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साइबर सुरक्षा की जानकारी आम जन तक पहुचाना जरूरी : प्रो. चंद्रकांत रागीट

हिंदी विश्‍वविद्यालय में साइबर सुरक्षा पर संकाय विकास कार्यक्रम का उदघाटन

वर्धा । भारत में साइबर सुरक्षा की जानकारी आम जन तक पहुंचाने के लिए लोगों में डिजीटल साक्षरता का प्रसार करने की आवश्‍यकता है। साइबर सुरक्षा के बढते महत्‍व को देखते हुए इसे स्‍कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। यह विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट ने व्‍यक्‍त किये। प्रो. रागीट विश्‍वविद्यालय में सूचना एवं भाषा अभियांत्रिकी केंद्र तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, (अटल) नई दिल्‍ली के तत्‍वावधान में 08 से 12 फरवरी तक साइबर सुरक्षा पर आयोजित संकाय विकास कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य दे रहे थे।

उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि‍ के रूप में संस्कृत प्राच्य विद्या संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो. गिरीश नाथ झा ने कहा कि कोरोना काल में साइबर सुरक्षा की अधिक आवश्‍यकता महसूस हुई। उन्‍होंने कहा कि देश में डिजीटल साक्षरता के लिए भाषा एक चुनौती है। हमें आसान साफ्टवेअर का उपयोग कर भाषाओं को डिजीटल माध्‍यम से लोगों तक पहुचाना चाहिए। उन्‍होंने भाषा प्रौद्योगिकी द्वारा साइबर सुरक्षा को कैसे मजबूत किया जा सकता है इसपर विस्‍तार से अपनी बात रखी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के निदेशक डॉ. रवीन्द्र सोनी ने कहा कि कोविड के बाद साइबर हमले बढ़ गये हैं। उन्‍होंने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के प्रशिक्षण एवं शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 800 संकाय विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत एक लाख से अधिक प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं और यह एक विश्‍व रिकार्ड बन गया है। कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य सूचना एवं भाषा अभियांत्रिकी केंद्र के निदेशक प्रो. विजय कुमार कौल ने दिया। कार्यक्रम का परिचय संयोजक डॉ. हर्षलता पेटकर ने दिया तथा आभार डॉ. धनजी प्रसाद ने माना।

उदघाटन सत्र के पश्‍चात ऑनलाइन बैंकिंग सुरक्षा विषय पर उत्‍तराखंड खुला विश्‍वविद्यालय में स्‍कूल ऑफ कंप्‍यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी के सहायक प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र पाण्‍डेय ने ऑनलाइन बैंकिग में सुरक्षा उपायों पर अपनी बात रखी। दूसरे सत्र में ‘फिट इंडिया’ विषय पर कर्नल टी.पी. त्‍यागी ने कहा कि शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ होने के साथ साथ मानसिक और तकनीकी रूप से मजबूत होना आवश्‍यक है। इसी सत्र में हिमालयन विश्‍वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. एच. एस. शर्मा ने कहा कि शिक्षा से ही मनुष्‍य की समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है। उन्‍होंने भारतीय जीवन मूल्‍य, विज्ञान और योग तथा आधुनिक युग में कंप्‍यूटर की महत्‍ता और साइबर सुरक्षा की चर्चा अपने वक्‍तव्‍य में की।

कार्यक्रम में अंतर्गत आगामी चार दिनों में रिसलैब केलिफोर्निया विश्‍वविद्यालय बर्कली, यूएसए के डॉ. समीर वाघ, टाटा एडवांस सिस्टम के अध्यक्ष अरुण कुमार, वैज्ञानिक भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय भारत सरकार के आशुतोष बहुगुणा, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, भोपाल के दीपक सिंह तोमर, जवाहरलाल नेहरु विश्‍वविद्यालय नई दिल्ली के एसो. प्रोफेसर डॉ. पीयूष प्रताप सिंह, निदेशक आईटी एवं सुरक्षा, स्थापना संचालन और आईटी सिस्टम, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के ग्रुप कैप्टन अशोक कटारिया, नेशनल फॉरेंसिक साइन्स विश्‍वविद्यालय, गुजरात के रम्य शाह और डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया बेंगलोर व्यंकटेश मूर्ति और अधिवक्ता सुश्री वैशाली भागवत पुणे अपने विचार ऑनलाइन माध्यम से रखेंगे।

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