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पाकिस्तान ने पिछली हार से नहीं लिया सबक: मोदी

मोदी ने कारगिल युद्ध स्मारक पर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का आका’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि पड़ोसी देश ने पिछली हार और गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा है और वह ‘आतंकवाद और छद्म युद्ध’ की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।श्री मोदी, द्रास में 25वें कारगिल विजय दिवस पर 1999 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अतीत में अपने सभी अनैतिक और शर्मनाक प्रयासों के लिए हार का सामना करना पड़ा है।

श्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, “वह (पाकिस्तान) अतीत में हमेशा विफल रहा है लेकिन उसने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वह आतंकवाद और छद्म युद्ध की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। आज जब मैं ऐसी जगह से बोल रहा हूं, जहां आतंक के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं, तो मैं आतंकवाद के इन संरक्षकों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे बहादुर जवान पूरी ताकत से आतंकवाद को कुचल देंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”प्रधानमंत्री ने 1999 के कारगिल युद्ध के बारे में कहा कि भारत ने न केवल युद्ध जीता, बल्कि ‘सत्य, संयम और शक्ति’ का अद्भुत उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, “ आप जानते हैं, भारत उस समय शांति की कोशिश कर रहा था और बदले में पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना कुटिल चेहरा दिखाया लेकिन सत्य के सामने झूठ और आतंक की हार हुई।

”प्रधानमंत्री ने अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सेना में अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा और युद्ध के लिए फिट रखना है। कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते थे कि सेना का मतलब नेताओं को सलामी देना और परेड करना है, लेकिन हमारे लिए सेना का मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था है।श्री मोदी ने कहा, “अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा बनाये रखना है, सेना को लगातार युद्ध के लिए फिट रखना है। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का विषय बना दिया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेना को कमजोर किया।

”उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जो चाहते थे कि भारतीय वायुसेना को कभी आधुनिक लड़ाकू विमान न मिले। ये वही लोग हैं, जिन्होंने तेजस लड़ाकू विमान को खत्म करने की तैयारी कर ली थी। सच्चाई यह है कि अग्निपथ योजना देश को मजबूत करेगी।प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “कुछ ही दिनों में, पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए पांच साल हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर एक नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है।”इससे पहले, प्रधानमंत्री ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और 1999 में युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व की सबसे ऊंची शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट भी किया।कारगिल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के उपलक्ष्य में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि 1999 में, पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर नजर रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास द्रास से बटालिक सेक्टर तक की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर एक बड़ा अभियान चलाया और 74 दिन की लड़ाई के बाद सेना अपने क्षेत्र को वापस जीतने में कामयाब रही। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कारगिल युद्ध के अंत में 527 भारतीय हताहत हुए थे।इस जीत के बाद से सेना 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाती आ रही है, जिसका मुख्य समारोह द्रास में आयोजित किया जाता है।

मोदी ने कारगिल युद्ध स्मारक पर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।श्री मोदी आज सुबह द्रास पहुंचे और 1999 में युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। सेना के दिग्गजों ने भी कारगिल युद्ध स्मारक पर वीरों को श्रद्धांजलि दी।श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व की सबसे ऊंची शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट भी किया। शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंग प्रणाली का निर्माण किया जायेगा। यह सुरंग निमू-पदुम-दारचा मार्ग पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर बनायी जा रही और इससे लेह के लिए हर मौसम में आवागमन की सुविधा होगी।सरकार का कहना है कि शिंकुन ला सुरंग ना केवल सशस्त्र बलों और उपकरणों की तीव्र और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।कारगिल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के उपलक्ष्य में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि 1999 में, पाकिस्तानी सैनिकों और कई समूहों के आतंकवादियों ने रणनीतिक श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास द्रास से बटालिक सेक्टर तक की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर एक बड़ा अभियान चलाया और 74 दिन की लड़ाई के बाद सेना अपने क्षेत्र को वापस जीतने में कामयाब रही। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कारगिल युद्ध के अंत में 527 भारतीय हताहत हुए थे।इस जीत के बाद से सेना 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाती आ रही है, जिसका मुख्य समारोह द्रास में आयोजित किया जाता है।(वार्ता)

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