प्रधानमंत्री ने पीएम-स्वनिधि योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की
योजना को सिर्फ कर्ज देने के लिए नहीं, बल्कि रेहड़ी-पटरी वालों के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की पीएम-स्वनिधि योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इसमें बताया गया कि योजना के लिए 2.6 लाख आवेदन मिल चुके हैं, 64,000 को स्वीकृति मिल चुकी है और 5,500 को भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने पारदर्शिता, विश्वसनीयता और गति सुनिश्चित करने को योजना के कार्यान्वयन के लिए एक वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से एंड-टू-एंड आईटी समाधान के उपयोग पर संतोष प्रकट किया।
गौरतलब है कि योजना के सुगम कार्यान्वयन के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय मोबाइल एप्लीकेशन सहित एक पूर्ण आईटी समाधान पर काम कर रहा है, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना में रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) द्वारा एंड-टू-एंड (पूर्ण रूप से) डिजिटल लेनदेन का उपयोग करने वालों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। इसके दायरे में कच्चे माल की खरीद से लेकर बिक्री आय के संग्रह तक उनका पूरा कारोबार होना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए उचित प्रोत्साहन और प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। डिजिटल भुगतान के उपयोग से स्ट्रीट वेंडर का क्रेडिट प्रोफाइल बनने में भी सहायता मिलेगी, जिससे उनके लिए भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना को सिर्फ स्ट्रीट वेंडर्स को कर्ज देने के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे उनके समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के रूप में भी देखा जाना चाहिए। इस दिशा में एक कदम से उनका पूरा सामाजिक आर्थिक विवरण मिल जाएगा, जिससे आवश्यक नीतिगत कदम उठाना आसान हो जाएगा। पात्र लोगों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभ पहुंचाने के लिए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा भी इस डाटा का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें पीएमएवाई-यू के अंतर्गत आवास, उज्ज्वला के अंतर्गत रसोई गैस, सौभाग्य के अंतर्गत बिजली, आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य, डीएवाई-एनयूएलएम के अंतर्गत कौशल, जन धन के अंतर्गत खाता आदि शामिल हैं।