बनारस से मुम्बई तक होती रही चर्चा, छेड़खानी व पूर्व विधायक के साथ हुई मारपीट को पुलिस ने लिया संज्ञान, दोनों पक्षों से किया संपर्क
वाराणसी। सूचना क्रांति के दौर में माया शंकर पाठक (पूर्व विधायक) के साथ हुई मारपीट का मामला बनारस से मुंबई तक चर्चा का विषय बना रहा। देखते ही देखते हजारों बार वीडियो वायरल हो गया जिसमें लोग माया शंकर पाठक को पीटते दिखाई दे रहे हैं। चौबेपुर थाना क्षेत्र के भगतुआ इलाके में शनिवार को पूर्व विधायक माया शंकर पाठक के साथ हुई मारपीट एवं उन्हीं के स्कूल में हाई स्कूल की लड़की के साथ संदिग्ध छेड़खानी के मामले को पुलिस ने स्वतः संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है। इस बावत पूछे जाने पर सीओ पिंडरा ने बताया कि चौबेपुर पुलिस ने कल वायरल हुए वीडियो के आधार पर सम्बंधित दोनों पक्षों से संपर्क साधा है। उनसे कुछ जरूरी जानकारी भी ली गई, लेकिन अबतक किसी ने पुलिस को लिखित तहरीर नहीं सौपीं है। इसलिए पुलिस की जांच अब भी अटकी पड़ी है।
यदि दोनों में से कोई पक्ष पुलिस को तहरीर देता है तो आगे की जांच कर कड़ी कार्रवाई भी अवश्य होगी। बता दें कि कल वायरल हुए मारपीट और माफी मांगने के वीडियो की चर्चा आज भी चौबेपुर इलाके में होती रही। इसी बीच पूर्व विधायक माया शंकर पाठक की ओर से अपनी सफाई में एक वीडियो कल पेश किया गया। अपने वीडियो में उन्होंने कहा है कि एक जाति विशेष से जुड़े लोगों ने साजिश के तहत मारपीट कर वीडियो बना उनका मान मर्दन किया गया है। बताया कि उन्होंने उक्त लड़की को 26 जनवरी पर होने वाले भाषण को ठीक से न बोल पाने पर सिर्फ डांटा था। जबकि वीडियो में छात्रा के परिजन स्पष्ट छेड़खानी का आरोप लगाकर बार बार उन्हें पीट रहे है।
बरहाल पुलिस इस मामले में आगे क्या करेगी ? इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। पूर्व विधायक से भाजपा ने भी पल्ला झाड़ लिया है। जबकि बताया गया कि माया शंकर पाठक उस दौर में भाजपा से बगावत कर अपना अंतिम चुनाव सपा के टिकट पर लड़ कर चुनाव हार गए थे। उसके बाद फिर किसी दल ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। इस प्रकरण की चर्चा अब बनारस ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली, मुंबई तक फैल चुकी है। पूर्व विधायक को छात्रा के परिजनों द्वारा पिटाई का वीडियो आज भी तेजी से वायरल होता रहा।