग्रेस पार्टी और उनका परिवार देश के सुप्रीम कोर्ट, संवैधानिक संस्थान सहित चौथा स्तंभ मीडिया और ईवीएम पर विश्वास न करते हुए निरंतर सवाल उठाते रहते हैं। क्या राहुल गाँधी का यही लोकतंत्र है? आज आलम यह है कि देश की जनता का भी कांग्रेस पर से विश्वास उठ गया है। अभी दो महीने पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा ने एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस पार्टी के 399 प्रत्याशियों में से 387 की जमानत जब्त हो गयी।

श्री भाटिया ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी से श्री गाँधी नफरत करते हैं यह जग जाहिर है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप भारत के खिलाफ अनर्गल शब्द का इस्तेमाल करें। श्री गाँधी की विदेश नीति की जानकारी पर तंज कसते हुए श्री भाटिया ने कहा कि श्री राहुल गांधी की राजनीति ऐसी है मानो कोई पीएचडी करना चाहता है किन्तु किताबों से नफरत है और और वो नर्सरी भी पास नहीं किया हो। श्री गाँधी विदेश नीति की एबीसीडी भी नहीं जानते है लेकिन इस पर अनर्गल बयान देते रहते हैं। श्री गाँधी ने लद्दाख की तुलना यूक्रेन से की। यह खुद में दिखाता है कि उन्हें भारत की ताकत का पता नहीं है और ना ही विदेश नीति का ज्ञान है। श्री गांधी ने यह तुलना कर देश के वीर सैनिकों का भी अपमान किया है, जो कभी नहीं धुलने वाला “पाप” है।

यह सर्वविदित है कि हमारे सेना के वीर कर्नल संतोष बाबू ने देश की धरती के लिए शहादत दी। भारतीय सेना की ताकत ने चीन को पीछे धकेल दिया, जो चीनी सेना खुद को सबसे ताकतवर मानती है।देश की तीव्र विकास की चर्चा करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस और राहुल गाँधी साकारत्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे तो ठीक है, यदि नहीं निभाएंगे तब भी भारत का विकास तीव्र गति से होगा । देश में 195 करोड़ वैक्सीन डोज देकर लोगों को सुरक्षा कवच दिया गया। कोविड महामसरी के दौरान एक ओर विकसित देश जहाँ कमजोर साबित हुए वहीं दूसरी ओर, भारत और मजबूत होकर उभरा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कोराना काल में 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त अन्न दिया गया ताकि कोई भूख न सोए। उज्ज्वला योजना के तहत 11 करोड़ माता-बहनों को मुफ्त गैस सिलिंडर दिया गया। स्वच्छता अभियान के तहत 11 करोड़ घरों में नि:शुल्क शौचालय बनवाए गए। श्री गांधी इसकी चर्चा विदेश मे करते तो अच्छा होता। दुर्भाग्य से राहुल गाँधी को नफरत का मोतियाबिन्द हो गया है। विपक्ष का यह कतई मतलब नहीं है कि अपनी व्यक्तिगत नफरत की आंधी से देश को नुकसान पहुंचाए।

पूर्व कांंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने क्या कहा ..

लंदन : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में शासन के दो अलग स्वरूप चल रहे हैं, एक जो आवाजों को दबाता है और दूसरा जो उन्हें सुनता है। ब्रिटेन दौरे पर गए राहुल ने गैर-लाभकारी थिंकटैंक ‘ब्रिज इंडिया’ द्वारा शुक्रवार को आयोजित ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में एक संवाद सत्र के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने सामूहिक कार्रवाई के लिए अपनी पार्टी के दृष्टिकोण को भी स्पष्ट किया, जिसके चलते देश के लिए कुछ ‘सुंदर’ होगा।राहुल ने मौजूदा शासन पर देश को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की विचारधारा इससे लड़ने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, “कृपया समझें, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का काम शोर मचाना और आवाजें दबाना है। जबकि, हम सुनते हैं। ये दो अलग चीजें हैं, ये दो अलग डिजाइन हैं।”सम्मेलन में राहुल के साथ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा जैसे विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया।इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने चेताया कि पूरे देश में केरोसीन (मिट्टी का तेल) फैला हुआ है और आग लगाने के लिए बस एक चिंगारी की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “एक कार्यकर्ता से कहा जाता है कि आप यह कहेंगे और कुछ नहीं। यह कार्यकर्ता लोगों के गले के नीचे खास तरह के विचारों को उतारने के लिए तैयार किया गया है, फिर चाहे वह कम्युनिस्ट विचारधारा हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सोच।”राहुल ने आगे कहा, “हमारा कार्यकर्ता इस तरह से तैयार नहीं किया गया है। हमें भारत के लोगों की आवाज सुनने, उनके विचारों को बाहर निकालने और उसे सामने रखने के लिए तैयार किया गया है।”

