संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही भारत-चीन सीमा मुददे पर बाधित
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही भारत-चीन सीमा मुददे पर बाधित रही। विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अड़े रहे। हालांकि, सरकार ने यह कहते हुए इससे इनकार कर दिया कि संसद के दोनों सदनों में इस बारे में पहले ही बयान दिया जा चुका है।दोपहर 12 बजे पहले स्थगन के बाद जब लोकसभा की बैठक फिर शुरू हुई तब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्य दलों के सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है और ऐसे मुद्दों पर कांग्रेस के शासन काल में भी विस्तृत चर्चा नहीं होती थी। सदन में शोरशराबा जारी रहने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को उठाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। शोरशराबा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो सभापति जगदीप धनखड़ ने भारत-चीन सीमा मुद्दे, सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा बिहार के बारे में की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी और अन्य मुद्दों पर लाए गए विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस पर कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। अन्य विपक्षी सांसद भी शोरशराबा करने लगे। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सत्र की शुरुआत से ही वे भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा की मांग करते रहे हैं और सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुब्रहमण्यम जयशंकर पहले ही अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झडप की जानकारी देते हुए सदन में अपना बयान दे चुके है। बिहार पर अपनी टिप्पणी पर श्री गोयल ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनका बिहार के लोगों का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था और अगर इससे किसी को ठेस पहुंची हो तो वह तुरंत अपनी टिप्पणी वापस लेते हैं। भारत-चीन मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न दिये जाने पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पूरे दिन के लिए सदन की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की।