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काशी विश्वनाथ धाम देख छाती 56 इंच की हो गई: पीयूष गोयल

वाराणसी । केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार शाम गंगा नदी में क्रूज पर तमिलनाडु से आए टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े उद्यमियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता, विस्तारित स्वरूप को भी देखा। कॉरिडोर को देख केन्द्रीय मंत्री ने साथ मौजूद तमिलनाडु के उद्यमियों और निर्यातकों के साथ दिल्ली, तमिलनाडु और वाराणसी के पत्रकारों से धाम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि कभी गलियों में मंदिर छोटे से रूप में बन के रह गया था। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से और दृढ़ इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करते हुए आज जो सुंदर अनुभव विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का किया। इससे यहां उपस्थित लोगों का सीना भी 56 इंच का हो गया। केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय संस्कृति और विरासत को नई पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस दौरान काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के हो रहे समागम की चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों का इतिहास काफी पुराना है। काशी में शिवकाशी के पटाखे फूटते हैं । दोनों जगह की साड़ी पूरे देश को जोड़ने का काम करती है। गोयल ने कहा के काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के बीच जो गहरा संबंध है उसे विश्व और देश के सामने उजागर किया गया है।इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने कहा कि काशी तमिल संगमम के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने अभूतपूर्व काम किया है। इस संगमम की चर्चा चारों और है और इस माध्यम से काशी और तमिलनाडु का जुड़ाव और मजबूत हुआ है।

इसके पहले केन्द्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि तमिलनाडु टेक्सटाइल का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि प्राचीन काल से काशी और तमिलनाडु का जो जुड़ाव है उसे हम देश और दुनिया के सामने पहुंचाएं। टेक्सटाइल सेक्टर के देश भर के प्रतिनिधि काशी में आए हैं। टेक्सटाइल के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर मंथन हो रहा है। इस दो दिवसीय मंथन के सकारात्मक प्रभाव हमें आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। वाराणसी में हो रहे दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव का जिक्र कर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसमें टेक्सटाइल उद्योग के विकास के लिए आगे की योजना और इसके रोड मैप पर चर्चा होगी।

काशी विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ पर भजनों और गीतों से हुई शिव की आराधना

श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का एक वर्ष पूरा होने पर मंगलवार शाम दरबार में शाम को भजनों और गीतों से काशीपुराधिपति की आराधना कलाकारों ने की। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायिका अनुराधा पौडवाल ने सुर लय से बाबा के चरणों में हाजिरी लगाई। गायिका के भजनों की अमृत वर्षा में मौजूद लोग भक्ति भाव से झूमते रहे। इसके पहले दरबार में पूर्वांह 11 बजे से सर्वप्रथम सभी वैदिक ब्राह्मणों एवं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चकों और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्यों ने बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन किया। जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक करने के पश्चात सभी ने बाबा से लोक कल्याण की कामना की, इसके पश्चात मंदिर परिसर में विश्व कल्याण की कामना को लेकर एक हवन पूजन का आयोजन किया गया।

इस दौरान मंदिर के अर्चक नीरज पांडेय, टेक नारायण उपाध्याय सहित 11 वैदिक शास्त्रियों ने नवग्रह पूजा और आवाहित समस्त देवों का सविधि पूजा पाठ किया। इसके बाद शुक्ल यजुर्वेदीय रूद्र स्वाहाकार मंत्रों से हवन किया गया। अभ्युदय कारक मंत्रों से हवन पूजन कर मंदिर और मंदिर से जुड़े समस्त लोगों के साथ विश्व कल्याण की कामना की गई। पूजन कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के ट्रस्टी पंडित दीपक मालवीय, प्रोफ़ेसर बृजभूषण ओझा, पंडित वेंकटरमन घनपाठी, पंडित प्रसाद दीक्षित, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा आदि उपस्थित रहे।(हि.स.)।

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