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महाकुम्भ में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को मिलेगा ‘महाकुम्भ सेवा मेडल’ और 10 हजार का स्पेशल बोनस : मुख्यमंत्री

बोले योगी, पुलिस ने पहले दंगा और माफिया मुक्त यूपी बनाया अब 'मित्र पुलिस' के रूप में पूरी दुनिया में स्थापित की अपनी अलग तस्वीर.सीएम ने पुलिसकर्मियों के धैर्य और शालीनता की प्रशंसा की, कहा- लोग धक्का भी दे देते थे, तब भी हमारे जवानों ने सहनशीलता का परिचय दिया.आलोचना करने वालों को सीएम ने दी नसीहत, बोले- महाकुम्भ में भागिदारी करने वाला ही इसके स्केल को समझ सकता है, दूर बैठकर विद्वेष भाव से टिप्पणी करना आसान है.पुलिस, अर्धसैनिक बल, होमगार्ड, पीआरडी, जल पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के व्यवहार की हो रही देश-विदेश में तारीफ : योगी आदित्यनाथ.

  • सीएम ने पुलिसकर्मियों के साथ भोजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उनके योगदान को यादगार बताते हुए उसकी सराहना की

महाकुम्भ नगर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ 2025 की पूर्णाहुति के अवसर पर गुरुवार को गंगा मंडपम में आयोजित एक विशेष संवाद कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महाकुम्भ को दुनिया का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक आयोजन करार देते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी नेतृत्व और पुलिस बल के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया। सीएम योगी ने कहा कि इस आयोजन ने आस्था और अर्थव्यवस्था के समन्वय का एक नया प्रतिमान स्थापित किया है, जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। सीएम ने पुलिसकर्मियों के धैर्य और शालीनता की प्रशंसा की। उन्होंने घोषणा की कि महाकुम्भ में ड्यूटी देने वाले 75 हजार जवानों को ‘महाकुम्भ सेवा मेडल’ और प्रशस्तिपत्र दिया जाएगा। साथ ही, अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को 10 हजार रुपये का स्पेशल बोनस और सभी को फेज वाइज एक सप्ताह का अवकाश प्रदान किया जाएगा।

हमारी पुलिस ने समाधान का रास्ता चुना और असंभव को संभव बनाया

मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों से अपने संबोधन में कहा कि महाकुम्भ जैसा विशाल आयोजन एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमने इसे एक ऊंची चोटी तक पहुंचाया। यह आप सभी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। अगर हम समस्या के बारे में सोचते तो बहाने मिलते, लेकिन समाधान के बारे में सोचा तो रास्ते मिले। हमने समाधान का रास्ता चुना और इसे दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बनाया। उन्होंने पीएम मोदी के ‘दिव्य-भव्य और डिजिटल कुम्भ’ के थीम की चर्चा करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक प्रगति का प्रतीक बन गया है। उन्होंने महाकुम्भ की आलोचना करने वालों को भी खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि जो महाकुम्भ का भागिदार बना होगा वहीं इसके स्किल और स्केल के बारे में समझ पाएगा। किसी कोने में बैठकर विद्वेष भाव से टिप्पणी कर देना आसान बात है। उन्होंने महाकुम्भ के दौरान पुलिसकर्मियों के धैर्य और शालीनता की प्रशंसा की और कहा कि कई बार कुछ लोग जवानों को धक्का भी दे देते थे, तब भी हमारे जवानों ने सहनशीलता का परिचय दिया।

महाकुम्भ की पूर्णाहुति कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने पुलिसकर्मियों से किया संवाद, बोले- फेज वाइज मिलेगी एक-एक हफ्ते की छुट्टी.

