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योगी की पहल पर काशी के दो उद्यमियों ने बनाया ऑक्सीजन प्लांट

सफल ट्रायल के बाद चंदौली के अस्पताल में लगने को है तैयार । 7 दिनों में 80 बेड के लिए ,400 एलएमपी का बनाया ऑक्सीजन प्लांट। भविष्य के लिए भी प्लांट बनाने की कर रहे तैयारी।

  • रत्नेश राय

वाराणसी । यूपी के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों के सांसो को थामने के लिए हर जतन कर रही है। एक तरफ तेज़ी से ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने प्राणवायु मरीजों तक पहुंचाया वहीं दूसरी तरफ़ अस्पतलों में ऑक्सीजन प्लांट लगवाए ,साथ ही बड़ी तादात में सिलेंडर रिफलिंग की व्यवस्था भी सरकार ने समय से किया। इसके साथ ही साथ सरकार एक बड़ा काम और कर रही थी। योगी सरकार की पहल पर वाराणसी के दो उद्यमी ने 7 दिनों में ऑक्सीजन प्लांट बना दिया है। 400 एलएमपी का ये प्लांट करीब 80 लोगों को सांस देगा। जल्दी ही ये प्लांट जनपद चंदौली के अस्पताल में लगाया जाएगा।

किसी भी आपदा में मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। इस धर्म को वाराणसी के दो उद्यमियों ने सच कर दिखया है। विपिन अग्रवाल और गौतम चौधरी ने महज 7 दिनों में ऑक्सीजन प्लांट बनाकर तैयार कर दिया है। प्लांट का सफलता पूर्वक ट्रायल भी हो चूका है। और अब ये जल्दी ही चंदौली के अस्पताल में कोरोना मरीजों को सांस देने लगेगा । विपिन अग्रवाल ने बताया की उनके घर के कई सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे। ऑक्सीजन को लेकर जब उन्होंने लोगों की परेशानियां देखी ,तो खुद ऑक्सीजन प्लांट बनाने का निर्णय लिया । विपिन अग्रवाल की सीमेंट व स्टील की फैक्टरी है ,जिसके चलते उन्होंने कम्प्रेसर समेत कई उपकरणों के बारे में अच्छी समझ है। किताबों व इंटरनेट से रिसर्च के अलावा विशेषज्ञो से मदद लिए है।

ऑक्सीजन प्लांट को बनाने में मैनेजमेंट का जिम्मा गौतम चौधरी के कंधो पर था, उन्होंने इसे बनाने में आने वाली सभी अड़चनों को दूर किया साथ ही अपने कंपनी की टीम से तकनीकी साहयता भी उपलब्ध कराया । कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) से निशुल्क दो प्रेशर वेसल्स इन उद्यमियों को उपलब्ध कराए।उद्यमियों ने 500 किलो जियोलाइट,कम्प्रेसर समेत कई उपकरण लखनऊ समेत कई जगहों से मंगवाए । “मेड इन काशी “इस प्लांट को बनाया तो गया है जुगाड़ से, लेकिन इसका उपयोग कोरोना मरीजों के सांसो को बरकरा रखने का था। इस लिए ऑक्सीजन प्लांट में एक भीपुराने उपकरणों का इस्तमाल नहीं किया गया है। विपिन अग्रवाल ने बताया कि 400 एलएमपी का ये प्लांट करीब 80 बेड पर ऑक्सीजन देगा। इसकी लागत भी बाज़ार में बिकने वाले ऑक्सीजन प्लांट से काफी कम आई है। इस प्लांट में कुछ उपकरणों को और लगा कर सिलेंडर रिफलिंग के लिए भी उपयोग में ला सकते है ।

इस प्लांट में नाइट्रोजन को आक्सीजन से ज्यादा मजबूत तरीके से जियोलाइट के एब्जार्वेट बेड से हवा का दबाव देकर गुजारा जाता है। इससे नाइट्रोजन अलग हो जाती है। उद्यमियों ने बताया मुख्यतः चाइना से आने वाले उच्च गुणवत्ता के जियोलाइट की मांग इस वक़्त बढ़ने से मुश्किल से मिल पा रहा है। आने वाले समय को भांपते हुए ये उधमी 20 टन जियोलाइट का आर्डर चीन को दे चुके है। जिससे आने वाले समय के चुनौतियों के लिए तैयार रह सके।

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी में ऑक्सीजन की पूर्ति मौजूदा समय में आवश्कता से अधिक है। “मेड इन काशी ” प्लांट को जिला चंदौली के सरकारी अस्पताल में इंस्टाल कराया जाएगा। उन्होंने कहां कि स्थानीय उद्यमी आगे आये और इस तरह के प्लांट लगाने की पहल करे तो सरकार उनके साथ है। उन्होंने बताया कि बाहर से ऑक्सीजन प्लांट मंगवाने में कई तरह की परेशानियां होती है। यदि स्थानीय स्तर पर प्लांट बनने लगे तो सभी समस्याओं का समाधान आसानी से हो जायेगा।

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