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आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं हमारी बहन-बेटियां, देश को बना रही हैं सशक्त : राष्ट्रपति मुर्मू

भोपाल । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे प्रसन्नता हुई कि मध्य प्रदेश में 44 लाख स्वसहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं कार्य कर रही हैं। इस तरह कार्य कर ये न स्वयं सशक्त हो रही हैं, बल्कि प्रदेश और देश को भी सशक्त बना रही हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की साक्षरता बढ़ रही है। हमारी बहन, बेटियां आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो रही हैं, इससे इनके जीवन स्तर में सुधार आ रहा है।राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार को राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आयोजित महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। सम्मेलन में प्रदेशभर से 15 हजार समूह की सदस्य महिलाएं आई हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू पहली बार मध्यप्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर भोपाल पहुंची हैं।

उन्होंने सम्मेलन में स्व सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शक्ति के लिए हम माता दुर्गा और माता काली को नमन करते हैं। इसीलिए पुराणों में भी माताओं को श्रेष्ठ बताया गया है इसलिए मां बनने का सौभाग्य केवल महिलाओं को प्राप्त है। भारतीय संस्कृति में माता को अत्यधिक सम्मान प्राप्त है। हमारे यहां कहते हैं कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव और मातृ देवो भव: पितृ देवो भव:, इसमें भी मां को अधिक आदर व सम्मान दिया गया है।राष्ट्रपति ने कहा कि यह खुशी की बात है कि हमारी बेटियां अपनी नई पहचान बना रही हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाएं समाज-देश को सशक्त कर रही हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंच रहा है। आज देश की महिलाएं स्व-सहायता समूह के जरिए अपने उत्पादों को विदेश तक पहुंचा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की साक्षरता दर भी बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और पंचायत राज में महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हमें महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जरूरत है। पुरुषों के साथ महिलाओं को भी शिक्षित करना होगा, तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। महिलाओं में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक जाने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने काम को छोटा न समझें। मैं एक वार्ड काउंसलर थी। मैंने हर काम को मन लगाकर किया। मेहनत और लगन से किए हर काम से आपको सफलता मिलेगी। मैं बहुत जगह जा रही हूं, लेकिन यहां आकर मुझे अलग महसूस हुआ। महिलाओं के योगदान से ही भारत विकसित देश बनेगा, विश्वगुरु बनेगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे अनुरोध पर हमारे बीच पधारीं राष्ट्रपति महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। वे सहज हैं, सरल हैं, धैर्य और गंभीरता की मूर्ति हैं। उनका व्यक्तित्व सागर से ज्यादा गहरा है, हिमालय से ज्यादा ऊंचा है। नारी सबला है, ये राष्ट्रपति ने सिद्ध किया है। कोई भी बहन कमजोर नहीं, अगर वो ठान ले तो हिम्मत से आगे बढ़कर दुनिया में चमत्कार कर सकती है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की 40 लाख बहनों ने यह तय कर लिया था कि वह गरीब नहीं रहेंगी। उन्होंने आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह बनाए। अब वह साबुन, कपड़े, सैनिटाइजर और आभूषण बनाती हैं। वह फल और सब्जियों के अलग-अलग उत्पाद बनाती हैं। राष्ट्रपति जी के सामने मेरी बहनों संकल्प लो कि आप अपनी मेहनत से नया इतिहास रचोगी। बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं करोगी और नशा मुक्त गांव बनाने में भी अधिकतम योगदान दोगी।कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ स्व-सहायता समूहों की बहनों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचकर बढ़ाया जनजातीय समुदाय का गौरवः राज्यपाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मंगलवार शाम को भोपाल प्रवास के दौरान यहां राजभवन में भव्य समारोह में अभिनंदन किया गया। समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपति का प्रदेश में प्रथम आगमन पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से निकल कर संघर्षों एवं कर्मठता के बल-बूते पर राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुँचकर श्रीमती मुर्मु ने जनजातीय समुदाय का गौरव बढ़ाया है। सम्पूर्ण देश धन्य हुआ है। जन मानस को नया विश्वास और प्रेरणा मिली है।

राज्यपाल पटेल ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मु ने गाँव से कॉलेज जाने वाली पहली बालिका से शुरू कर जनजातीय बहुल राज्य की पहली जनजातीय महिला राज्यपाल और देश की पहली महिला जनजातीय राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त कर देश में विश्वास और प्रेरणा का नया वातावरण निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में श्रीमती मुर्मु द्वारा किए गए जनजातीय समाज के उत्थान, विशेष कर शिक्षा के क्षेत्र में, प्रयासों की विशिष्ट पहचान है। जन-सेवा, जन-कल्याण और समाज के वंचित वर्गों की मजबूती के लिए किए गए उनके प्रयास प्रेरणादायी हैं।

उन्होंने कहा कि संविधान की गरिमा को मजबूत बनाने तथा राज्यपाल के रूप में विश्वविद्यालयों की परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में उनके द्वारा किए गए सुधारों ने शिक्षा की गुणवत्ता और उन्नयन के प्रयासों को नया आयाम दिया है। उनका अनुभव, विनम्रता और संवेदनशीलता सदैव हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। राज्यपाल ने राष्ट्रपति द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की परियोजनाओं के शिलान्यास की सौगात के लिए आभार ज्ञापित किया।

द्रौपदी मुर्मू जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी स्थित प्रज्ञ व्यक्तित्वः शिवराज

अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए कहा कि मन प्रसन्नता से भरा हुआ है। मुर्मू जी का शहडोल में भी भावभीना स्वागत हुआ। उनका जीवन प्रेरक है। उन्होंने जीवन की कठिन परिस्थितियों में विचलित हुए बिना स्थित प्रज्ञ रहकर लिपिक के पद से पार्षद, विधायक, मंत्री, राज्यपाल आदि बनते हुए देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद तक पहुँचने में सफलता प्राप्त की।मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की पंक्तियों को श्रीमती मुर्मू के जीवन में देखा जा सकता है हार नहीं मानूंगी रार नहीं ठानूगी, काल के कपाल पे लिखती, मिटाती हूँ, गीत नया गाती हूँ काव्य पंक्तियाँ उनके जीवन का मंत्र है। उन्होंने कहा कि श्रीमती मुर्मु प्रगति के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ी हैं और गरीबों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। इसी प्रतिबद्धता ने जनता के हृदय में उनके लिए सम्मानजनक स्थान बनाया।

नागरिक सम्मान कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को राज्यपाल पटेल ने साँची स्तूप की प्रतिकृति और मुख्यमंत्री चौहान ने अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की जनजातीय संपदा पर केन्द्रित पुस्तक भी राष्ट्रपति को भेंट की। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, भोपाल महापौर मालती राय, पद्मश्री भूरी बाई, समाज सेवी ओम मेहता, मनमोहन अग्रवाल और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू ने भी राष्ट्रपति का सम्मान किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, माखन सिंह, हितानंद शर्मा एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

मप्रः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति के साथ किया पौधरोपण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में बुधवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ पौधा लगाया। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी अत्यंत सहज, सरल, धैर्यवान, गंभीर हैं, उनके व्यक्तित्व में सागर जैसी गहराई है और वे मानवीय संवेदनाओं से भरी हुई हैं। आज उनके साथ पौधरोपण का सौभाग्य प्राप्त हुआ।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का पौधे लगाना, प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रकट करता है। उनको बहुत-बहुत धन्यवाद! राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा मध्यप्रदेश की पावन धरती पर पौधरोपण करने से हमारे उस अभियान को भी बल मिला है कि हर व्यक्ति महत्वपूर्ण अवसर पर पौधे लगाए। अब मध्यप्रदेश में पौधरोपण अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुर्मू इन दिनों मध्य प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर हैं। बुधवार को उनके प्रवास का अंतिम दिन है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पिछले डेढ़ साल से रोज पौधे लगा रहे हैं। उनके पौधरोपण अभियान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी साथ मिला। उन्होंने आज भोपाल प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री चौहान के साथ पौधरोपण किया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भोपाल स्थित मप्र जनजातीय संग्रहालय पहुंची। यहां उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जनजातीय कलाकृतियों, पेंटिंग्स और अलग-अलग आदिवासी समुदाय की जीवनशैली से जुड़ी संरचनाओं को देखा। इस अवसर पर राष्ट्रपति का पद्मश्री भूरी बाई ने अंग वस्त्रम भेंट कर स्वागत किया।(हि.स.)

महिलाओं में पंचायत से ‘पार्लियामेंट’ तक पहुंचने की शक्ति, मौका देना हमारा कर्त्तव्य : मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि महिलाओं के स्वसहायता समूह पूरे देश को सशक्त बना रहे हैं, महिलाओं में पंचायत से लेकर ‘पार्लियामेंट’ तक पहुंचने की शक्ति है, ऐसे में उन्हें मौका देना हमारा कर्त्तव्य है।श्रीमती मुर्मू यहां महिला स्वसहायता समूह सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के इस आयोजन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रेम सिंह पटेल, सांसद प्रज्ञा ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित थे।अपने करीब 20 मिनट के संबोधन में श्रीमती मुर्मू ने देश के विकास में महिलाओं के सशक्त योगदान को लगातार रेखांकित किया। उन्होंने स्वसहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि वे अपने कार्यों को छोटा नहीं समझें।

उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वे वार्ड पार्षद थी। उस दौरान उन्हें स्वच्छता से जुड़े कार्य सौंपे गए, लेकिन उन्होंने कभी अपने कार्य को लेकर शिकायत नहीं की और न ही उसे छोटा समझा। लगातार लगन से सिर्फ काम किया।उन्होंने कहा कि वे बतौर राष्ट्रपति कई स्थानों पर जा रही हैं, लेकिन इस सम्मेलन में उन्हें अन्य स्थानों से अलग अनुभव महसूस हुआ।राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि मध्यप्रदेश में लाखों महिला स्वसहायता समूह हैं, जो पूरे समाज और देश को सशक्त बना रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में करीब 17 हजार से अधिक महिलाएं पंचायतों में चुनी गई हैं। महिलाओं में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक जाने की शक्ति है, उन्हें मौका देना हमारा कर्त्तव्य है।

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, पुराणों में भी माताओं को प्राथमिकता और सम्मान दिया गया है। माता का स्थान पिता और आचार्य से भी ऊपर कहा गया है। जब ईश्वर ने महिलाओं और पुरुषों में भेदभाव नहीं किया, तो फिर हम क्यों करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे कि बेटा और बेटी दोनों ही राष्ट्र की संतान हैं, दोनों को आगे बढ़ाने से ही देश का विकास होगा।श्रीमती मुर्मू ने कहा कि महिलाओं का सम्मान करना हमारा राष्ट्रीय कर्त्तव्य है। हमें ऐसा वातावरण बनाना होगा, जिसमें महिलाएं निर्भीक और स्वतंत्र महसूस कर सकें। महिलाओं के सहयोग से ही भारत निकट भविष्य में एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरेगा।(वार्ता)

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