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काशी से देश व दुनिया को शांति और सौहार्द का संदेश दिया पीएम मोदी ने

सारनाथ के दर्शन कर विश्‍व शांति का संदेश दिया मोदी ने , विशेषज्ञ प्रधानमंत्री के सारनाथ दर्शन पर निकाल रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ , विशेषज्ञों के मुताबिक सारनाथ दर्शन से पीएम चीन को विश्‍व शांति पर करारा जवाब .

लखनऊ। काशी से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देश और दुनिया को भारतीय संस्‍कृति के साथ शांति और सौहार्द का भी संदेश दिया। सच तो यह है कि बुद्ध के प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ का दर्शन मोदी का चीन की विस्‍तारवादी और युद्धोन्‍मादी रणनीति को करारा जवाब है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन से हर तरह का मोर्चा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की रणनीति कारगर साबित हो रही है। चाहे वह सीमा पर सैन्‍य रणनीति हो या फिर दुनिया में भगवान बुद्ध के उपदेश के जरिए विश्‍व शांति का संदेश देना हो। पीएम नरेन्‍द्र मोदी हर मोर्चे पर कामयाब हो रही हैं। यही वजह है कि देव दीपावली काशी घाट पर दीपदान के साथ पीएम मोदी भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्‍थल सारनाथ के दर्शन कर विश्‍व में शांति का संदेश दिया। दुनिया भर के विशेषज्ञों प्रधानमंत्री के सारनाथ आने पर अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ निकाल रहे हैं।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार राजनीतिक विभाग के प्रोफेसर तेज प्रताप सिंह का कहना है कि ऐसा देखा जाता है भारत और चीन के मध्य बुद्धिस्म को लेकर प्रतिद्विंदता चल रही है। चीन का तर्क है की बुद्ध धर्म को मानने वाले सबसे अधिक चीन में रहते है ,अतः बुद्ध धर्म पर चीन का अधिकार है। केवल बुद्ध के भारत में पैदा भर होने से भारत का कोई अधिकार नहीं हो सकता है। जनगणना के अनुसार बुद्ध धर्म के मानने वालों की संख्या बढ़ने के बजाय वैश्विक स्तर पर घट रहे है। दूसरी तरफ भारत का मानना है की भगवान बुद्ध का पैदा होने से से लेकर प्रथम उपदेश तक भारत में हुआ है। कही न कही भारत और चीन के बीच यह सांस्कृतिक लड़ाई भी है और दोनों देशों में बुद्ध धर्म का नेतृत्व करने की प्रतिस्पर्धा भी है। भारत और चीन की लड़ाई में बुद्ध धर्म भी एक शस्त्र के रूप में हो गया है। जिसका फायदा भारत को बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली में प्रधानमंत्री के आने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगा।

डॉ के सिरी सुमेधा थेरो अध्यक्ष जम्बूदीप श्रीलंका बुद्धिस्ट मंदिर सारनाथ का मानना है कि भगवान बुद्ध के देश दुनिया मे बहुत से मानने वाले है। बुद्ध के प्रथम प्रवचन की जगह प्रधानमंत्री जाएंगे तो बौद्ध धर्म के मानने वाले खुश होंगे। श्री थेरो ने कहा कि भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थल पर प्रधानमंत्री आशीर्वाद लेंगे, तो यह संदेश पूरे विश्‍व में जाएगा। श्री थेरो को मानना है कि राजा हमेशा अनुग्रह और मदद देते है। सम्राट अशोक, राजा हर्षवर्धन,कनिष्ठ ने बौद्ध धर्म को बहुत कुछ दिया है और अब प्रधानमंत्री गए तो जरूर बौद्ध धर्म को लाभ होगा। हालांकि श्री थेरो भारत और चीन के सम्बन्ध को पुराने और प्रगाढ़ मानते हुए कहते है, थोड़ी समस्या है जो जल्दी समाप्त हो जाएगी

बुद्ध धर्म में आस्था रखने वाले देश जापान ने बौद्धधर्म की उत्पत्ति वाले देश भारत में बौद्ध भिक्षु स्वर्गीय होजो सासाकी ने अपने संस्था धर्मचक्र इन्डो-जापान बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी ने सारनाथ में जापानी बौद्ध मंदिर का निर्माण 1989 मे कराया था। जिसके वर्तमान में अध्यक्ष 70 वर्षीय म्योजित्सू नागाकूबो है,जो समाज सेविका भी है। बच्चो को पढ़ाने के साथ जरुरतमंदो की मदद भी करती है। उनका मानना है कि बुद्ध धर्म हिदू धर्म की तरह ही एक जीवन शैली है, जिसकी जड़े भारत में है। भारत से ही निकल कर यह विश्व भर में फैली है। पूरे विश्व के सामने शांति सौहार्द बनाए रखना एक चुनौती है। इसमें सारनाथ से दिये गये बुद्ध के उपदेश मील का पत्थर साबित हो सकते हैं । मोदी जी के सारनाथ आगमन से एक बार पुन विश्व मे शांति और सौहार्द का संदेश काफी मजबूती से जाएगा।

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