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एलएसी पर एकतरफा ढंग से कोई भी बदलाव किसी भी हालत में नहीं होने देगें

19 जून 2020 को आयोजित सर्वदलीय बैठक पर वक्‍तव्‍य

नई दिल्ली । कल आयोजित सर्वदलीय बैठक (एपीएम) में प्रधानमंत्री द्वारा कई बातों को स्‍पष्‍ट करने के बावजूद इनका गलत अर्थ निकालने के प्रयास कुछ हलकों में किए जा रहे हैं । प्रधानमंत्री ने एपीएम में स्पष्ट किया कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का अतिक्रमण करने के किसी भी प्रयास का पूरी दृढ़ता से यथोचित जवाब देगा। दरअसल, उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया कि अतीत में भले ही इस तरह की चुनौतियों की अनदेखी की जाती रही हो, लेकिन भारतीय सेना अब एलएसी के किसी भी तरह के अतिक्रमण पर तत्‍काल निर्णायक कदम उठाती है (‘उन्‍हें रोकते हैं, उन्‍हें टोकते हैं’)।

एपीएम के दौरान यह भी सूचित किया गया कि इस बार चीनी सैनिक अपेक्षाकृत अधिक संख्‍या में एलएसी के पास पहुंच गए हैं। हालांकि, भारत ने भी उसी के अनुसार किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। जहां तक एलएसी के अतिक्रमण का सवाल है, एपीएम में यह स्पष्ट किया गया कि 15 जून को गलवान में हिंसा इसलिए हुई थी क्योंकि चीन की तरफ से एलएसी के ठीक पार कुछ निर्माण कार्यों को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी और इन निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से उसने साफ इनकार कर दिया था।

सर्वदलीय बैठक में चर्चाओं के दौरान प्रधानमंत्री के संबोधन का फोकस 15 जून को गलवान में हुई हिंसक झड़पों पर था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। प्रधानमंत्री ने गलवान में शहीद हुए देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्‍होंने चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री ने बताया कि हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी की बदौलत एलएसी पर भारतीय सीमा में चीन की कोई भी घुसपैठ नहीं हुई है। 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने बलिदान देकर चीन द्वारा यहां कुछ भी निर्माण कार्य करने के नापाक इरादों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया और इसके साथ ही 15 जून को एलएसी पर भारतीय सीमा में अतिक्रमण करने के प्रयासों को भी बिल्‍कुल निष्‍फल कर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन लोगों ने हमारी सीमा में अतिकमण करने की कोशिश की थी उन्‍हें हमारे वीर सपूतों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। दूसरे शब्‍दों में, देश के इन वीर सपूतों ने हमारे सशस्त्र बलों के मूल्यों और स्‍वाभिमान की रक्षा की।’ प्रधानमंत्री ने विशेष बल देते हुए कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सशस्त्र सेना देश की सीमाओं की रक्षा करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी।’

भारतीय सीमा कहां तक फैली हुई है, यह भारत के नक्शे से स्पष्ट है। यह सरकार इसे अक्षुण्‍ण रखने के लिए पूरी दृढ़ता के साथ संकल्पबद्ध है। जहां तक कुछ अवैध कब्जों का सवाल है, इस बारे में सर्वदलीय बैठक में विस्तार से बताया गया कि पिछले 60 वर्षों में 43,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक भूमि पर किन परिस्थितियों में दबाव की स्थिति है, यह देश उससे अच्छी तरह से अवगत है। यह भी स्पष्ट किया गया कि यह सरकार एलएसी पर एकतरफा ढंग से कोई भी बदलाव किसी भी हालत में नहीं होने देगी।

ऐसे समय में जब हमारे वीर जवान पूरी मुस्‍तैदी के साथ देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनका मनोबल कम करने के लिए अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है। हालांकि, सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने कमोबेश एक सुर से राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता दिखाई। हमें भरोसा है कि जानबूझकर किए जा रहे दुष्‍प्रचार से भारतीय लोगों की एकजुटता कतई कम नहीं होगी।

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