उन्होंने कहा, “भारत में लोकतंत्र वैश्विक आबादी के लिए अच्छा है। यह ग्रह के एक केंद्रीय आधार के रूप में काम करता है। क्योंकि हम अकेले ऐसे लोग हैं, जो इतने बड़े पैमाने पर लोकतंत्र का प्रबंधन करने में सफल रहे हैं। अगर भारतीय लोकतंत्र में दरार आती है तो ग्रह के लिए समस्या पैदा होंगी।”

कांग्रेस पार्टी ने राहुल के हवाले से कहा, “हमारा मानना ​​है कि भारत अपने लोगों को बांधने वाली एक डोर है, जबकि भाजपा और आरएसएस का मानना ​​है कि भारत एक भौगोलिक स्थान है, यह एक ‘सोने की चिड़िया’ है, जिसका लाभ चंद लोगों में बंटना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि लाभ तक सभी को समान पहुंच मिलनी चाहिए।”

रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने इसकी तुलना भारत में चीन की गतिविधियों से की 

उन्होंने कहा, “रूसी यूक्रेन से कहते हैं कि हम आपकी क्षेत्रीय अखंडता को मान्यता देने से इनकार करते हैं। हम यह मानने से इनकार करते हैं कि ये दोनों जिले यूक्रेन के हैं। और हम इन दो जिलों में आप पर हमला करने जा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप नाटो के साथ गठबंधन तोड़ दें।”राहुल ने कहा, “कृपया महसूस करें कि यूक्रेन में जो हो रहा है और लद्दाख व डोकलाम में जो हो रहा है, उसमें काफी समानताएं हैं।”

उन्होंने कहा, “डोकलाम में मौजूद चीनी बलों को अरुणाचल प्रदेश, जबकि लद्दाख में तैनात बलों को लद्दाख के लिए तैयार किया गया है। वहां भी समान सिद्धांत लागू किया जा रहा है। चीनी कह रहे हैं कि हम क्षेत्र पर आपके अधिकार को स्वीकार नहीं करते हैं। हां, हम अमेरिका के साथ आपके संबंधों को मान्यता देते हैं।”कांग्रेस नेता ने कहा, “तो हमें समझना होगा कि सीमा पर समस्या है और हमें पसंद हो या न हो, उस समस्या से निपटने की तैयारी करनी होगी। क्योंकि हम अपने क्षेत्र पर अवैध कब्जा नहीं चाहते।”

उन्होंने केंद्र सरकार पर चर्चा की अनुमति न देने का आरोप लगाया 

राहुल ने कहा, “चीनी बल आज भारत के अंदर बैठे हैं। उन्होंने पैंगोंग झील के ऊपर एक बड़ा पुल बना लिया है। वे बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं। वे निश्चित तौर पर किसी चीज की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसके बारे में बात नहीं करना चाहती है। सरकार चर्चा को दबाना चाहती है। यह भारत के लिए अच्छा नहीं है।”पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो साल से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच इस पुल का निर्माण किए जाने की खबरें हैं।

चीनी निर्माण से परिचित लोगों ने बुधवार को कहा था कि नया पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 20 किलोमीटर से अधिक दूर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।भारत ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा दूसरा पुल बनाए जाने का कड़ा विरोध किया था। नयी दिल्ली ने कहा था कि यह पुल उस क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जो लगभग 60 वर्षों से उस देश के ‘अवैध कब्जे’ में है।(भाषा)

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