आस्था और अर्थव्यवस्था का ऐसा अनोखा संगम दुनिया में कहीं नहीं दिखा

सीएम योगी ने बताया कि प्रयागराज के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और महाकुम्भ में राज्य सरकार ने करीब साढ़े 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की अर्थव्यवस्था में साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी आस्था को अर्थव्यवस्था के साथ इस तरह नहीं जोड़ा गया। भारत के ऋषियों ने कहा था कि यदि हम सही मार्ग पर चलें और आस्था का सम्मान करें, तो अर्थ और कामनाओं की सिद्धि स्वतः प्राप्त होगी। महाकुम्भ ने इसे साकार करके दिखाया।

अभूतपूर्व भीड़ और बेहतरीन प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है महाकुम्भ

मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की क्षमता और समर्पण की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की स्थाई आबादी 25 लाख है, लेकिन महाकुम्भ में प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो करोड़ लोग आए। अब तक 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु इस आयोजन का हिस्सा बने। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सभी राज्यों के राज्यपाल, ज्यादातर मुख्यमंत्री, 100 देशों के राजनयिक, 12 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और उनके नागरिकों ने इस आयोजन में भाग लिया। सीएम ने कहा कि उन्हें पहले दिन से भरोसा था कि हम इसे सफल बनाएंगे, क्योंकि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उन्होंने पुलिस की क्षमता को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस, अर्धसैनिक बल, होमगार्ड, पीआरडी, जल पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के व्यवहार की तारीफ हर व्यक्ति कर रहा था।

पुलिस सुधार और अवस्थापना में क्रांतिकारी बदलाव किये गये हैं

सीएम योगी ने पुलिस सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पुलिसकर्मियों की स्थिति को बेहतर करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, ”लखनऊ पुलिस लाइन में टूटी छत और चारपाई पर सोते जवानों को देखकर मैंने तुरंत सुधार का फैसला लिया। आज यूपी पुलिस का बजट 40 हजार करोड़ रुपये है। हर जनपद में पुलिस बैरक की सबसे बड़ी इमारतें बन रही हैं।” उन्होंने बताया कि 54 पीएसी कंपनियों, जिन्हें समाप्त कर दिया गया था, उन्हें बहाल किया गया, 3 महिला बटालियन शुरू की गईं और 1 लाख 56 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती पूरी की गई, जबकि 60 हजार की प्रक्रिया चल रही है। आगे 30 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगा।

पुलिस ने चुनौतियों पर विजय पाई और अनुशासन का दिया परिचय

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश दंगों, माफिया राज और असुरक्षा से जूझ रहा था, लेकिन आज यह निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। पहले जो माफिया वीआईपी बनकर घूमते थे, उनका सामना हमारी पुलिस से हुआ तो उसकी पैंट गीली हो गई। सीएम ने कहा कि महाकुम्भ में पुलिस ने क्राउड मैनेजमेंट, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मौनी अमावस्या पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई, लेकिन 15-20 मिनट में ग्रीन कॉरीडोर बनाकर घायलों को इलाज मुहैया कराया गया। आग की घटनाओं को 10 मिनट में नियंत्रित किया गया, जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई।

भारत का मान बढ़ा, यूपी का गौरव बढ़ा

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया और उत्तर प्रदेश को देश में नई पहचान दी। सीएम ने पुलिस बल को बधाई देते हुए कहा 28 से 30 जनवरी के बीच मात्र तीन दिन में 15 करोड़ लोग महाकुम्भ में आए। जो भी आया, संगम में डुबकी लगाकर, अभिभूत होकर गया और आपको धन्यवाद देकर गया। यह आपकी व्यवहारिक दक्षता और संवेदनशीलता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जो भी पुलिसकर्मी अभी तक स्नान नहीं कर पाए हैं, वे ड्यूटी के साथ स्नान करें और संगम का जल अपने साथ जरूर लेकर जाएं। इस संवाद के साथ ही सीएम ने पुलिसकर्मियों के साथ भोजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उनके योगदान को यादगार बताते हुए उसकी सराहना की।

इस अवसर पर दोनों डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, दयाशंकर सिंह, अनिल राजभर, प्रयागराज के विधायकगण हर्षवर्धन वाजपेयी, गुरूप्रसाद, पूजा पाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, एडीजी जोन भानू भास्कर, पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, आईजी रेंज, डीआईजी कुम्भ, एसएसपी मेला, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और मेलाधिकारी सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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