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प्रदेश सरकार की मदद से केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने तैयार की सूची
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उत्पाद के स्वाद, सुगंध, पौष्टिकता और निर्यात की संभावना को बनाया मानक
गिरीश पांडेय
लखनऊ : ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा और प्रदेश सरकार की फ्लैगिशप योजना है। इसी की तर्ज पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में खेतीबाड़ी से संबंधित उत्पादों के ओडीओपी की घोषणा की है। इस सूची में प्रदेश के 45 जिले शामिल हैं। योजना सफल रही तो प्रदेश के लाखों किसानों के हित में मील का पत्थर साबित होगी।
इन उत्पादों के चयन में सम्बंधित फसल उत्पादन के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र की उपयुक्तता, उत्पाद की गुणवत्ता, स्वाद, सुगंध, पौष्टिकता, औषधीय गुणों और निर्यात की संभावनाओं को मानक बनाया गया है। यही नहीं संबंधित जिले के किसान फसलों की कौन सी प्रजाति लगाएं इसकी भी संस्तुित की गयी है।
सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले वर्षों में बुंदेलखंड चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा और सोनभद्र के चने का देश भर में जलवा होगा। बदायूं का बाजरा अपनी इस उपलब्धि पर इतराएगा। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर नोएडा की ताजी सब्जियां देश की राजधानी दिल्ली के लोगों को सेहतमंद बनाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की हरी मिर्च और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के कालानमक धान की खेती करने वाले किसानों की भी संभावनाएं बेहतर हो जाएंगी।
मालूम हो कि ओडीओपी की संभावनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी 2018 में ही इसकी घोषणा कर दी थी। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित ओडीओपी में भी कई उत्पाद मसलन कालानमक धान-सिद्धार्थनगर, केले का रेशा-कुशीनगर, केला-कौशांबी, गुड़-अयोध्या, मुजफ्फरनगर, आंवला-प्रतापगढ़, दाल-बलरामपुर, गोंडा, देशी घी-औरैया, गेहूं के डंठल से बनने वाले हस्तशिल्प-बहराइच, लकड़ी के खिलौने-चित्रकूट, लकड़ी की कलाकृितयां-सहारनपुर, बस्ती, बिजनौर, रायबरेली, मूंज के उत्पाद प्रयागराज, अमेठी, सुल्तानपुर खेती बाड़ी से ही जुड़े हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा ओडीओपी योजना के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन से प्रदेश के किसानों और खेती का कायाकल्प हो सकता है।