पूर्वोत्तर क्षेत्र रोल मॉडल के रूप में उभरा-डॉ. सिंह
नई दिल्ली । केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां मोदी सरकार 2.0 के अंतर्गत डोनर मंत्रालय की एक वर्ष की उपलब्धियों पर पुस्तिका और इसका ई-संस्करण लॉन्च किया। डोनर मंत्रालय के सचिव एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। एनईसी के सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिलांग से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस लॉन्च कार्यक्रम में भाग लिया।
अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र कई प्रकार से एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है। पिछले छह वर्षों से विकास के लिए एक सफल मॉडल के रूप में उभरने के बाद अब यह क्षेत्र कोरोना प्रबंधन में भी रोल मॉडल के रूप में उभरा है और सामान्य कामकाजी स्थितियों में लौटने के बाद एक बार फिर से इसने अनुसरण करने के मामले में पूरे देश के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पिछले छह वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र को मिली प्राथमिकता एवं संरक्षण के कारण यह संभव हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने डोनर मंत्रालय की टीम को 2019-20 के दौरान 100 प्रतिशत व्यय अर्जित करने पर बधाई दी और कहा कि सड़क, रेल एवं वायु सम्पर्क मार्ग के मामले में उल्लेखनीय विकास हुआ है जिससे न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि समस्त देश में वस्तुओं और व्यक्तियों की आवाजाही को सुगम बनाने में सफलता मिली है। अभी तक, क्षेत्र को पार्सल सुविधाओं के अतिरिक्त, 400 टन वायु कार्गो आपूर्ति प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद के समय में बांस को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा और यह क्षेत्र युवा उद्यमियों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाते हुए देखेगा।
मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवसंरचना, ऊर्जा एवं अन्य सेक्टरों में उल्लेखनीय विकास देखा गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए जीबीएस का कम से कम 10 प्रतिशत निर्धारित करने की सरकार की नीति के तहत गैर-छूट प्राप्त विभागों द्वारा आरई चरण में पूर्वोत्तर राज्यों को 53,374 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए थे। रेलवे ने जीबीएस के अतिरिक्त 4745 करोड़ रुपये आवंटित किए। 10 प्रतिशत जीबीएस के तहत आवंटन में तेजी से बढोतरी हुई है जो पूर्वोत्तर पर माननीय प्रधानमंत्री के फोकस को प्रदर्शित करता है।
कुछ प्रमुख परियोजनाएं, जिन्हें पूर्वोत्तर क्षेत्र में पिछले एक वर्ष के दौरान अनुमोदित किया गया, आरंभ किया गया या जो पूरी हुईं, नीचे उल्लेखित हैं:
1. 9265 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित इंद्रधनुष गैस ग्रिड प्रोजेक्ट सभी आठ राज्यों को कवर करती हुई 1656 किमी लंबी पूर्वोत्तर गैस पाइपलाइन होगी। यह पूर्वात्तर क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगी तथा बिना प्रदूषण के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी। यह पूर्वात्तर के वातावरण को इसके मौलिक रूप में संरक्षित करने में काफी सहायक साबित होगी।
2. अरुणाचल प्रदेश की राजधानी की कनेक्टिविटी के लिए ग्रीनफील्ड होलोंगी हवाई अड्डे का काम आरंभ हो चुका है। 955.67 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ इस परियोजना के दिसंबर, 2022 तक पूरी हो जाने की संभावना है।
3. रेलवे ने दक्षिण त्रिपुरा एवं बांग्लादेश में चट्टोग्राम बंदरगाह को सुगम पहुंच उपलब्ध कराने के लिए बेलोनिया-सब्रूम (39.12 किमी) रेल लाइन पूरा कर लिया है। न्यू जलपाईगुड़ी-लुंबडिंग परियोजना के हवाईपुर-लुंबडिंग 25.05 किमी लंबे खंड के दोहरीकरण का काम भी पूरा हो चुका है।
कुछ नए प्रमुख कार्यों की मंजूरी में शामिल हैं (1) 2042.51 करोड़ रुपये की लागत से बरास्ते रांगिया (142 किमी) न्यू बोनगैगांव से अघरी खंड का दोहरीकरण, (2) 888 करोड़ रुपये एवं 3512 करोड़ रुपये की लागत से ब्रह्मपुत्र पर क्रमशः सरायघाट एवं तेजपुर सिलघाट पर पुल, (3) 2293 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूर्वोत्तर के समस्त 2352 किमी लंबे बीजी रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण।
4. सड़क क्षेत्र में, 7707.17 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 536 किमी की लंबाई वाली 35 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर निर्णय किए जा चुके हैं। अरुणाचल प्रदेश में 3 परियोजनाएं (66 किमी लंबी) पूरी हो चुकी हैं।
5. भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) रूट एवं एनडब्ल्यू 2 (ब्रह्मपुत्र) के बरास्ते कोलकाता एवं हल्दिया बंदरगाहों से गुवाहाटी टर्मिनल तक बल्क कार्गो एवं कंटेनर आवाजाही आरंभ हो चुकी है। इस जलमार्ग के प्रचालन से संभार तंत्र की लागत में काफी बचत होगी। 305.84 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से आईबीपी रूट का बांग्लादेश के हिस्से में और विकास किया जा रहा है।
6. केंद्रीय बजट 2020-21 में आरंभ कृषि उड़ान योजना शुरू हो चुकी है और बागडोगरा, गुवाहाटी एवं अगरतला हवाई अड्डों से अनानास, अदरक, किवी, जैविक उपज जैसे कृषि उत्पादों का परिवहन आरंभ हो गया है।
7. अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी पन बिजली परियोजना से संबंधित सभी बाधाएं (कानूनी, राजनीतिक एवं पर्यावरणगत) दूर की जा चुकी हैं और 2000 मेगावाट परियोजना (2011 से अवरुद्ध) पर कार्य आरंभ हो चुका है तथा इसके 2023 तक पूरा हो जाने की संभावना है।
माननीय मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान 2803 करोड़ रुपये का मंत्रालय का व्यय किसी एक वर्ष की अवधि की तुलना में सर्वाधिक रहा है। वित वर्ष 2019-20 में मंत्रालय का व्यय 2670 करोड़ रुपये रहा है जो आरई आवंटन का 100 प्रतिशत है और यह किसी भी वित्त वर्ष के लिए सर्वोच्च रहा है। अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
क. 2800 करोड़ रुपये के बराबर की 215 जारी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और डोनर मंत्रालय/एनईसी की विभिन्न योजनाओं के तहत 2286 करोड़ रुपये के बराबर की 152 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
ख. कोविड-19 से मुकाबला: वित्त मंत्रालय द्वारा 7923.78 करोड़ रुपये एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय 235.59 करोड़ रुपये जारी किए जाने के अतिरिक्त, डोनर मंत्रालय/एनईसी द्वारा 25 करोड़ रुपये की शर्त रहित सहायता उपलब्ध कराई गई है। डोनर मंत्रालय ने मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश एवं मणिपुर में स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए एनईएसआईडीएस के तहत 152.18 करोड़ रुपये के बराबर की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सीबीटीसी हॉस्टल ब्लाक, बर्नीहाट, गुवाहाटी, असम एवं एनईसी हाउस, नई दिल्ली में दो क्वारंटाइन सुविधा केंद्रों की पहचान की गई है।
ग. डोनर मंत्रालय की एनईआरएलपी एवं एनईआरसीओआरएमपी आजीविका योजनाएं पूर्वोत्तर के छह राज्यों, 15 जिलों को कवर करती हैं और इसने क्षेत्र के 4,12,644 परिवारों के लिए आजीविका का सृजन किया है। इन योजनाओं के तहत, 36,561 एसएचजी, 1506 एसएचजी फेडेरेशनों, 1599 समुदाय विकास समूहों, 2899 प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन समूहों (एनएआरएमजी) तथा 286 एनएआरएमजी संघों का सृजन किया गया है।
घ. पूर्वोत्तर क्षेत्र के एमएसएमई एवं सूक्ष्म वित्त क्षेत्रों के संवर्धन के लिए, एनईडीएफआई ने 30 करोड़ रुपये के लक्ष्य, जैसाकि जून 2019 से मई 2020 के दौरान मंत्रालय के साथ एमओयू में प्रावधान किया गया था, के मुकाबले 47.02 करोड़ रुपये की राशि संवितरित की है। इसने बीएफसी के जरिये कुल 539 उद्यमियों को मेंटरिंग सेवाएं भी उपलब्ध कराई हैं और 77 उद्यमियों के लिए क्रेडिट लिंक सुगम बनाया है।
ड़. मंत्रालय एवं एनईसी, एनईएचएचडीसी, सीबीटीसी आदि जैसे इसके संगठनों द्वारा संचालित प्रमुख कार्यक्रमों में केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में गुवाहाटी में एनईसी पूर्ण अधिवेशन, उप्र एवं नजदीक के बिहार के क्षेत्रों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के हथकरघ एवं हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में डेस्टिनेशन नार्थ-ईस्ट, आइजॉल में पूर्वोत्तर क्षेत्र हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी और जम्मू एवं कश्मीर में केन तथा बांस पर कार्यशाला सह प्रदर्शनी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने डोनर मंत्रालय की टीम को 2019-20 के दौरान 100 प्रतिशत व्यय अर्जित करने पर बधाई दी। उन्होंने कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए अवसंरचना विकसित करने में पूर्वोत्तर राज्यों की सहायता करने तथा ऐसे विभिन्न मुद्दों जिनके लिए केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के अंतःक्षेपों की आवश्यकता थी, में पूर्वोत्तर के राज्यों एवं विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के बीच एक समन्वयकारी भूमिका निभाने के लिए भी मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों से अपनी गति बनाये रखने तथा अच्छा कार्य जारी रखने की अपील की।