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शेयर बाजार : निवेशकों में अगले सप्ताह रहेगा कोरोना के नये वैरिएंट का खौफ

कोरोना के नये वैरिएंट ओमीक्रोन के संक्रमण के प्रसार के भय से विदेशी बाजारों में आए भूचाल से बीते सप्ताह चार प्रतिशत से अधिक लुढ़ककर हाहाकार देख चुके घरेलू शेयर बाजार में अगले सप्ताह भी निवेशकों को इस वैरिएंट और उसके अनुरूप विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की चाल का खौफ रहेगा।दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए वेरियेंट ओमीक्रोन का पता लगने के बाद पूरी दुनिया सतर्क हो गयी है। दक्षिण अफ्रीक, बोत्सवाना, बेल्जियम के अलावा हांगकांग में भी इस नये वेरियेंट के मरीज मिल रहे हैं।

नये वैरिएंट के सामने आने के बाद निवेशकों को एक बार फिर से लॉकडाउन लगाये जाने डर सताने लगा है। ऐसे में अफ्रीकी देशों से हवाई सेवाएं स्थगित करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इजराइल ने सात और ब्रिटेन ने छह अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर रोक लगा दी है।इन खबरों के बाद समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2528.86 अंक यानी 4.24 प्रतिशत का गोता लगाकर करीब तीन माह के निचले स्तर 57,107.15 अंक पर आ गया। इससे पहले 01 सितंबर को सेंसेक्स 57338.21 अंक पर बंद हुआ था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 738.35 अंक अर्थात 4.16 प्रतिशत लुढ़ककर 17,026.45 अंक पर रहा। बीएसई की बड़ी कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों में भी बिकवाली हावी रही।

इस दौरान मिडकैप 1072.11 अंक टूटकर 24,846.51 अंक और स्मॉलकैप 726.82 अंक का गोता लगाकर 28,071.41 अंक पर आ गया।विश्लेषकों की मानें तो बीते सप्ताह वैश्विक शेयर बाजार के लिए शुक्रवार ब्लैक फ्राइडे साबित हुई। यह भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए ब्लैक मंडे और ब्लैक फ्राइडे दोनों था, जहां हमने सोमवार को पेटीएम की कमजोर लिस्टिंग के कारण बड़ी गिरावट देखी वहीं वैश्विक स्तर पर नए कोविड संस्करण की चिंताओं के कारण शुक्रवार को एक क्रूर बिक्री हुई थी। कोविड के नये वैरिएंट, एफआईआई का व्यवहार और अर्थव्यवस्था के जारी होने वाले आंकड़े अगले सप्ताह शेयर बाजार को चाल निर्धारित करने वाले प्रमुख कारक होंगे।

एफआईआई पिछले कई दिनों से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह नकद बाजार में 21000 करोड़ रुपये की बिक्री की। यदि अक्टूबर-नवंबर महीने के आंकड़ों को देखें तो वे भारतीय बाजार में 50000 करोड़ रुपये से अधिक के बिकवाल रहे। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर 30 नवंबर को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और इसके बाद ऑटो बिक्री के मासिक आंकड़े जारी होने वाले हैं। इन आंकड़ों का भी बाजार पर असर रहेगा।

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