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राहुल गांधी को मिली जमानत, 3 मई को होगी सजा के खिलाफ सुनवाई

‘मित्रकाल’ के विरुद्ध लड़ रहा हूं लोकतंत्र बचाने की लड़ाई : राहुल

नई दिल्ली । ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में सूरत के सत्र न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से दाखिल स्थायी जमानत की अर्जी पर 13 अप्रैल काे सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है और निचली अदालत से सुनाई गयी दो वर्ष के कारावास की सजा को खारिज किये की उनकी अर्जी पर तीन मई को सुनवाई का निर्णय किया है।इस मामले में निचली अदालत ने श्री गांधी को मानहानि का दोषी करार देते हुए 23 मार्च को उन्हें दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी और उनकी अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए उन्हें ऊपरी में फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय दिया था। सजा के आधार पर श्री गांधी लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य करार दिये जा चुके हैं।

श्री गांधी निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए सोमवार को अपने वकीलों सहित सूरज के सत्र न्यायालय पहुंचे थे, उनकी ओर से अदालत में दो याचिकायें दायर की गयीं जिनमें एक निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा पर स्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। दूसरी अर्जी में उन्हें 2019 में दायर मानहानि मामले में दोषी करार दिये जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है।’मोदी उपनाम’ को लेकर मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की सजा पर स्थायी रोक के मुद्दे पर अदालत ने श्री गांधी की जमानत स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 13 अप्रैल को रखी है।सजा को निरस्त करने संबंधी याचिका पर न्यायालय ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस दिया है।

न्यायालय सजा को रद्द करने की श्री गांधी की अर्जी पर सुनवाई के लिए तीन मई की तारीख तय की है।गौरतलब है कि श्री गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक चुनावी सभा में कहा कि सारे चोर मोदी सरनेम वाले ही क्यों होते हैं। इसे पूरी मोदी बिरादरी को बदनाम करने वाला बयान बताते हुए गुजरात विधानसभा के सदस्य पूर्णेश मोदी ने सूरज के मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष मानहानि का दावा किया था। मजिस्ट्रेट ने श्री गांधी को मानहानि का दोषी करार दिया है।न्यायालय से बाहर निकल कर श्री गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि यह ‘मित्रकाल’ के खिलाफ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।

उन्होंने कहा, “ इस संघर्ष में सत्य मेरा सहारा है। ”अदालत में श्री गांधी के साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और भूपेश पटेल तथा उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा कई पार्टी नेता भी थे।इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता संवित पात्रा ने श्री गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता अपने परिजनों और मुख्यमंत्रियों के साथ उस “ ओबीसी समुदाय के अपमान को दोहराने और उसे बढ़ाने के लिए पूरे धूमधाम से अदालत जा रहे हैं।”

मोदी सरनेम मामले दो साल की सजा

बीते महीने सूरत के कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस सजा को चुनौती देने के लिए राहुल को एक महीने का समय दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई थी।(वीएनएस)

‘मित्रकाल’ के विरुद्ध लड़ रहा हूं लोकतंत्र बचाने की लड़ाई : राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह ‘मित्रकाल’ में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में सत्य ही उनका एक मात्र मित्र है।श्री गांधी को मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत ने सजा सुनाई है जिसके कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म की गई थी। श्री गांधी सोमवार को सूरत की अदालत में पेश हुए जहां उन्हें जमानत मिली है।कांग्रेस नेता ने इस संबंध में ट्वीट किया , “ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा। मैं यहां देश के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज को बचाने के लिए आया हूं।”

इस बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बताया कि युवा कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता सूरत जा रहे थे जिन्हें पुलिस ने रोका और हिरासत में लिया है। पार्टी ने कहा “राहुल गांधी जी का समर्थन करने कांग्रेस के कुछ युवा साथी सूरत जा रहे थे लेकिन नवसारी रूरल पुलिस स्टेशन ने मोदी सरकार इन युवाओं को पकड़क कर हिरासत में लिया। मोदी सरकार ने अपनी कायरता और तानाशाही का शर्मनाक सबूत दिया।”

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने भी यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया , “गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को सूरत जाने से रोकने के लिए अवैध गिरफ़्तारी करने के समाचार लगातार मिल रहे हैं।भाजपा का अलोकतांत्रिक चेहरा बार-बार बेनक़ाब हो रहा है। कांग्रेस इन सब हरकतों की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग करती है।”(वार्ता)

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